पुलिस की शह पर हो रही थी जलालपुर के जंगल में गोकशी

मुरादाबाद (सुशील कुमार)। जलालपुर के जंगल में पकड़ी गई गोकशी पर बिलारी पुलिस की भूमिका

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Mar 2019 10:08 AM (IST) Updated:Tue, 26 Mar 2019 10:08 AM (IST)
पुलिस की शह पर हो रही थी जलालपुर के जंगल में गोकशी
पुलिस की शह पर हो रही थी जलालपुर के जंगल में गोकशी

मुरादाबाद (सुशील कुमार)। जलालपुर के जंगल में पकड़ी गई गोकशी पर बिलारी पुलिस की भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है। ड्क्षहदू संगठन के कार्यकर्ताओं के हंगामा करने पर डीआइजी ने एएसपी से बिलारी के साथ कुंदरकी थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों की भूमिका पर जाच रिपोर्ट मागी है। रिपोर्ट के आधार पर बिलारी पुलिस पर कार्रवाई तय मानी जा रही है, क्योंकि जिस स्तर पर गोकशी हो रही थी। उससे साफ है कि

पुलिस को उसकी जानकारी थी। मामला उजागर होने पर कुंदरकी पुलिस ने कार्रवाई की। बिलारी पुलिस उस समय भी कार्रवाई करने से बच रही थी।

बिलारी के खाबरी अब्बल निवासी अभिजीत चौधरी की ओर से कुंदरकी पुलिस को प्रतिबंधित पशु कटान की सूचना यूपी-100 पर दी थी। जलालपुर गाव के जंगल में गन्ने के खेत के अंदर प्रतिबंधित पशुओं का कटान हो रहा था। कुंदरकी पुलिस ने सूचना के बाद छापा मारकर खेत से तीन पशुओं का कटा हुआ मास और पाच प्रतिबंधित पशु जिंदा बरामद किए। पुलिस ने मौके से माहिर को गिरफ्तार कर लिया, जबकि तौफीक, शमशाद, अतिकुल, शकील निवासी खाबरी अब्बल, बाबू, आशिफ , साजिद निवासी बगरुआ, बहारे निवासी जलालपुर, बाबू निवासी ताहरपुर, बिलाल निवासी जलालपुर मौके से भाग गए थे। पुलिस ने ट्रैक्टर-ट्राली भी बरामद की थी, जिसमें भरकर पशुओं को लाया जाता था। ड्क्षहदू संगठनों ने बिलारी पुलिस के एक दारोगा पर गोकशी कराने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। उस समय पुलिस के आला अफसरों ने निष्पक्ष जाच कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। डीआइजी जे रविन्दर गौड ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एएसपी सोनम कुमार से बिलारी और कुंदरकी पुलिस की जाच रिपोर्ट मागी। एएसपी ने दोनों थानों में पहुंचकर जाच पूरी कर ली है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बिलारी थाना पुलिस की भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है, जिस पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। कप्तान जे रविन्दर गौड का कहना है कि जाच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। तस्करों की धरपकड़ के लिए पीएसी तैनात डीआइजी जे रविन्दर गौड ने बताया कि गोकशी के 10 नामजद और पाच अज्ञात आरोपित पुलिस पकड़ से दूर हैं, जिनकी गिरफ्तारी करने के लिए बिलारी और कुंदरकी पुलिस को संयुक्त रूप से लगा दिया है। एक प्लाटून पीएसी भी दी गई है, जो सिविल पुलिस के साथ मिलकर दबिश देगी। एसपी देहात उदय शकर और एएसपी सोनम कुमार दोनों थानों की टीम को लीड कर रहे हैं। थानों में दिलाई गई थी गोकशी रोकने की शपथ पुलिस ने पूर्व में जिन पर गोकशी के मुकदमे दर्ज थे उन लोगों को थाने बुलाकर गोकशी नहीं करने की शपथ दिलाई थी। इसके बावजूद भी गोकशी की जा रही है। डीआइजी ने दोबारा से देहात और शहर सर्किल के सभी थानेदारों को स्पष्ट कर दिया कि यदि गोकशी हुई तो थानेदार पर सीधे कार्रवाई की जाएगी। गोकशी नहीं करने की शपथ लेने वाले लोगों की निगरानी बीट कास्टेबल खुद उनके आवास पर पहुंचकर करें। लावारिस घूम रहे पशुओं को पकड़कर करते थे कटान बिलारी और कुंदरकी के जंगल में बड़े पैमाने पर हो रही गोकशी में सामने आया कि लावारिस हालत में घूम रहे प्रतिबंधित पशुओं को पकड़कर कटान किया जा रहा है। गावों में घूमकर भी पशुओं को कम दामों में खरीदकर पालने का बहना कर खेत में ले जाकर काट दिया जाता था। साथ ही आसपास के कई गाव ही नहीं शहर में भी मास सप्लाई किया जा रहा है। एएसपी को सौंपी गई है जाच गोकशी में पुलिस की भूमिका पर एएसपी को जाच सौंपी गई है, जाच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित पुलिसकर्मियों पर सीधे निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। यूपी-100 को गई एक कॉल के आधार पर ही गोकशी पकड़ी जा सकी है। सभी आरोपितों की धरपकड़ को पीएसी भी लगा दी गई है। बाकी अन्य थाना क्षेत्रों में भी गोकशी के स्थानों को चिह्नित कराया जा रहा है।

-जे रविन्दर गौड, डीआइजी। पश्चिम में गोकशी से गरमा सकती हैचुनावी सियासत उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में प्रचार के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था सत्ता में आने के 24 घटे बाद प्रदेश के सभी अवैध बूचड़खानों को बंद करा देंगे। फिर भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में लगातार गोकशी के मामले सामने आ रहे हैं। दिसंबर 2018 में बुलंशहर के स्याना में गोकशी के विरोध में फायड्क्षरग में इंस्पेक्टर सुबोध समेत दो की जान चली गई थी, तब भी गोकशी रोकने में पुलिस प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है।

बीते रोज कुंदरकी-बिलारी में हुई गोकशी ने फिर मुद्दे को हवा दे दी है। विपक्षी गोकशी पर सत्ताधारी पार्टी को घेर सकते हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गोकशी को चुनावी मुद्दा बनाया था। चुनावी सभाओं में कहा गया था कि सत्ता में आने के 24 घटे बाद प्रदेश में गोकशी पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। योगी सरकार ने प्रदेश में गोशाला खोली तो कई में विस्तार भी किया। यहा तक जेलों में गोशाला खोलने का भी आदेश पारित हो चुका है। इसके बावजूद भी पश्चिमी उत्तरप्रदेश में गोकशी रोकने में पुलिस और प्रशासनिक मशीनरी असफल है। मुरादाबाद में 330 गोकशी के मामले पुलिस ने पकड़े 16 मार्च 2017 से भाजपा सरकार के कार्यकाल को देखें तो मुरादाबाद में 330 मामले गोकशी के पकड़े गए है, जिसमें 871 लोगों को पकड़कर पुलिस गोवंश अधिनियम में जेल भेज चुकी है। 116 लोगों पर गैंगस्टर की कार्रवाई हुई तो 108 को गुंडा बना दिया है। बार्डर पर बड़े पैमाने पर गोकशी कुंदरकी और डिलारी थाने के बार्डर जलालपुर में बड़े पैमाने पर गोकशी हो रही थी। ड्क्षहदू संगठनों ने हंगामा कर पुलिस की गतिविधि भी संदिग्ध बताया था। उप महानिरीक्षक जे रविन्दर गौड का कहना है कि गोकशी को लेकर पूरी सर्तकता बरती जा रही है। आरोपितों पर गैंगस्टर और गुंडा एक्ट में कार्रवाई की जा चुकी है। इन पर भी एक नजर गोकशी की कई घटनाओं को लेकर पहले भी सुलगता रहा है मुरादाबाद जिला, प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद भी गोकशी की घटनाओं में कोई कमी नहीं, गोकशी की घटनाओं पर जिले में अब तक पुलिस ने 330 घटनाओं में कार्रवाई की, कुंदरकी और बिलारी थाने में पकड़ी गई गोकशी पर फिर गरमाया मामला

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