Moradabad Development Authority : नौकरी से न‍िकाले गए कर्मचार‍ियों का मुद्दा गरमाया, कल से तेज होगा आंदोलन

Moradabad Development Authority एमडीए से नौकरी से निकाले गए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की बहाली का मुद्दा गरम है। कर्मचारियों की बहाली को लेकर तमाम विभागीय कर्मचारी लामबंद हैंं। प्राधिकरण कार्यालय में रोजाना प्रदर्शन कर विरोध जताया जा रहा है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 01:10 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 01:10 PM (IST)
Moradabad Development Authority : नौकरी से न‍िकाले गए कर्मचार‍ियों का मुद्दा गरमाया, कल से तेज होगा आंदोलन
समन्वय समिति ने अपने हाथ में लिया आंदोलन, 18 को गेट मीटिंग होगी

मुरादाबाद, जेएनएन। मुरादाबाद कर्मचारी समन्वय समिति ने एमडीए के 110 दैनिक कर्मचारियों की बहाली को लेकर आंदोलन को अपने हाथों में ले लिया है। सोमवार से आंदोलन तेज होगा। विभागीय कर्मचारी 18 जनवरी से गेट मीटिंग कर बहाली का मुद्दा उठाएंगे। इसे लेकर नगर निगम कार्यालय से गेट मीटिंग की शुरुआत होगी।

एमडीए से नौकरी से निकाले गए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की बहाली का मुद्दा गरम है। कर्मचारियों की बहाली को लेकर तमाम विभागीय कर्मचारी लामबंद हैंं। प्राधिकरण कार्यालय में रोजाना प्रदर्शन कर विरोध जताया जा रहा है। शनिवार को 13वें दिन भी कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहा। आंदोलन तेज करने के लिए कर्मचारी संगठनों ने विरोध की ठानी है। संगठन सोमवार से गेट मीटिंग कर विरोध जताएगा। इसकी शुरुआत नगर निगम कार्यालय से होगी। सोमवार को सुबह 10 से 12 बजे तक तमाम विभागों के कर्मचारी गेट मीटिंग कर विरोध जताएंगे। गेट मीटिंग में निगम के अलावा अन्य विभागों के कर्मचारी भी जुटेंगे। आंदोलन को लेकर गठित समन्वय समिति के सचिव मुहम्मद सुबहान और निगम कर्मचारी नेता राजू अंबेडकर व अमर सिंह का कहना है कि एमडीए के कर्मचारियों की बहाली के लिए तमाम विभागीय संगठन एक प्लेटफार्म पर है। संगठन चाहता है कि 25 साल से एमडीए में कार्यरत कर्मचारियों की जल्द बहाली हों। इसके लिए सोमवार से आंदोलन को तेजी दी जाएगी।

एमडीए बोर्ड ही ले सकता है फैसला

मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के 110 कर्मचारियों की बहाली के लिए बोर्ड ही कोई फैसला ले सकता है। इसके अलावा शासन को इस मुद्दे पर पूरा अधिकार है। एमडीए उपाध्यक्ष तो अपने फैसले पर अटल हैं। इन दिनों वह काेरोना पॉजिटिव हो गईं हैं। एमडीए सचिव स‌र्वेश कुमार गुप्ता के पास उपाध्यक्ष का चार्ज है। वह कोई भी नीतिगत फैसला नहीं ले सकते हैं। बोर्ड के सामने उपाध्यक्ष ने कर्मचारियों का वेतन कम करने की जो फाइल रखी थी। उस पर एमडीए सचिव की भी तो सहमति है। ऐसे में उपाध्यक्ष और सचिव इस मुद्दे पर कोई फैसला लेने की स्थिति में नहीं है। बोर्ड ही इस पर अंतिम फैसला ले सकता है।

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