पीतल भट्ठी व ई-कचरा जलने से जहरीली हो रही शहर की हवा

शहर की आबोहवा और जहरीली हो गई है। घर से बाहर निकलते ही धूल का गुबार।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 03:01 AM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 03:01 AM (IST)
पीतल भट्ठी व ई-कचरा जलने से जहरीली हो रही शहर की हवा
पीतल भट्ठी व ई-कचरा जलने से जहरीली हो रही शहर की हवा

मुरादाबाद,जासं : शहर की आबोहवा और जहरीली हो गई है। घर से बाहर निकलते ही धूल का गुबार लोगों की सेहत पर प्रहार कर रहा है। कोरोना काल में प्रदूषण ने लोगों की चिता बढ़ा दी है। मंगलवार को दूसरे दिन भी मुरादाबाद शहर रेड जोन में आ गया है। प्रदूषण के लिए महानगर में चल रही पीतल भट्ठियां व अन्य धातुओं को गलाकर आइटम बनाने वाली भट्टियों से निकलने वाले धुएं को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इसके अलावा शहर और देहात क्षेत्रों में चोरी छिपे जलाया जाने वाला ई-कचरा है।

हालांकि ई-कचरा जलाने पर लगभग नियंत्रण कर लिया गया है, पर ई-कचरा का जिले में जाना जारी है। इसकी गवाही समय-समय पर पुलिस द्वारा पकड़े जाने वाले ट्रक देते हैं।

प्रदूषण के मामले में इंडियन एयर क्वालिटी इंडेक्स में मुरादाबाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ की बराबरी पर है। दोनों शहर देश में रेड जोन में 322 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब को पार कर चुके हैं। पीएम-10 बढ़ने से वातावरण धुंधला हो गया है। मुरादाबाद में पीतल की भट्टी जलने से प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है। इससे मौसम में नमी बढ़ने का खतरा मंडरा गया है। लालबाग, नवाबपुरा, दसवां घाट, वारसी नगर, जामा मस्जिद क्षेत्र, करूला समेत कई क्षेत्रों में पीतल की भट्ठियों से निकलते धुएं के कारण ऑक्सीजन का स्तर घट रहा है। इससे इन दिनों लोगों में एलर्जी, खांसी, जुकाम व दमा की शिकायत बढ़ रही है। देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में मुरादाबाद लगातार प्रदूषण के खतरे में है। लेकिन, प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। कागजों में प्रदूषण रोकने को जागरूकता अभियान चलाने में माहिर यह विभाग दीपावली पर भी सचेत नहीं हुआ।

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