कांठ लाउडस्‍पीकर विवाद में एमपी-एमएलए कोर्ट में कल होगी सुनवाई, महापंचायत के दौरान हुआ था बवाल

पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह के साथ ही नगर विधायक रितेश गुप्ता का नाम भी शामिल है। वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर गुप्ता ने बताया कि पंचायती राज मंत्री और नगर विधायक की ओर से कोर्ट के सामने पक्ष रखा गया।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Tue, 21 Dec 2021 10:48 AM (IST) Updated:Tue, 21 Dec 2021 10:48 AM (IST)
कांठ लाउडस्‍पीकर विवाद में एमपी-एमएलए कोर्ट में कल होगी सुनवाई, महापंचायत के दौरान हुआ था बवाल
इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 22 दिसंबर की तारीख दी है।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कांठ विवाद को लेकर एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान पंचायती राज मंत्री और नगर विधायक के साथ ही अन्य आरोपितों की ओर से अधिवक्ताओं ने जिरह की। दोनों ओर से इस मामले को लेकर अपना पक्ष रखा गया। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 22 दिसंबर की तारीख दी है।

कांठ के अकबरपुर चेंदरी गांव में मंदिर से लाउडस्पीकर उतारने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था। साल 2014 में इसी विवाद को लेकर गांव में एक महापंचायत बुलाई गई थी। महापंचायत के दौरान ही पुलिस और पंचायत में शामिल होने आए लोगों के बीच पत्थरबाजी हुई थी। पुलिस ने इस मामले में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए थे। जिसमें मौजूदा पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह के साथ ही नगर विधायक रितेश गुप्ता का नाम शामिल है। वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर गुप्ता ने बताया कि पंचायती राज मंत्री और नगर विधायक की ओर से कोर्ट के सामने पक्ष रखा गया। जिसमें मामले को राजनीतिक द्वेष भावना प्रेरित करते हुए मुकदमा दर्ज कराने की दलील दी गई। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 22 दिसंबर की तारीख दी है।

ग्रामीणों ने गोशाला भिजवाए गोवंश : अमरोहा में जंगल में इधर-उधर भटक रहे बेसहारा गोवंश को ग्रामीणों ने पकड़-पकड़कर एक जगह जमा किया और पशुपालन विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी। पता चलने पर हसनपुर से पशु चिकित्साधिकारी गांव में पहुंचे। वह केवल एक ही गोवंश को अपने साथ ले गए। इस संबंध में मानवाधिकार न्यायिक सुरक्षा संघ के राष्ट्रीय सचिव चंद्रपाल सिंह ने बताया कि अभी अन्य पशु गांव में ही जमा हैं। अगर उनको गोशाला नहीं भिजवाया गया तो ग्रामीण आंदोलन करेंगे।

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