GST की नई व्यवस्था, सांसद और विधायकों को 18 प्रतिशत टैक्स काटकर दी जा रही निधि

GST New System अब सांसद और विधायकों भी निधि में मिली धनराशि से 18 प्रतिशत जीएसटी काटे जाने के बाद विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव बनाए जाने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में नई जीएसटी की दरें एक जुलाई से लागू हो चुकी हैं।

By Mohsin PashaEdited By: Publish:Fri, 07 Oct 2022 12:20 PM (IST) Updated:Fri, 07 Oct 2022 12:20 PM (IST)
GST की नई व्यवस्था, सांसद और विधायकों को 18 प्रतिशत टैक्स काटकर दी जा रही निधि
GST New System : उत्तर प्रदेश में एक जुलाई से लागू हो गयी जीएसटी की नई व्यवस्था

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। GST New System : अब सांसद और विधायकों भी निधि में मिली धनराशि से 18 प्रतिशत जीएसटी काटे जाने के बाद विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव बनाए जाने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में नई जीएसटी की दरें एक जुलाई से लागू हो चुकी हैं।

जीएसटी काटकर बनाए जा रहे विकास कार्यों के प्रस्ताव

चालू वित्तीय वर्ष में आई विधायक निधि की धनराशि में से दो करोड़ 70 लाख रुपये जीएसटी के काटकर विकास कार्यों के प्रस्ताव बनाए गए हैं। सांसद निधि की धनराशि अभी तक आई नहीं है। आने पर सांसद निधि की धनराशि में से भी 18 प्रतिशत जीएसटी काटकर रकम जमा की जानी है।

जानिए सांसद-विधायकों को कितनी मिलती है निधि

सांसद और विधायकों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में पांच-पांच करोड़ की धनराशि मिलती है। पिछले वित्तीय वर्ष तक विधायकों को तीन करोड़ रुपये प्रतिवर्ष निधि के मिला करते थे। लेकिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निधि को बढ़ाकर पांच करोड़ करा दिया है।

पिछले साल 12 प्रतिशत लगता था जीएसटी

पिछले साल तक विधायकों को मिलने वाली निधि में से 12 प्रतिशत रकम कटकर जीएसटी के खाते में चली जाती थी। इस साल से सरकार ने निधि से 18 प्रतिशत जीएसटी काटने का आदेश जारी कर दिया है। मुरादाबाद जिले में कांठ से कमाल अख्तर, कुंदरकी से जियाउर्रहमान बर्क, बिलारी से फहीम इरफान, ठाकुरद्वारा से नवाबजान, मुरादाबाद देहात से हाजी नासिर कुरैशी पांच विधायक समाजवादी पार्टी से चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं।

जीएसटी काटकर स्वीकृत किए गए विकास प्रस्ताव

नगर से भाजपा के रितेश कुमार गुप्ता दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। इसके अलावा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, गोपाल अंजान, जयपाल सिंह वयस्त और हरि सिंह ढिल्लो चार विधान परिषद सदस्य हैं। इन सभी दस जनप्रतिनिधियों के खाते में डेढ़-डेढ़ करोड़ के हिसाब से निधि के 15 करोड़ रुपये आए थे। इसमें से प्रत्येक जनप्रतिनिधि के खाते से 27 लाख रुपये जीएसटी के काटकर विकास कार्यों के प्रस्ताव स्वीकृत किए गये हैं।

दो विधायक ने आरईडी को दिए प्रस्ताव

कांठ विधायक कमाल अख्तर और नगर विधायक रितेश कुमार गुप्ता के सड़कों के प्रस्ताव स्वीकृत हो गए हैं। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग उनके द्वारा प्रस्तावित सड़कें बनाएगा। अन्य जनप्रतिनिधियों ने सिडको और लघु उद्योग निगम को अपने काम कराने के लिए धनराशि दी है। इसमें प्याऊ, सड़कें और हाईमाक्स लाइटों के काम शामिल हैं।

क्या कहते हैं परियोजना निदेशक

डीआरडीए के परियोजना निदेशक सतीश प्रसाद मिश्र ने बताया कि सरकार ने एक जुलाई से सांसद और विधायक निधि की धनराशि से 18 प्रतिशत जीएसटी काटने के आदेश दिए हैं। जीएसटी की धनराशि काटने के बाद ही विकास कार्यों के प्रस्तावों की स्वीकृति हो रही है। जीएसटी की धनराशि को सरकार के खाते में जमा कराया जा रहा है।

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