Dehradun Shatabdi Express coach fire case : हादसे के वक्‍त कहां थे शताब्दी के एसी तकनीशियन, मामले में जांच शुरू

नई दिल्ली-देहरादून शताब्दी में देहरादून-हरिद्वार के बीच एक बोगी में आग लग गई थी इसके बाद कोच में तैनात एसी तकनीशियन की भूमिका को लेकर जांच शुरू कर दी गई है। अगर तकनीशियन ड्यूटी पर रहता तो एसी कोच में आग नहीं लगती।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Mon, 15 Mar 2021 01:36 PM (IST) Updated:Mon, 15 Mar 2021 01:36 PM (IST)
Dehradun Shatabdi Express coach fire case : हादसे के वक्‍त कहां थे शताब्दी के एसी तकनीशियन, मामले में जांच शुरू
तकनीशियन ड्यूटी पर रहता तो एसी कोच में आग नहीं लगती।

मुरादाबाद, जेएनएन। नई दिल्ली-देहरादून शताब्दी में देहरादून-हरिद्वार के बीच एक बोगी में आग लग गई थी, इसके बाद कोच में तैनात एसी तकनीशियन की भूमिका लेकर जांच शुरू कर दी गई है। अगर तकनीशियन ड्यूटी पर रहता तो एसी कोच में आग नहीं लगती।

राजधानी, शताब्दी व अन्य ट्रेनों के एसी कोच में रेलवे द्वारा एसी तकनीशियन की तैनाती की जाती है। प्रत्येक कोच में एसी के पास उसके बैठने व सोने के लिए व्यवस्था की जाती है। ज‍िससे एसी में कोई खराबी हो तो तकनीशियन एसी को ठीक कर सकें। आग लगने की स्थिति में एसी की आपूर्ति बंद कर सके। शताब्दी एक्सप्रेस में आग लगने का कारण एसी कोच संख्या सी-पांच के एसी उपकरण में आग लगना माना जा रहा है। आग में पूरा कोच जल गया था। एसी तकनीशियन ड्यूटी पर तैनात होता तो कोच में ज‍िस समय धुआं निकलना शुरू हुआ था, वैसे ही वह एसी उपकरण को बंद कर देता। वह खराबी को ठीक कर सकता है। बताया जाता है कि एसी तकनीशियन कोच में ड्यूटी करने के बजाय जनरेटर बोगी में आराम करने चले जाते हैं, कुछ तकनीशियन अधिकांश समय पेंट्रीकार में बिताते हैं। एसी खराब होने या कूलिंग कम होने पर यात्रियों को एसी तकनीशियन की तलाश करनी पड़ती है। यह भी बता दें कि एसी कोच में बेड रोल की सप्‍लाई बंद होने से कोच अटेंडेंट तैनात नहीं किया जाता है। कोच अटेंडेंट होने पर भी यह घटना नहीं होती। रेलवे अधिकारी घटना के समय एसी तकनीशियन कहां था, इसकी जांच की जाती है। अधिकारियों द्वारा एसी तकनीशियन से पूछताछ की जा रही है।  

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