Corona fighters : मुरादाबाद में 103 साल के बुजुर्ग ने दी कोरोना को मात, परेशानियों में भी नहीं खोया हौसला

103-year-old veteran beat Corona कोरोना संक्रम‍ित होते ही कुछ लोग हौसला खो देते हैं लेकिन कुछ लोग तमाम स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी परेशानियों के बावजूद ह‍िम्‍मत नहीं हारते हैं। मुरादाबाद के 103 साल के बुजुर्ग ने ऐसा कर द‍िखाया है। कोरोना को मात देकर उन्‍होंने एक नजीर पेश की है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 07 Oct 2020 09:40 AM (IST) Updated:Wed, 07 Oct 2020 09:40 AM (IST)
Corona fighters : मुरादाबाद में 103 साल के बुजुर्ग ने दी कोरोना को मात, परेशानियों में भी नहीं खोया हौसला
मुरादाबाद में 103 साल के बुजुर्ग ने दी कोरोना को मात।

मुरादाबाद। 103-year-old veteran beat Corona। कोरोना संक्रमण को हौसले से मात दी जा रही है। इसमें हर उम्र के लोगों ने कोरोना वायरस को ठेंगा दिखाया है। सम्भल के 103 साल के पवन कुमार मिश्रा के हौसले को डॉक्टरों ने भी सलाम किया है। 22 सितंबर को उन्हें बुखार और सांस की दिक्कत की वजह से कोविड-19 एल थ्री अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऑक्सीजन लेवल भी कम था। एसपीओ 2 लेवल 86, हीमोग्लोबिन 6.4 था।

प्लेटलेट्स भी काफी कम थीं। मरीज को दो यूनिट ब्लड और प्लेटलेट्स के जंबो पैक चढ़ाए गए। इलाज के बाद उनका ऑक्सीजन लेवल 98 प्रतिशत हो गया। तीन अक्टूबर को आक्सीजन सपोर्ट भी बंद कर दी गई। इसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई। यूनिवर्सिटी कुलाधिपति सुरेश जैन, ग्रुप वाइस चेयरमैन मनीष जैन ने कहा कोरोना बीमारी से डरने की जरुरत नहीं है। इस डर को भगाने का आपके सामने सबसे बड़ा उदाहरण 103 साल बुजुर्ग हैं। कोविड-19 नोडल अधिकारी डॉ. वीके सिंह ने बताया अस्पताल प्रशासन ने मरीज के हौसले को सलाम करते हुए फूल बरसाकर और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच विदा किया।

हौसले ने आसान क‍िया काम 

शुरुआती दौर में लोग कोरोना वायरस के नाम से ही डर जाते थे, संक्रमण होने पर तो च‍िंता में डूब जाते थे लेकिन, समय के साथ-साथ लोगों की सोच में बदलाव आया है। अब लोग ये समझने लगे हैं क‍ि हौसला, सावधानी और समय पर इलाज से ही कोरोना को मात दी जा सकती है। बुजुर्ग पवन कुमार मिश्रा ने तो 103 साल की उम्र में भी अपना हौसला नहीं खोया। संक्रम‍ित होने के बावजूद वे कभी च‍िंंत‍ित नहीं द‍िखे। 

मुरादाबाद की पहली कोरोना संक्रम‍ित ने भी द‍िखाया था हौसला 

मुरादाबाद की मारिशा फ्रांस से लौटकर कोरोना संक्रम‍ित हो गई थी। उस वक्‍त लोगों के द‍िलों में कोरोना का ज्‍यादा खौफ था लेकिन उन्‍होंने अपना हौसला नहीं खोया। अस्‍पताल में इलाज के दौरान वीडियो के जर‍िए लोगों को जागरूक करती रहीं। कहती रहीं क‍ि कोरोना से घबराने की कोई जरूरत नहीं है, इस पर आसानी से व‍िजय पाई जा सकती है। मारिशा फ्रांस से भी वीडियो जारी कर लोगों को जागरूक करती हैं।

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