Azam Khan ने जौहर यूनिवर्सिटी में फहराया 220 फीट ऊंचा झंडा, समझाया आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब

Azam Khan Hoisted Indian Flag समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति आज़म ख़ां ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय में 220 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया।साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब भी बताया।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Wed, 17 Aug 2022 01:16 PM (IST) Updated:Wed, 17 Aug 2022 01:16 PM (IST)
Azam Khan ने जौहर यूनिवर्सिटी में फहराया 220 फीट ऊंचा झंडा, समझाया आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब
Azam Khan Hoisted Indian Flag : स्वतंत्रता दिवस मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में धूमधाम से मना

जागरण संवाददाता, रामपुर। Azam Khan Hoisted Indian Flag : समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव एवं मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी (Mohammad Ali Jauhar University) के कुलाधिपति आज़म ख़ां (Azam Khan) ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय में 220 फीट ऊंचा तिरंगा (Indian Flag) फहराया। साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) का मतलब भी बताया। कहा कि आजादी पाने के लिए भी कीमत चुकानी पड़ती।

आजम खां (Azam Khan) ने सभी को आजादी की बधाई दी। कहा, यह दिन ऐतिहासिक अवसर का प्रतीक है, क्योंकि भारत ने अंग्रेजों के दो सौ वर्षों के दमन के बाद स्वतंत्रता प्राप्त की थी। आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) एक स्वतंत्रता का उत्सव है जो हर 25 साल में मनाया जाता है, ताकि हमारी आज की पीढ़ी के बच्चे यह जान सकें कि भारत को आजादी दिलाने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों को कितने संघर्षों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।

उन्होंने कहा कि किसी भी देश का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है जब वह अपने पिछले अनुभवों और विरासत के गौरव के साथ पल-पल जुड़ा रहता है। कहा कि भारत के पास एक समृद्ध ऐतिहासिक चेतना और सांस्कृतिक विरासत का एक अथाह भंडार है। आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब स्वतंत्रता सेनानियों से प्राप्त प्रेरणा का अमृत होता है। स्वतंत्रता का अमृत यानि नए विचारों का अमृत, नए संकल्पों का अमृत, स्वतंत्रता का अमृत है।

एक ऐसा पर्व जिसमें भारत आत्मनिर्भर होने का संकल्प लेता है। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की विदेश से वापसी, देश को फिर से सत्याग्रह की शक्ति की याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का पूर्ण स्वराज का आह्वान, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का दिल्ली मार्च और दिल्ली चलो का नारा भला कौन भूल सकता है।

इतिहास के इस गौरव को याद रखने के लिए हर राज्य के हर क्षेत्र में इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। देश ने दो साल पहले ही दांडी यात्रा स्थल के पुनर्गठन का काम पूरा कर लिया है। भारत को आजादी दिलाने के लिए देश के कोने-कोने से पुरुष, महिलाओं और युवाओं ने बलिदान दिया था।

इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए गए। इस अवसर पर उपकुलाधिपति अब्दुल्ला आज़म खां, वाइस चांसलर डा. मोहम्मद आरिफ, डिप्टी रजिस्ट्रार डा. एसएन सलाम, डा. स्वाति,डा. फरहा,डा. अजरा,डा. रेखा,डा मोवीन, इमरान खान, डा. गुलअफ्शा, रेशमा खान, शिवम अग्रवाल, नामे अली, अजीमा इत्यादि भी मौजूद रहे।

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