Azam Khan को बड़ा झटका, जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु सम्पत्ति पर रामपुर प्रशासन ने लिया कब्जा

Azam Khan Jauhar University Case इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रामपुर प्रशासान ने मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति की जमीन पर कब्जा ले लिया है। इसके साथ ही तारबंदी का काम भी शुरू करा दिया है। यूनिवर्सिटी परिसर में 13.8 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Wed, 18 May 2022 05:54 PM (IST) Updated:Wed, 18 May 2022 05:54 PM (IST)
Azam Khan को बड़ा झटका, जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु सम्पत्ति पर रामपुर प्रशासन ने लिया कब्जा
Azam Khan Jauhar University Case : जौहर यूनिवर्सिटी में टीम के साथ उप जिला अधिकारी सदर मनीष मीणा बीच में

रामपुर, जेएनएन। Azam Khan Jauhar University Case : इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रामपुर प्रशासान ने मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति की जमीन पर कब्जा ले लिया है। इसके साथ ही तारबंदी का काम भी शुरू करा दिया है। उच्च न्यायालय ने एक सप्ताह पहले रामपुर शहर विधायक एवं मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति आजम खां की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए आदेश दिए थे कि शत्रु संपत्ति पर जिलाधिकारी कब्जा ले लें।

हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने उपजिलाधिकारी सदर मनीष मीणा को कार्रवाई के निर्देश दिए। उपजिलाधिकारी बुधवार को तहसीलदार प्रमोद कुमार और लेखपालों की टीम के साथ जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचे, जहां यूनिवर्सिटी परिसर में स्थित शत्रु संपत्ति पर कब्जे की प्रक्रिया शुरू की। उपजिलाधिकारी ने बताया कि यूनिवर्सिटी परिसर में 13.8 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति है। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में इस जमीन पर कब्जा ले लिया गया है। तारबंदी भी शुरू करा दी गई है। करीब चार हजार मीटर तार लगाया जाएगा। इसे लगाने में करीब एक सप्ताह लगेगा।

सवा दो साल से जेल में बंद हैं आजमः शत्रु संपत्ति के मामले में ही आजम खां की जमानत अर्जी मंजूर नहीं हो पा रही थी। जमानत अर्जी पर 137 दिन तक फैसला सुरक्षित रखने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई, जिस पर हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली, लेकिन जमीन पर प्रशासन को कब्जा लेने के आदेश दे दिए। आजम खां के खिलाफ 88 मुकदमे विचाराधीन हैं और सवा दो साल से वह सीतापुर जेल में बंद हैं। अभी एक मामले में जमानत होना बाकी है।  आजम खां ने सीतापुर जेल में रहते हुए ही उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में रामपुर शहर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें जीत मिली और वह एक ही सीट से दसवीं बार विधायक बने। विधायक बनने के बाद उन्होंने लोकसभा के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया था।

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