मुरादाबाद के चर्चित कांठ व‍िवाद मामले में कैबिनेट मंत्री और नगर विधायक समेत 70 आरोपित दोषमुक्त

सपा सरकार के कार्यकाल में कांठ के अकबरपुर चेंदरी गांव में मंदिर से लाउडस्पीकर उतारने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। इसी मामले को लेकर चार जुलाई 2014 को एक पक्ष ने महापंचायत बुलाई थी। महापंचायत के दौरान विवाद हो गया था।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 12 Jan 2022 06:46 AM (IST) Updated:Wed, 12 Jan 2022 06:46 AM (IST)
मुरादाबाद के चर्चित कांठ व‍िवाद मामले में कैबिनेट मंत्री और नगर विधायक समेत 70 आरोपित दोषमुक्त
वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर गुप्ता ने बताया कि सभी आरोपितों को बरी कर दिया।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कांठ विवाद मामले में मंगलवार को एसीजेएम एमपी-एमएलए कोर्ट में पंचायतीराज मंत्री, नगर विधायक के साथ 70 आरोपित पेश हुए। कोर्ट ने सुनवाई के बाद सभी आरोपित को दोषमुक्त कर दिया। कोर्ट में फैसले को लेकर सुबह से माहौल गर्म था,जैसे ही कोर्ट ने आदेश सुनाया उसके बाद सभी के चेहरे में मुस्कुराहट की लहर दौड़ गई।

सपा सरकार के कार्यकाल में कांठ के अकबरपुर चेंदरी गांव में मंदिर से लाउडस्पीकर उतारने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। इसी मामले को लेकर चार जुलाई 2014 को एक पक्ष ने महापंचायत बुलाई थी। महापंचायत के दौरान विवाद हो गया था। भीड़ ने पथराव किया तो बचाव में आए पुलिस कर्मियों ने लाठी चार्ज कर दिया था। रेलवे लाइन पर भीड़ और पुलिस के बीच टकराव के कारण रेल यातायात घंटों तक ठप रहा। पथराव और मारपीट में पुलिस-प्रशासनिक अफसरों के अलावा तमाम लोग चोटिल हो गए थे। इस घटना में तत्कालीन डीएम चंद्रकांत को भी चोंटे आई थी। कांठ थाना पुलिस ने इस मामले में तीन अलग-अलग मुकदमें दर्ज किए थे। जिसमें एक मुकदमे मौजूदा पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह, शहर विधायक रितेश गुप्ता के साथ ही 70 लोग आरोपित थे। बीते 22 दिसंबर को कोर्ट में 24 गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया गया था। इस मामले में मंगलवार को फैसला आया। वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर गुप्ता ने बताया कि सभी आरोपितों को बरी कर दिया। 

इन इन धाराओं में दर्ज हुए थे मुकदमे : कांठ में हुए बवाल के बाद धारा 147 आइपीसी उपद्रव, धारा 148 आक्रामक आयुध से सज्जित होकर उपद्रव करना, धारा 149 विधि विरुद्ध जनसमूह द्वारा आपराधिक घटना को अंजाम देना, धारा 307 हत्या का प्रयास, धारा 353 लोकसेवक को उसके कर्तव्य से रोकना, धारा 336 उतावलेपन के साथ वह कार्य करने जिससे मानव जीवन में खतरा उत्पन्न होना, धारा 332 लोक सेवक को चोटिल करना, धारा 341 किसी व्यक्ति को बल पूर्वक रोकना, धारा 337 किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा की खतरा पहुंचाना, धारा 338 गम्भीर रूप से चोट पहुंचाना, धारा 504 झगड़े को अंजाम देना, धारा 506 जान से मारने की धमकी देना, धारा 34 सभी आरोपितों द्वारा मिलकर किसी भी बड़ी घटना को अंजाम देना, धारा 3/4 लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, धारा 151 व 152 रेलवे एक्ट रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

इतने लोगों पर दर्ज किया गया था मुकदमा : भूपेंद्र सिंह पंचायती राज मंत्री, रितेश गुप्ता नगर विधायक, विकास जैन, कमल उर्फ कमल किशोर, हरमीत सिंह, राजा राम शर्मा, जगवीर, बेगराज, सुभाष चन्द्र, प्रमोद, देवराज, सहदेव, नरेश, नरेंद्र, योगेंद्र,डा. चंद्रहास, गिरीश त्यागी, युद्धवीर सिंह, सुरेंद्र सिंह, राजपाल, धर्मेंद्र, प्रेमपाल, राहुल, रेशु शर्मा, जयदेव, विकास, हरपाल, लवकुश, विभोर, प्रदीप, होराम सिंह, पिंकू, नरेंद्र, सतेंद्र, महेश चंद्र, जयप्रकाश, पंकज गुप्ता, संजय बंसल, सुभव कुमार, योगेंद्र, कमलवीर, गौरव, सौरव, कमल, रामवीर, रजनीश त्यागी, भूप सिंह, प्रभात, आलोक कुमार, महिपाल, हर भजन, धर्मपाल, विजय, शक्ति सिंह, रामकेश, धर्मपाल, कर्ण सिंह, तेजवीर, उदयराज, विकास कुमार, संदीप ढिल्लो, राजवीर सिंह, रामौतार, विनीत कुमार, सुधीर, मुकेश भारद्वाज, नृपेंद्र, निरुपम विश्नोईगुमान सिंह, कुलदीप शर्मा, गब्बर सिंह, नितिन, शशांक यादव, कामेंद्र सिंह, रचित अग्रवाल, महेंद्र कुमार गुप्ता, दिनेश कुमारअविनाश, अतुल जैन, मनोज कुमार, मुनीश चौहान, अमित प्रधान, राजेंद्र सिंह शामिल रहे। इनमें दो आरोप‍ित  कमल वीर सिंह व सुधीर गुप्ता जो कि अदालत में गैरहाजिर चल रहे थे की पत्रावली अलग कर दी गई है। मुकदमे के दौरान छह आरोप‍ित बेगराज, डा. चंद्रहास, महेंद्र कुमार गुप्ता, महेश चंद्र गुप्ता, सौरभ, एवं धर्मकुमार की मृत्यु हो चुकी है।

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