शिक्षालयों के पास सब 'सुलभ'

सुधीर मिश्र, मुरादाबाद उच्च न्यायालय द्वारा निर्देश दिये गए हैं कि शिक्षण संस्थानों से पांच सौ मी

By Edited By: Publish:Sat, 02 Jul 2016 02:27 AM (IST) Updated:Sat, 02 Jul 2016 02:27 AM (IST)
शिक्षालयों के पास सब 'सुलभ'

सुधीर मिश्र, मुरादाबाद

उच्च न्यायालय द्वारा निर्देश दिये गए हैं कि शिक्षण संस्थानों से पांच सौ मीटर की दूरी तक सिगरेट, गुटखा और शराब न बेची जाए। इसके बावजूद अमल नहीं हो रहा है। शुक्रवार को दैनिक जागरण की टीम जब पड़ताल करने पहुंची तो शिक्षण संस्थानों के आसपास प्रतिबंधित सभी चीजें बिक रही थीं। दुकानें न सिर्फ खुली मिलीं बल्कि खुलेआम गुटका और सिगरेट की बिक्री होती दिखाई दी।

आवास विकास के आसपास तीन बड़े स्कूल हैं। जिनके नजदीक बेरोक टोक नशे का सामान न सिर्फ धड़ल्ले से बिक रहा है बल्कि इसका उपयोग करते छात्र दिखाई देते हैं। तार घर के सामने से आवास विकास को एक संकरी गली जाती है, जिसमें शराब की दुकान है। आसपास तीन स्कूल हैं। नशा करने वाले किशोर बियर की चुस्कियां लेते दिखाई दे जाते हैं।

डॉ. राम सुरेश यादव ने बताया कि न्यायालय के आदेशों का अक्षरश: पालन कराया जाएगा। स्कूल कॉलेजों के आसपास स्थानीय पुलिस छापेमारी करेगी।

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:::ऐसी मिली स्थिति::::

स्थान : लासा मार्ट चौराहे से गुरहट्टी तक।

कालेज: मार्ग पर मैथोडिस्ट, केसीएम और चित्रगुप्त कॉलेज हैं।

स्थिति: चित्रगुप्त कॉलेज के ठीक सामने दुकान पर बैठी महिला को इससे मतलब नहीं कि कौन सिगरेट व गुटका खरीद रहा है, बस रुपये लेने के बाद नशे का सामान दिया और फिर से अपने काम में लग गई। एकता द्वार से अंदर जाते ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भवन के सामने की दुकान पर भी कुछ ऐसा ही आलम दिखाई दिया। दुकानदार ने रुपये लेने के बाद तुरंत नशे का सामान ग्राहक की ओर बढ़ा दिया, चाहे वह सात साल का बच्चा हो या बीस साल का युवक। जेल रोड तक आधा दर्जन दुकानों पर इसी तरह की अव्यवस्था देखने को मिली।

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स्थान : डिप्टीगंज से महिला थाना

कालेज : आसपास कौशल्या इंटर कॉलेज, टाइनी टाट्स, विल्सोनिया और एसएस चिल्ड्रन अकादमी हैं।

स्थिति : इस मार्ग पर भी दुकानों का यही आलम है। गुटखा और अन्य नशे के सामान की लड़ियां टंगी हैं। दुकानदारों से जानकारी करने पर पता चला कि उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है।

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स्थान : सिविल लाइंस

स्थिति: महाराजा अग्रसेन, सेंट पॉल और ग्रीन मिडोज स्कूल हैं। इन स्कूलों से मानक दूरी के अंदर ही आधा दर्जन दुकानों पर नई पीढ़ी को बरबाद करने का सामान बिकता दिखाई दिया।

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ये हैं न्यायालय के निर्देश

-शिक्षण संस्थानों से पांच सौ मीटर तक नशे के कारोबार पर रोक

-सरकारी कार्यालय और सार्वजनिक स्थानों पर बिक्री तथा इस्तेमाल न हो

-खुली सिगरेट न बेचने के आदेश

-उम्र देखकर सिगरेट व गुटखा बेचा जाए

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चिकित्सक की राय

-वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. नितिन बत्रा ने बताया कि सिगरेट पीने से गले का कैंसर, बीड़ी से सांस की बीमारी के अलावा आंतरिक अंग खराब हो जाते हैं। सुपाड़ी चबाने से दांत तथा मुंह की बीमारी हो जाती है। जबकि शराब और बियर के अत्यधिक सेवन से लीवर तथा किडनी संबंधी बीमारी हो जाती हैं। निर्धारित मात्रा से अधिक शराब पीने से मानसिक संतुलन खो जाता है, जिससे या तो पीने वाला पागल हो जाता है या उसकी मौत हो जाती है।

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