घुड़सवारी के साथ: प्रोत्साहन बगैर कैसे मिलेगा पदक

मुरादाबाद ।पुलिस विभाग में घुड़सवारी को प्रोत्साहन की आक्सीजन की जरूरत है। पूरे प्रदेश में एकमात्र मै

By Edited By: Publish:Fri, 19 Dec 2014 01:30 AM (IST) Updated:Fri, 19 Dec 2014 01:30 AM (IST)
घुड़सवारी के साथ: प्रोत्साहन बगैर कैसे मिलेगा पदक

मुरादाबाद ।पुलिस विभाग में घुड़सवारी को प्रोत्साहन की आक्सीजन की जरूरत है। पूरे प्रदेश में एकमात्र मैदान मुरादाबाद में है। घोड़ों के लालन-पालन की जिम्मेदारी घुड़सवारों की रहती है। इसके बाद भी चार साल से खेल कोटे के तहत पुलिसकर्मियों की पदोन्नति पर भी मुख्यालय ने रोक लगा रखी है। इन हालातों में घुड़सवारों से पदक की अपेक्षा की जा रही है।

घुड़सवार पुलिस का अलग ही रुतबा रहा है। अंग्रेजों के जमाने में तो हैड कांस्टेबिल भी घोड़े पर राउंड लेने के लिए निकलता था। घुड़सवारी की परंपरा को तो बरकरार रखा गया लेकिन घोड़े हो या घुड़सवार दोनों की ओर से पुलिस विभाग ने मुंह फेर रखा है। घोड़ों को पालने के लिए बेहतर सुविधाएं नहीं हैं। घुड़सवार अपने साजो सामान से उन्हें प्रशिक्षित कर रहे हैं। इसके बाद भी घुड़सवार पुलिस वालों को पिछले चार साल से पदोन्नति का लाभ नहीं मिल रहा है। इनको नियमानुसार खेल कोटे से प्रोन्नत किया जाना चाहिए लेकिन अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं।

--

हालात बेहद खराब

नाम तो प्रदेशस्तरीय प्रतियोगिता का है लेकिन यहां पर हालात बेहद खराब हैं। घुड़सवारों के लिए तो डाइट का इंतजाम है लेकिन घोड़ों के लिए घास, चना, जौ, चोकर, गुड़ और तेल की व्यवस्था नहीं की है। पहले ही घुड़सवारों को बता दिया गया था कि अपने घोड़े के हिसाब से पूरा सामान खुद ही लेकर आएं। राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चार बार पदक हासिल कर चुके इलाहाबाद के नत्थू लाल गंगवार बताते हैं कि घोड़ों की सारी जिम्मेदारी सवार की होती है।

---

इनाम की धनराशि के लिए भी इंतजार

विभाग की बदइंतजामी का आलम यह है कि प्रतियोगिता के दौरान घुड़सवारों के लिए इनाम की घोषणा तो कर दी जाती है। उसकी धनराशि मिलने में भी महीनों का वक्त लग जाता है।

--

अपनी जान के लिए खुद जिम्मेदार

घुड़सवार बताते हैं कि यदि प्रतियोगिता के दौरान कोई घुड़सवार घायल हो जाए तो उसका इलाज बस आयोजकों के रहमोकरम पर है। विभाग की ओर से उसे चिकित्सीय भत्ता तक नहीं दिया जाता है।

--

दस फरवरी से होगी आल इंडिया प्रतियोगिता

आल इंडिया पुलिस प्रतियोगिता 10 फरवरी से जयपुर में होनी है। सात दिन चलने वाली इस प्रतियोगिता में सोलह टीमें हिस्सा लेंगी। इसमें तीन टीमें पैरामिलिट्री बल की रहेंगी। जयपुर में होने वाली प्रतियोगिता के लिए मुरादाबाद के अच्छे घोड़ों का चयन किया जा रहा है।

---

' मुख्यालय से प्रतियोगिता के लिए जो बजट आया है। उसमें बेहतर सुविधाओं देने का प्रयास किया जाता है।

- नासिर कमाल, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस अकादमी

chat bot
आपका साथी