स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व को अपनाने पर दिया गया जोर

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चुनार की राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा महाविद्यालय सभागार में स्वामी विवेकानंद की 156 वीं जयंती युवा दिवस के रूप में मनाई गई। इसमें वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान उनके बताए रास्ते पर चलते हुए अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jan 2019 08:38 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jan 2019 08:38 PM (IST)
स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व
को अपनाने पर दिया गया जोर
स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व को अपनाने पर दिया गया जोर

जासं, चुनार (मीरजापुर) : राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चुनार की राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा महाविद्यालय सभागार में स्वामी विवेकानंद की 156 वीं जयंती युवा दिवस के रूप में मनाई गई। इसमें वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान उनके बताए रास्ते पर चलते हुए अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया गया। प्राचार्य डा. मंजू शर्मा ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण, राष्ट्रीय सेवा योजना का ध्वजारोहण भी किया।

उन्होंने अमेरिका के शिकांगो की धर्म संसद में साल 1893 में दिए गए भाषण की चर्चा करते हुए कहा कि यह वो भाषण है जिसने पूरी दुनिया के सामने भारत को एक मजबूत छवि के साथ पेश किया गया था। अन्य वक्ताओं ने युवाओं को प्रेरित करने के साथ विवेकानंद के जीवन दर्शन से अवगत कराया। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डा. दीपनारायण, डा. माधवी शुक्ला, डा. शेफालिका राय, डा. नलिनी, पारस, संतोष आदि थे।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद चुनार द्वारा स्वामी विवेकानंद की जयंती पर रामसुरेश ¨सह महाविद्यालय कैलहट में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कालेज के प्राचार्य डा. राधेश्याम ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान अविनाश गुप्ता, पवन मौर्य, कैलाश यादव, अजीत कश्यप, राहुल गुप्ता, आर्यन वर्मा, सागर गुप्ता, अंकित उपाध्याय, धीरज जायसवाल आदि थे।

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा नगर इकाई चुनार के तत्वावधान में संगठन मंत्री मनीष श्रीवास्तव के चेचरी मोड़ स्थित कैंप कार्यालय पर स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर अध्यक्ष जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने की। महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद हमारे समाज में पैदा होने वाले दिव्य पुरुष थे। इस दौरान मनोज श्रीवास्तव, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, विनोद श्रीवास्तव बीनू, धीरज श्रीवास्तव आदि थे।

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