आषाढ़ एकादशी पर गड़बड़ाधाम में श्रद्धालुओं ने लगाई हाजिरी

हलिया विकास खंड क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध एवं दार्शनिक स्थल गड़बड़ाधाम में आषाढ़ एकादशी व्रत होने के कारण भोर से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगा। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई। हालांकि कोरोना के कारण मंगला आरती के बाद गर्भ गृह कपाट बंद कर दिया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं को झांकी से ही मां शीतला के भव्य रूप का दर्शन कराया गया। साथ ही घंटा घड़ियाल और मां के जयकारे से पूरा दिन मंदिर परिसर गूंजता रहा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Jul 2021 07:42 PM (IST) Updated:Mon, 05 Jul 2021 07:42 PM (IST)
आषाढ़ एकादशी पर गड़बड़ाधाम में श्रद्धालुओं ने लगाई हाजिरी
आषाढ़ एकादशी पर गड़बड़ाधाम में श्रद्धालुओं ने लगाई हाजिरी

जागरण संवाददाता, गड़बड़ाधाम (मीरजापुर) : हलिया विकास खंड क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध एवं दार्शनिक स्थल गड़बड़ाधाम में आषाढ़ एकादशी व्रत होने के कारण भोर से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगा। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई। हालांकि कोरोना के कारण मंगला आरती के बाद गर्भ गृह कपाट बंद कर दिया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं को झांकी से ही मां शीतला के भव्य रूप का दर्शन कराया गया। साथ ही घंटा घड़ियाल और मां के जयकारे से पूरा दिन मंदिर परिसर गूंजता रहा।

सोमवार को प्रात: काल से ही दर्शनार्थियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने सेवटी नदी में स्नान कर मां शीतला की एक झलक पाने के लिए कतारबद्ध हो गए। परिवार की सुख, शांति व समृद्धि के साथ ही कोरोना संक्रमण से मोक्ष प्राप्ति के लिए कामना की। भक्तों ने फल-फूल, गुड़हल की माला, नारियल-चुनरी, पूड़ी-लपसी व मिष्ठान मां के चरणों में अर्पित कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की विनती की। मंदिर के पुजारी रजनीश पांडेय ने बताया कि 20 हजार श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई।

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