रंगेहाथ पकड़ा गया लिपिक, एसीबी टीम लखनऊ लेकर रवाना

भरुहना स्थित ¨वध्यवासिनी कालोनी में बीती रात एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम श्रमिक अस्पताल के लिपिक के घर छापेमारी की। इस दौरान लिपिक विजयानंद त्रिपाठी के परिवार वालों ने टीम का विरोध किया लेकिन स्थानीय पुलिस की मौजूदगी होने के कारण उनका यह हथकंडा काम नहीं आया। छापेमारी के दौरान लिपिक के घर के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई और बुधवार को उसे अपने साथ लखनऊ लेकर टीम रवाना हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Oct 2018 08:14 PM (IST) Updated:Wed, 10 Oct 2018 08:14 PM (IST)
रंगेहाथ पकड़ा गया लिपिक, एसीबी टीम लखनऊ लेकर रवाना
रंगेहाथ पकड़ा गया लिपिक, एसीबी टीम लखनऊ लेकर रवाना

जारगण संवाददाता, मीरजापुर : भरुहना स्थित ¨वध्यवासिनी कालोनी में बीती रात एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम श्रमिक अस्पताल के लिपिक के घर छापेमारी की। इस दौरान क्लर्क विजयानंद त्रिपाठी के परिवार वालों ने टीम का विरोध किया, लेकिन स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में उनका यह हथकंडा काम नहीं आया। छापेमारी के दौरान लिपिक के घर के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई। बुधवार को उसे अपने साथ लखनऊ लेकर टीम रवाना हो गई।

मीरजापुर के ईएसआइ अस्पताल में लिपिक के पद पर तैनात विजयानंद त्रिपाठी ने किसी काम के लिए रिश्वत मांगी, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने एसीबी से शिकायत कर दी। एसीबी की टीम केमिकल लगा नोट लिपिक को देने के लिए शिकायतकर्ता को भेजा और उसके बाद छापेमारी की। जब मौके पर टीम पहुंची तो परिवार की महिलाओं व पुरुषों ने विरोध किया, लेकिन पुलिस को साथ देकर उन्हें शांत होना पड़ा। लिपिक का हाथ धुलवाया गया तो वह लाल रंग से रंग गया। इसके बाद केमिकल लगे नोटों की तलाश की जाने लगी। एसीबी इंस्पेक्टर आरएन फिरौदिया के अनुसार संभवत: उसने रुपये को शौचालय में डालकर फ्लश कर दिया, जिसके लिए शौचालय तोड़ा गया लेकिन रुपये बरामद नहीं हो सके। इसके बाद एसीबी टीम ने घर की तलाशी ली। बुधवार सुबह लिपिक के साथ टीम ने उसके कार्यालय में भी आवश्यक दस्तावेज तलाशे और जानकारियां जुटाईं। इसके बाद साक्ष्यों के साथ एसीबी टीम लिपिक को लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गई। पुलिस को दी गई थी जानकारी

एसीबी अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी से पहले पुलिस अधीक्षक को जानकारी दी गई थी और महिला पुलिस की मांग की गई थी। इसके बाद महिला थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे थे। इस मामले को लेकर आसपास के लोग भी कोई जानकारी देने से बचते रहे।

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