‘जीरो’ से 500 करोड़ के फिल्मी प्रोजेक्ट हुए जीरो, निर्माताओं ने खींचे हाथ
जीरो के खराब प्रदर्शन से मेरठ से जुड़े फिल्मी प्रोजेक्ट्स पर बुरा असर पड़ा है। मेरठ को केंद्र में रखकर बनने जा रहीं फिल्में एकाएक बंद कर दी गई हैं। फिल्म निर्माताओं ने अपने हाथ खींच लिए हैं।
मेरठ, [संदीप शर्मा]। एक झटके में मेरठ पर बनने वाली फिल्मों के पांच सौ करोड़ के प्रोजेक्ट जीरो हो गए हैं। शाहरुख खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म जीरो के फ्लॉप होने के बाद मेरठ शहर पर फिल्म बनाने की योजना बना रहे अन्य निर्माता-निर्देशकों ने हाथ खींच लिए हैं। इसमें यशराज और राजश्री जैसे बड़े बैनर भी शामिल हैं। साथ ही जेपी दत्ता के बैनर की अगली फिल्म भी मेरठ शहर पर केंद्रित थी, जिसे फिलहाल रोक दिया गया है। मेरठ शहर पर बन रही फिल्मों और धारावाहिकों का पहिया शाह रुख खान की जीरो के फ्लॉप होने से रुक गया है।
कई फिल्मों में छाया मेरठ
पिछले लगभग दस वर्षों से बॉलीवुड में वेस्ट यूपी खासकर मेरठ को बड़े पर्दे पर दिखाने को लेकर जबर्दस्त क्रेज था। इसमें ओमकारा, बैंड बाजा बारात, सुई धागा, बधाई हो सरीखी फिल्में हिट या अच्छा बिजनेस करने वाली रहीं। मेरठ शहर पर केंद्रित क्या हाल मिस्टर पांचाल भी हिट सोप ओपेरा की श्रेणी में है। हाल में आई जीरो फिल्म का इंतजार मेरठ सहित हिन्दी सिनेमा प्रेमियों को था, लेकिन दर्शकों को फिल्म ज्यादा पसंद नहीं आई।
आकर्षित करती है भाषा : मनोज
परदेसी बाबू, हद कर दी आपने और वाह तेरा क्या कहने जैसी फिल्मों के निर्देशक मनोज अग्रवाल ने बताया कि मेरठ की भाषा-बोली और स्टाइल आकर्षित करते हैं। राजश्री, यशराज बैनर की करीब चार सौ करोड़ की फिल्में, जो मेरठ शहर पर बनने वाली थीं, उनका काम रोक दिया गया है।
तो सुपरहिट हो जाता है ट्रेंड : शोएब
दूरदर्शन पर सबसे लंबे समय तक चलने वाले धारावाहिक जिंदगी एक भंवर के निर्माता शोएब चौधरी ने बताया कि बॉलीवुड में जब एक ट्रेंड हिट होता है तो वह सुपरहिट होता जाता है। मेरठ के शोएब चौधरी ने बताया कि कई बड़े प्रोडक्शन हाउस मेरठ शहर पर केंद्रित फिल्म बनाने की तैयारी में थे, लेकिन जीरो के फ्लॉप होने के बाद सभी ने हाथ खींच लिए हैं।
कई फिल्मों में छाया मेरठ
पिछले लगभग दस वर्षों से बॉलीवुड में वेस्ट यूपी खासकर मेरठ को बड़े पर्दे पर दिखाने को लेकर जबर्दस्त क्रेज था। इसमें ओमकारा, बैंड बाजा बारात, सुई धागा, बधाई हो सरीखी फिल्में हिट या अच्छा बिजनेस करने वाली रहीं। मेरठ शहर पर केंद्रित क्या हाल मिस्टर पांचाल भी हिट सोप ओपेरा की श्रेणी में है। हाल में आई जीरो फिल्म का इंतजार मेरठ सहित हिन्दी सिनेमा प्रेमियों को था, लेकिन दर्शकों को फिल्म ज्यादा पसंद नहीं आई।
आकर्षित करती है भाषा : मनोज
परदेसी बाबू, हद कर दी आपने और वाह तेरा क्या कहने जैसी फिल्मों के निर्देशक मनोज अग्रवाल ने बताया कि मेरठ की भाषा-बोली और स्टाइल आकर्षित करते हैं। राजश्री, यशराज बैनर की करीब चार सौ करोड़ की फिल्में, जो मेरठ शहर पर बनने वाली थीं, उनका काम रोक दिया गया है।
तो सुपरहिट हो जाता है ट्रेंड : शोएब
दूरदर्शन पर सबसे लंबे समय तक चलने वाले धारावाहिक जिंदगी एक भंवर के निर्माता शोएब चौधरी ने बताया कि बॉलीवुड में जब एक ट्रेंड हिट होता है तो वह सुपरहिट होता जाता है। मेरठ के शोएब चौधरी ने बताया कि कई बड़े प्रोडक्शन हाउस मेरठ शहर पर केंद्रित फिल्म बनाने की तैयारी में थे, लेकिन जीरो के फ्लॉप होने के बाद सभी ने हाथ खींच लिए हैं।