Young Achievers: दिव्यांगता को हराकर उपलब्धियां बढ़ा रहे मेरठ के विनायक, पढ़िए इनकी खासियत

Young Achievers मास्टर विनायक बहादुर जन्म से ही मूक-बधिर हैं। 14 वर्षीय विनायक वर्तमान में शांतिनिकेतन विद्यापीठ में कक्षा नौवीं की पढ़ाई कर रहे हैं। मेरठ में प्रभात नगर निवासी विनायक के माता-पिता दीपक बहादुर और मीतू बहादुर भी सौ फीसद मूक-बधिर हैं।

By Prem BhattEdited By: Publish:Fri, 25 Dec 2020 09:00 AM (IST) Updated:Fri, 25 Dec 2020 09:00 AM (IST)
Young Achievers: दिव्यांगता को हराकर उपलब्धियां बढ़ा रहे मेरठ के विनायक, पढ़िए इनकी खासियत
मेरठ के मास्टर विनायक एक प्रतिभावान राष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।

मेरठ, [अमित तिवारी] । Young Achievers शारीरिक और मानसिक कमियों से घबराकर रुकने की बजाय उन्हें अपना हथियार बनाकर आगे बढ़ने वाले ही समाज में दिव्यांग बनकर उभरते हैं। अपनी मेहनत और परिश्रम से अपनी दिव्यांगता को हराने और उपलब्धियों को लगातार बढ़ाने वाले मेरठ के विनायक बहादुर भी मेरठ के उन्हीं चंद दिव्यजनों में शामिल हैं जो अपनी, परिवार की और मेरठ की साख बढ़ाने के साथ ही देश का नाम भी ऊंचा कर रहे हैं।

हिम्मत और हौसला

मास्टर विनायक बहादुर जन्म से ही मूक-बधिर हैं। 14 वर्षीय विनायक वर्तमान में शांतिनिकेतन विद्यापीठ में कक्षा नौवीं की पढ़ाई कर रहे हैं। मेरठ में प्रभात नगर निवासी विनायक के माता-पिता दीपक बहादुर और मीतू बहादुर भी सौ फीसद मूक-बधिर हैं। विनायक भी सौ फीसद मूक-बधिर हैं लेकिन माता-पिता के प्रोत्साहन और बाबा सेवानिवृत्त जिला जज खगेश बहादुर की देखरेख में बैडमिंटन के खेल में उपलब्धियां हासिल की हैं। इस पारिवारिक परिस्थिति के बावजूद विनायक ने अपनी हिम्मत व हौसले से खेल की दुनिया में आगे बढ़ने का काम किया। दिव्यांगता को हराकर उत्तम खिलाड़ी बने।

बैडमिंटन में जीते ढेरों पदक

मास्टर विनायक एक प्रतिभावान राष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। बैंडमिंटन के राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में चार स्वर्ण पदक, तीन रजत पदक और एक कांस्य पदक जीता है। प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताओं में 10 स्वर्ण पदक, नौ रजत पदक अरौर तीन कांस्य पदक जीते हैं। इससे पूर्व विनायक बहादुर को प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कार व पदक बैडमिंटठन खिलाड़ी के रूप में मिल चुके हैं। विनायक को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर 17वें बिहार दिव्यांग खेल अवार्ड समारोह 2017 में पटना में आयोजित समारोह में, आउटस्टैंडिंग एबिलिटी इन द फील्ड आफ स्पोट्र्स, अवार्ड से पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझाी ने सम्मानित किया। यह अवार्ड उन्हें राष्ट्रीय अवार्ड कैटैगरी में, अजातशत्रु अवार्ड के तौर पर मिला था। बैडमिंटन के अलावा विनायक ने चित्रकला प्रतियोगिता, क्विज व लेखन प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, कुकिंग प्रतियोगिता, क्रिसमस प्रोप्स मेकिंग प्रतियोगिता, म्यूजिकनल चेयर प्रतियोगिता, शतरंज आदि की प्रदेशीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है।

बाल शक्ति पुरस्कार से हुए सम्मानित

विपरीत परिस्थितियों में आगे बढ़ते हुए विनायक की उपलब्धियों के लिए 22 जनवरी 2020 को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मास्टर विनायक बहादुर को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में सर्वोच्चा बाल पुरस्कार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2020 से सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने विनायक को एक लाख रुपये, एक पदक, एक टैबलेट व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसके बाद 24 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने निवास पर विनायक को सम्मानित करते एक कलाई घड़ी व खुद की लिखी किताब भी भेंट स्वरूप प्रदान की। कलाई घड़ी के डायल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर व पीछे विनायक बहादुर लिखा हुआ है। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने भी एक बैग व किताबें विनायक को भेंट स्वरूप प्रदान की थीं। गणतंत्र दिवस के मौके पर विनायक अन्य बच्चों के साथ सेना की जीत में सवार होकर परेड में शामिल हुए।

यह सम्मान हैं विनायक बहादुर के नाम

- जनवरी 2020 देश के सर्वोच्च बाल पुरस्कार प्रधानमंत्री बाल शक्ति पुरस्कार-2020 से राष्ट्रपति ने सम्मानित किया।

- जनवरी 2020 को स्पोट्र्स प्रमोशन आर्गनाइजेशन आफ इंडिया की ओर से, राष्ट्रीय पुरस्कार-बेस्ट पैरा प्लेयर अवार्ड, से सम्मानित किया गया।

- 10 सितंबर 2017 को राष्ट्रीय ललित कला एकेडमी लखनऊ में प्रथम बधिर कलाकार प्रदर्शनी में अभिव्यक्ति 2017 में राष्ट्रीय जूनियर बैडमिंटन खिलाड़ी के रूप में सर्टिफिकेट आफ मेरिट से सम्मानित किया गया।

- 17वें बिहार दिव्यांग खेल अवार्ड समारोह-2017 में आउटस्टैंडिंग एबिलिटी इन द फील्ड आफ स्पोट्र्स के लिए अजातशत्रु अवार्ड से नवाजा गया।

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