एक हजार करोड़ से रफ्तार पकड़ेगा रैपिड रेल का काम, बजट में किया प्रावधान
रैपिड रेल का काम अब रफ्तार पकड़ेगा। बजट 2019 में किए गए प्रावधान से दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट में तेजी आएगी।
मेरठ, जेएनएन। रैपिड रेल का बुनियादी काम अब स्पीड पकड़ सकेगा। केंद्र सरकार ने बजट में एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। परियोजना की पूरी लागत भले ही 32 हजार करोड़ रुपये है, लेकिन शुरुआती काम के लिए इतना काफी है। अगले साल के बजट में सरकार फिर आवंटन करेगी। वहीं यूपी सरकार का भी बजट आने वाला है, अपनी हिस्सेदारी के अनुसार यूपी सरकार भी धनराशि देगी।
टेस्टिंग जारी है
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ की कॉरीडोर सिविल निर्माण कार्य करने के लिए तैयारी पूरी है। इसके लिए जियो टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन, रोड चौड़ीकरण, यूटिलिटी डायवर्जन, प्रारंभिक पाइल लोड टेस्टिंग आदि पहले से ही जारी हैं। पाइल लोड टेस्टिंग का मुख्य उद्देश्य स्थिर एवं गत्यात्मक भार क्षमता को निर्धारित करना व सटीक डाटा देना है। गौरतलब है कि 2023 तक आरआरटीएस को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार व यूपी सरकार की भागीदारी रहेगी। करीब 19 हजार करोड़ रुपये ऋण लिया जाएगा।
कांट्रेक्ट वाले कार्य पर खर्च होंगे एक हजार करोड़
एक हजार करोड़ का पहला बजट उस पर खर्च किया जाएगा जिसके लिए कांटेक्ट हो चुका है। इसमें विभिन्न जांच कार्य के लिए कंपनियों को भुगतान के साथ ही पहले चरण में प्रस्तावित साहिबाबाद से दुहाई तक पिलर खड़े करने व चार स्टेशन बनाने के कुछ काम होंगे। अंडरग्राउंड वायडक्ट आदि के निर्माण के लिए भी टेंडर हुए थे इससे संबंधित कार्य पर भी धन खर्च होगा। इसके साथ ही आरओबी क्रासिंग, हिंडन रिवर क्रॉसिंग, स्टेशन के पास ऊंचे रैंप का निर्माण होगा। गौरतलब है कि प्रथम चरण में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर व दुहाई स्टेशन बनाए जाएंगे। इसलिए एक हजार करोड़ का अधिकतम हिस्सा इस पर खर्च होगा वहीं कुछ हिस्सा मेरठ से संबंधित प्राथमिक काम में खर्च होगा।
इनका कहना है
शुरुआती काम के लिए एक हजार करोड़ काफी हैं। इससे काम में तेजी आएगी। जल्दी ही यूपी सरकार भी अपने हिस्से की कुछ धनराशि जारी करेगी। उम्मीद है कि तय लक्ष्य में परियोजना का कार्य पूरा हो जाएगा।
-सुधीर शर्मा, सीपीआरओ, एनसीआरटीसी
रैपिड रेल की खूबियां हाई-स्पीड रेल से 60 मिनट से भी कम समय में मेरठ और नई दिल्ली के बीच की दूरी को तय किया जा सकेगा। दिल्ली से भीड़ का दबाव कम करेगी। ये ट्रेन प्रत्येक 5-10 मिनट की आवृत्ति पर उपलब्ध होगी। सभी कोच में ऐसी होंगे। आरआरटीएस ट्रेन की डिजाइन स्पीड 180 किमी प्रति घंटे की होगी, ऑपरेशन स्पीड 160 किमी प्रति घंटे और औसत स्पीड 100 किमी प्रति घंटे होगी। ट्रांसवर्स सीटें होगी एवं भारी-भरकम सामान रखने के लिए काफी स्पेस होगा।