Tokyo Olympics: विश्व चैंपियन के हाथों में होंगे मेरठ के उपकरण, अमेरिका ने बताया था सबसे बेहतर; जानें इसकी खासियत

टोक्यो आलिंपिक में मेरठ की कारीगरी कमाल दिखा सकती है। अमेरिका की लैबों ने शोध में माना है कि मेरठ में नई तकनीक से बने डिस्कस हैमर और शाटपुट से एथलीट रिकार्ड दूरी तक थ्रो कर सकते हैं। इनको अमेरिका यूरोप और भारत में कापीराइट भी मिल चुका है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 02:44 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 02:44 PM (IST)
Tokyo Olympics: विश्व चैंपियन के हाथों में होंगे मेरठ के उपकरण, अमेरिका ने बताया था सबसे बेहतर; जानें इसकी खासियत
मेरठ से बड़ी संख्या में खेल उपकरण टोक्यो भेजे गए हैं।

जागरण संवाददाता, मेरठ। टोक्यो आलिंपिक में मेरठ की कारीगरी कमाल दिखा सकती है। अमेरिका की लैबों ने शोध में माना है कि मेरठ में नई तकनीक से बने डिस्कस, हैमर और शाटपुट से एथलीट रिकार्ड दूरी तक थ्रो कर सकते हैं। इन थ्रोइंग उपकरणों को अमेरिका, यूरोप और भारत में कापीराइट भी मिल चुका है। मेरठ से बड़ी संख्या में खेल उपकरण टोक्यो भेजे गए हैं। वैसे भी मेरठ ट्रैक एंड फील्ड के खेल उत्पादों में दुनिया भर में अग्रणी है, जिसका प्रयोग 1992 बर्सलिोना ओलिंपिक से अब तक सभी अंतरराष्ट्रीय खेलों में किया जा रहा है।

अमेरिका की लैब ने भी माना लोहा

प्रतिष्ठित नेल्को के निदेशक अंबर आनंद बताते हैं कि पहली बार तीन नई तकनीक वाले थ्रोइंग उपकरण ओलिंपिक में भेजे जा चुके हैं। पहले एथलीट हैवी रिंग वेट वाली डिस्कस फेंकते थे, लेकिन अब उनके सामने कई विकल्प हैं। रिम ग्लाइड तकनीक से बनी डिस्कस को विंड टनेल में टेस्ट किया गया, जिसमें यह अधिकतम 78 मीटर दूरी तक गई। थ्रोअर अब एक प्रकार की नहीं, बल्कि अपनी शारीरिक बनावट, मौसम और क्षमता के मुताबिक अलग-अलग प्रकार के डिस्कस का प्रयोग कर सकते हैं। इसी प्रकार, शाट पुट के लिए किन ओ मैक्स नामक तकनीक का प्रयोग किया गया है। वहीं हैमर को एअरोडायनिक आकार दिया गया है।

नेल्को के निदेशक अंबर आनंद ने कहा: सन 1992 के ओलिंपिक से मेरठ के डिस्कस, शाटपुट व हैमर हर बड़े खेलों में भेजे जा रहे हैं। इस बार हमने नई तकनीक से तीन उपकरण बनाए, जिसे मान्यता और कापीराइट मिल चुका है। उपकरणों के 96 पीस टोक्यो भेजे गए हैं।

आनंद ट्रैक एंड फील्ड के निदेशक हिमांशु आनंद ने कहा: टोक्यो के लिए हमने 36 प्रकार के उपकरण भेजे हैं। भारतीय दल के कई दिग्गज एथलीट और विदेशी चैंपियन हमारे थ्रोइंग उपकरणों का प्रयोग करते नजर आएंगे। रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर कंपनी खास ध्यान देती है।

मेरठ के डिस्कस ने दिलाया था गोल्ड

2008 बीजिंग ओलिंपिक में पुरुष वर्ग में एस्टोनिया के गर्ड कैंटर और महिला वर्ग में चीन की ली लेंग फेंग ने नेल्को के डिस्कस से ही स्वर्ण पदक जीता था। इसी कंपनी के डिस्कस से 2012 ओलिंपिक में जर्मनी के राबर्ट हाìटग ने स्वर्ण और 2016 रियो ओलिंपिक में फ्रांस की राबर्ट मिचन ने रजत व क्रिस्टोफ हाìटग ने गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा हर दो साल में होने वाली विश्व एथलेक्टिस चैंपियनशिप, कामनवेल्थ गेम्स एवं एशियाड में भी मेरठ के उपकरण दिग्गजों के हाथ में नजर आते हैं।

दिग्गजों के हाथ में दिखेंगे उपकरण

मेरठ के एथलेटिक्स उत्पाद 1982 में नई दिल्ली में खेले गए एशियाड से चर्चा में आए, लेकिन ओलिंपिक तक सफर तय करने में दस साल और लग गए। सन 1992 के बार्सलिोना ओलंपिक में पहली बार मेरठ के खेल उपकरणों का प्रयोग किया गया। अब करीब सौ उपकरणों को अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स फेडरेशन की मान्यता मिल चुकी है। टोक्यो में स्वीडन के खिलाड़ी व डिस्कस थ्रो के विश्व चैंपियन डेनियल स्टाल, स्लोवेनिया के क्रिस्टन सेह, जमैका के चाड राइट और समोआ के एलेक्स रोज, जबकि महिला वर्ग की विश्व चैंपियन डिस्कस थ्रोअर क्यूबा की यामी परेज, फ्रांस की मलीना राबर्ट आदि के हाथ में नेल्को की डिस्कस होगी। वहीं, एटीई कंपनी के हिमांशु आनंद का डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर, एलिन फिरफिरिका, यामी पेरेज आदि के हाथ में होगा। मेरठ की सबसे बड़ी कंपनी भल्ला स्पोर्ट्स ने भी कई खेल उत्पाद टोक्यो भेजे हैं।

इटली और टर्की की टीम स्टैग की किट में नजर आएंगी। दुनियाभर से 20 से ज्यादा अन्य टेबल टेनिस खिलाड़ी हमारी किट में उतरेंगे। लैटिन अमेरिकी देशों के कई खिलाड़ियों ने भी स्टैग का उत्पाद अपनाया है।

राकेश कोहली, चेयरमैन, स्टैग इंटरनेशनल 

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