एक्सप्रेस-वे के बीच खड़ा आखिरी टावर भी हटा
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के वादे के अनुसार दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के शुभारंभ में अब महज 44 दिन शेष हैं।
मेरठ, जेएनएन। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के वादे के अनुसार दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के शुभारंभ में अब महज 44 दिन शेष हैं। लोगों का मानना है कि यहा चल रहे काम में अब हर रोज बदलाव नजर आएगा। एक दिन पहले अधूरा दिखने वाला काम अगले एक-दो दिन में पूरा हो सकता है। बहरहाल, मंगलवार को एक्सप्रेस-वे के बीच खड़ा हाइटेंशन लाइन का आखिरी टावर भी हटा दिया गया, और लाइन जोड़ दी गई। अब पूरे एक्सप्रेस-वे पर एक भी बिजली का टावर बाधक नहीं है। बताना ठीक होगा कि इस एक्सप्रेस-वे को पूरा करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय कर दी गई है।
गाजियाबाद जिले की सीमा अंतर्गत गाव सैदपुर में हाइटेंशन लाइन का टावर था। यह टावर एक्सप्रेस-वे के दाईं तरफ की लेन के बीच में था। उसके आसपास करीब 40 मीटर की जगह छोड़कर काम शुरू किया गया। आसपास तारकोल का काम भी हुआ। मंगलवार को उस टावर को भी हटा दिया गया। दोनों तरफ दूर नए टावर लगाकर लाइन भी जोड़ दी गई। अब उस जगह को भरने की तैयारी शुरू कर दी गई है। मेरठ से डासना तक करीब एक दर्जन बिजली के टावर एक्सप्रेस-वे के बीच में आए थे। इन्हें समय-समय पर हटाया जाता रहा, यही आखिरी टावर था।
उधर, चुड़ियाला गाव में स्ट्रक्चर के दोनों तरफ जोड़ने के लिए मिट्टी भराव कर लिया गया है। अब उसपर तारकोल की परत डाली जा रही है। इसके जुड़ जाने के बाद मेरठ से 27 किमी दूर कुशलिया तक वाहनों को एक्सप्रेस-वे से नीचे नहीं उतारना पड़ेगा। वर्तमान में यही एकमात्र स्थान है, जहा वाहन को नीचे उतारना पड़ता है। कुशलिया तक बाकी सभी अंडरपास, पुल और स्ट्रक्चर को जोड़कर तारकोल तक का काम पूरा कर लिया गया है।
तिराहे पर सिर्फ मिट्टी भराव का काम
परतापुर तिराहे पर मंगलवार को सिर्फ मिट्टी भराव व उसे समतल करने का ही काम नजर आया। रेलवे ओवरब्रिज को दिल्ली रोड पर बने ओवरब्रिज से जोड़ने के लिए यह भराव कार्य चल रहा है।