आतंक की राह कैसे चला नदीम, सहारनपुर में ग्रामीणों को नहीं हो रहा यकीन, फिदायीन हमले की मिल रही थी ट्रेनिंग

Terrorist arrested in UP सहारनपुर के नदीम का आतंकी कनेक्‍शन जानकर ग्रामीण भी हैरान हैं। उन्‍हें यकीन ही नहीं हो रहा कि इतना सीधा-साधा नदीम कैसे चला आतंक की राह पर। गांव में ही एक टेलर की दुकान पर कपड़े सिलाई का करता था काम।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sun, 14 Aug 2022 11:30 AM (IST) Updated:Sun, 14 Aug 2022 11:30 AM (IST)
आतंक की राह कैसे चला नदीम, सहारनपुर में ग्रामीणों को नहीं हो रहा यकीन, फिदायीन हमले की मिल रही थी ट्रेनिंग
Terrorist Nadeem In Saharanpur नदीम अपने बीमार माता-पिता को देखता था खाना बनाकर, हमेशा रहता था चुप।

सहारनपुर, जागरण संवाददाता। Terrorist Nadeem सहारनपुर में एटीएस की गिरफ्तर में आए गांव कुंडाकला के रहने वाले नदीम के जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन से संबंध थे, यह कोई भी ग्रामीण मानने को तैयार नहीं है। उसके परिवार को भी विश्वास नहीं हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि नदीम बेहद सीधा-साधा युवक है। यह समझ से परे है कि आखिर वह आतंक की राह पर कैसे और क्यों चल पड़ा।

करता था माता पिता की सेवा

नदीम तो अपने बीमार माता-पिता की हर समय सेवा करता था। उन्हें खाना बनाकर खिलाता था। उनके नहलाता था। तैमूर और नदीम को छोड़कर बाकी परिवार के लोग अधिकतर बाहर रहते हैं। इसलिए नदीम और तैमूर ही अपने बीमार माता-पिता का ध्यान रखते थे। गंगोह थानाक्षेत्र का गांव कुंडाकला वर्तमान में बेहद सुर्खियों में है। इसका कारण यहां रहने वाला 24 साल का युवक नदीम है। एटीएस ने नदीम और उसके भाई तैमूर को चार दिन पहले हिरासत में लिया था।

एप के जरिए दी जा रही थी ट्रेनिंग

एटीएस ने शुक्रवार को राजफाश किया कि नदीम के जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन से संबंध है। नदीम को फिदायीन हमले की वाट्सएप, आइएमओ आदि एप के जरिए ट्रेनिंग दी जा रही थी। एटीएस के इस राजफाश के बाद माहौल दूसरा बन गया है। शनिवार को नदीम के घर पर दिल्ली तक की मीडिया के अलावा सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे। सभी ग्रामीण एक ही बात बोल रहे हैं कि नदीम गांव में ही एक टेलर की दुकान पर काम करता था।

ग्रामीण नदीम के कारनामों पर हैरान

वह कपड़े सिलकर अपने घर का खर्चा उठाता था। वह अपने घर से दुकान पर और दुकान से घर के अलावा कहीं नहीं जाता था। गांव में उसका कोई दोस्त भी नहीं है। नदीम अपने माता-पिता की खूब सेवा करता था। ग्रामीणों का कहना है कि यह किसी की समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर नदीम ने ऐसा क्यों किया। हालांकि अब ग्रामीणों का कहना है कि नदीम ने देश विरोधी काम करके गलत किया है। उसे सजा मिलनी चाहिए। यह है परिवार की स्थितिनदीम के पिता नफीस कई सालों से बीमार है।

तीनों भाई देहरादून में

मां जरीना की कुछ माह पूर्व आंखों की रोशनी चली गई है। सबसे बड़ा भाई इसरार है। उससे छोटा नदीम, फिर तैमूर, कादिर, सद्दाम है। बड़ी बहन सितारा की शादी हो चुकी है। सबसे छोटी बहन सात से आठ साल की सालमी है। इसरार, कादिर, सद्दाम बाहर रहते हैं। यह तीनों भाई देहरादून में परचून की दुकान चलाते हैं। घर पर केवल तैमूर और नदीम ही रहते थे। अब नदीम जेल में है।

इसलिए एटीएस के रडार पर आया तैमूर

दरअसल, चार दिन पहले एटीएस नदीम के साथ साथ उसके भाई तैमूर को भी अपने साथ ले गई थी। नदीम का जब फोन डाउन होता था तो वह अपने भाई तैमूर के फोन को इस्तेमाल करता था। इसलिए एटीएस ने तैमूर को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की है। हालांकि शुक्रवार की रात को एटीएस ने तैमूर को छोड़ दिया था और अब वह सहारनपुर में अपने चाचा के मकान पर है।

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