Sudeeksha Bhati Death Case: चर्चाओं में है बीमा लाभ और एफआइआर, जाने क्‍या है पूरा मामला

Sudeeksha Bhati Death Case सुदीक्षा के स्वजन बीमा लाभ को लेकर एफआइआर में तथ्य बदलने की बात से कर रहे इन्कार।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 12:54 AM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 03:15 PM (IST)
Sudeeksha Bhati Death Case: चर्चाओं में है बीमा लाभ और एफआइआर, जाने क्‍या है पूरा मामला
Sudeeksha Bhati Death Case: चर्चाओं में है बीमा लाभ और एफआइआर, जाने क्‍या है पूरा मामला

बुलंदशहर, जेएनएन। सुदीक्षा की मौत के मामले में दर्ज कराई गई एफआइआर को लेकर कई तरह के सवालों के साथ चर्चाओं का दौर भी सोशल मीडिया पर शुरू हो गया है। एक चर्चा सड़क हादसे के बाद बीमा को लेकर भी चल रही है। हालांकि स्वजन बीमा लाभ को लेकर एफआइआर में तथ्य बदलने की बात से इन्कार कर रहे हैं।

छात्रा सुदीक्षा की मौत के बाद पिता जितेंद्र भाटी की तहरीर पर पुलिस ने दर्ज की एफआइआर में घटना के समय बाइक दिवंगत छात्रा के चाचा सतेंद्र भाटी द्वारा चलाया जाना बताया है। इधर, एसएसपी द्वारा जारी किए गए वीडियो में बाइक नाबालिग चचेरे भाई द्वारा चलाना बताया गया, जो कि नाबालिग है और हेलमेट भी नहीं पहना था। सोशल मीडिया पर चर्चाओं में एसएसपी संतोष सिंह के हवाले से बताया गया है कि मोटर दुर्घटना बीमा एक्ट का लाभ पाने के लिए छात्रा के पिता द्वारा हादसे के दौरान स्पलेंडर बाइक, चाचा द्वारा चलाए जाने की बात कही है। हालांकि छात्रा के स्वजनों ने बीमा लाभ पाने के लिए तथ्यों में बदलाव करने से साफ इन्कार किया है।

ये हैं बीमा लाभ के नियम

दुर्घटना बीमा विशेषज्ञ अधिवक्ता नीरज राघव ने बताया कि मोटर दुर्घटना बीमा एक्ट के तहत वाहन चालक, वाहन मालिक और वाहन बीमा कंपनी को पार्टी बनाया जाता है। क्लेम निर्धारण के समय मृतक की आयु, आय, परिवार की निर्भरता आदि देखी जाती है और क्लेम की रकम भी अनिश्चित होती है। चूंकि छात्रा की आयु काफी कम थी और वह अमेरिका में चार करोड़ की स्कॉलरशिप पर थी, लिहाजा उसकी मां और पिता को बीमा लाभ अधिक मिलेगा।

इन्‍होंने बताया

फिलहाल पुलिस का पूरा ध्यान प्रकरण की जांच पर है। हादसे के समय छात्रा के साथ उसका नाबालिग चचेरा भाई था। पिता द्वारा दी गई तहरीर पर एफआइआर दर्ज की गई। अभी जांच जारी है। छात्रा के परिवार की हालत अच्छी नहीं है। ऐसे में दुर्घटना बीमा लाभ पीडि़त परिवार को मिलना चाहिए।

- संतोष सिंह, एसएसपी 

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