रेमडेसिविर कालाबाजारी की विवेचना ठंडे बस्ते में
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर सरकार सख्त है।
मेरठ,जेएनएन। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर सरकार सख्त है। इसके बावजूद जनपद पुलिस की कार्रवाई ढीली पड़ रही है। पुलिस ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी के दो मामले पकड़े। दोनों में मुकदमा दर्ज होने के बाद आगे की कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी। अभी तक पुलिस ने सुभारती मेडिकल कालेज से रेमडेसिविर का रिकार्ड नहीं मागा है। वरिष्ठ अधिवक्ताओं का कहना है कि समय पर मुकदमे में पर्चे नहीं कटने से आरोपितों को कोर्ट से जमानत मिलने की संभावना है।
पुलिस ने 23 अप्रैल को सुभारती मेडिकल कालेज में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पकड़ी थी। कालेज के आठ कर्मचारियों के कब्जे से एक रेमडेसिविर और 25 हजार की नकदी बरामद कर उन्हें जेल भेज दिया। जाच में सामने आया कि बरामद इंजेक्शन गाजियाबाद के कविनगर निवासी शोभित जैन को लगना था। इंजेक्शन नहीं लगने से शोभित जैन की मौत हो गई थी। नौ दिन बीतने के बाद पुलिस अभी तक शोभित जैन के स्वजन से नहीं मिली है, जबकि उनके स्वजन के फोन लगातार एसएसपी के पीआरओ के पास आ रहे हैं। अभी तक सुभारती से रेमडेसिविर का कोई रिकार्ड नहीं मागा गया है। पुलिस ने मरने वाले लोगों की सूची नहीं जुटाई है, जिससे पता लगाया जा सके कि इनके हिस्से का रेमडेसिविर भी तो किसी और को नहीं बेच दिया गया था। एसएसपी अजय साहनी ने दावा किया था कि जानी पुलिस ने सुभारती ग्रुप से रेमडेसिविर का रिकार्ड मागा है, जबकि सुभारती समूह के ट्रस्टी अतुल भटनागर का कहना है कि जानी पुलिस की तरफ से कोई सूचना नहीं मागी गई है। अतुल ने कहा कि विवेचना में पूरा सहयोग किया जाएगा। पुलिस जो सूचना मागेगी, उसे मुहैया करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि संस्थान की तरफ से भी दो जाच की जा रही हैं। जल्द ही इनकी रिपोर्ट तैयार कर प्रशासनिक अफसरों को भेज दी जाएगी।
ओटी इंचार्ज को नहीं पकड़ पाई पुलिस
वहीं, दूसरे मामले में नौचंदी के शास्त्रीनगर स्थित शुभकामना हास्पिटल के ओटी इंचार्ज ताजिम निवासी बनियापाड़ा को पुलिस अभी तक नहीं पकड़ पाई है। ताजिम अपने तीन साथियों के साथ मिलकर रेमडेसिविर इंजेक्शन 45 हजार में बेच रहा था। पुलिस उसके तीन साथियों से तीन इंजेक्शन बरामद करने के बाद उन्हें जेल भेज चुकी है।
एसएसपी का कहना है कि पुलिस पंचायत चुनाव में लगी हुई थी। चुनाव खत्म हो चुके हैं। दोनों मुकदमों की विवेचना में तेजी लाई जाएगी। फरार आरोपितों को पकड़कर जेल भेजा जाएगा।