Rapid Rail In Meerut: जानिए मेरठ से कहां तक सफर कर सकेंगे यात्री, अत्याधुनिक सिग्नलिंग बनाएगी सुरक्षित यात्रा

मेरठ को दिल्‍ली को जोड़ने के लिए रैपिड रेल परियोजना पर तेजी के साथ काम हो रहा है। इस ट्रेन में लंबी दूरी के लिए उनको सफर के बीच में किसी स्टेशन पर उतरकर दूसरी रैपिड रेल में सवार नहीं होना होगा।अत्याधुनिक सिग्नलिंग इस दौरान यात्रा को सेफ बनाएगी।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 03:30 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 03:30 PM (IST)
Rapid Rail In Meerut: जानिए मेरठ से कहां तक सफर कर सकेंगे यात्री, अत्याधुनिक सिग्नलिंग बनाएगी सुरक्षित यात्रा
मेरठ में रैपिड रेल परियोजना को लेकर काम में तेजी आ गई है।

मेरठ, जेएनएन। Rapid Rail In Meerut यह खबर रैपिड रेल को लेकर राहत देने वाली है। मेक इन इंडिया पहल के तहत दिल्ली मेरठ रैपिड रेल कारिडोर में अत्याधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली और ट्रेन कंट्रोल टेक्नोलाजी का उपयोग किया जाएगा। एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार अत्याधुनिक हाइब्रिड लेवल-3 की स्थिति को अपनाने के साथ-साथ लांग-टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) के स्ट्रक्चर पर आधुनिक यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम लेवल-2 सिग्नलिंग को अपनाया जाएगा। मेसर्स अल्स्टाम इंडिया को सिग्नलिंग व ट्रेन कंट्रोल, टेलीकम्युनिकेशन व पीएसडी सिस्टम के डिजाइन, सप्लाई, इंस्टालेशन और जांच का काम सौंपा गया है।

गुरुग्राम तक कर सकेंगे सफर

देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत एक ही रैपिड रेल में बैठकर यात्री मेरठ से गुरूग्राम तक सफर कर सकेंगे। लंबी दूरी के लिए उनको सफर के बीच में किसी स्टेशन पर उतरकर दूसरी रैपिड रेल में सवार नहीं होना होगा। इससे मेरठ, गाजियाबाद और दिल्ली से गुरूग्राम में नौकरी के लिए जाने वाले लोगों को फायदा होगा। मेक इन इंडिया पहल के तहत दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए आधुनिक यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम लेवल-2 (ईटीसीएस एल-2) सिग्नलिंग प्रणाली से यह संभव हो सकेगा।

सुरक्षित यात्रा का अनुभव

टीसीएस एल-2 सिग्नलिंग टेक्नालॉजी को अपनाने से यात्री परेशानी मुक्त और सुरक्षित यात्रा का अनुभव कर सकेंगे। इसके साथ ही परिचालन क्षमता को भी मजबूती मिलेगी। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तीन कॉरिडोर में पहला दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ दूसरा दिल्ली-गुरूग्राम-एसएनबी-अलवर और तीसरा दिल्ली-पानीपत है। तीनों कॉरिडोर पर जाने वालीं अलग अलग रैपिड रेल प्रत्येक स्टेशन पर निश्चित समयांतराल पर पहुंचेंगी। यात्री को जिस कॉरिडोर पर सफर करना होगा, वह उस कॉरिडोर पर जानी वाली रैपिड रेल में सवार होगा। इसलिए यात्रियों को पानीपत और गुरूग्राम तक जाने के लिए बीच में दूसरी रैपिड रेल नहीं बदलनी होगी।

इनका कहना है

एनसीआरटीसी मेक-इन-इंडिया नीति को अपनाते हुए एलटीई बैकबोन के साथ ईटीसीएस लेवल 2 सिग्नलिंग को अपना रहा है। यह आरआरटीएस को दुनिया के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत रेल नेटवर्क में शुमार कर देगा। यह आगामी रेल सिस्टम के लिए यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने की एनसीआरटीसी की दृष्टि को भी यह रेखांकित करता है।

- पुनीत वत्स, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी

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