मेरठ में पराली जलाने वाले किसानों पर शिकंजा कसने की तैयारी, जानिए क्‍या होगी कार्रवाई

मेरठ में गन्ना अवशेष जलाने वाले किसानों पर गन्ना विभाग शिकंजा कसने की तैयारी में है। अभी तक पराली या गन्ना अवशेष जलाने वाले किसान पर केवल मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाती थी। लेकिन विभाग अब ऐसे किसानों के खिलाफ अन्‍य कदम भी उठाएगा।

By Prem BhattEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 07:30 AM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2020 07:30 AM (IST)
मेरठ में पराली जलाने वाले किसानों पर शिकंजा कसने की तैयारी, जानिए क्‍या होगी कार्रवाई
मेरठ में पराली जलाने वाले किसानों पर कड़े शिकंजे की तैयारी है।

मेरठ, जेएनएन। गन्ना अवशेष जलाने वाले किसानों पर गन्ना विभाग शिकंजा कसने की तैयारी में है। अभी तक पराली या गन्ना अवशेष जलाने वाले किसान पर केवल मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाती थी। लेकिन अब गन्ना विभाग भी अपने स्तर पर पराली जलाने के अपराध को लेकर गंभीर हो गया है। गन्ना पराली जलाने वाले किसानों का गन्ना विभाग बोन्ड निरस्त कर देगा। साथ ही उनकी भेजी जाने वाली पर्ची बंद कर दी जाएंगी। इसका उद्देश्य स्पष्ट है कि संबंधित गन्ना किसान किसी भी चीनी मिल पर अपना गन्ना नहीं डाल सकेगा। गन्ना चीनी मिल पर डालने से प्रतिबंध लगाने पर उसकी मुसीबत कहीं अधिक बढ़ जाएगी।

डीएम के बाद गन्ना आयुक्त ने मांगा जवाब

पराली जलाने पर प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने मेरठ समेत आठ जनपदों के जिला गन्ना अधिकारियों से जवाब तलब किया है। सैटेलाइट के माध्यम से शासन प्रत्येक जिले में पराली या गन्ने के अवशेष जलाने की सर्चिंग कर रहा है। इसके तहत खेत में धान की पराली जली है या गन्ने के अवशेष। गन्ना विभाग स्पष्ट कर संबंधित जिले के लिए नोटिस तैयार कर रहा है। इस मामले में मेरठ के डीएम के. बालाजी ने भी उप कृषि निदेशक ब्रजेश चंद्रा, जिला कृषि अधिकारी प्रमोद सिरोही, जिला गन्ना अधिकारी डा. दुष्यंत कुमार समेत कृषि संबंधित कई अधिकारियों से जवाब मांगा है।

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