Pulwama Encounter : बदला लेने पर ही टूटेगी टीकरी की खामोशी

पुलवामा एनकाउंटर में शहीद हुए अजय कुमार के गांव टीकरी बसा में खामोशी है वहां के लाेगों का कहना है कि सरकार आतंकी और उनके आका देश से बदला ले।

By Ashu SinghEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 01:19 PM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 01:19 PM (IST)
Pulwama Encounter : बदला लेने पर ही टूटेगी टीकरी की खामोशी
Pulwama Encounter : बदला लेने पर ही टूटेगी टीकरी की खामोशी
मेरठ, [अनुज शर्मा]। पुलवामा में आतंकी हमले के बाद पूरा देश सरकार से आतंकियों और उनके आका के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। शहीद अजय का गांव भी उसकी शहादत और अंतिम विदाई के बाद अचानक खामोश हो गया है। गांव की गलियां सूनी हैं,घरों में अब भी चूल्हे ठंडे हैं।
खामोशी ने छिपे कई सवाल
लोग घरों के बाहर खड़े होकर शहीद के घर जाने वाले लोगों को खामोशी से निहार रहे हैं। लेकिन उनकी खामोशी में भी कई सवाल छिपे हैं। बुधवार को शहीद अजय की चिता की आग भी ठंडी हो गई थी। लेकिन उसकी राख को शायद सरकार के जवाबी धमाके का इंतजार है।
बह रही देशभक्ति की बयार
जम्मू कश्मीर में आतंकवादी लगातार सेना और सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं। जब सेना कार्रवाई करती है तो आतंकियों को बचाने के लिये सेना के सामने कश्मीर के कुछ स्थानीय लोग दीवार बनकर खड़े हो जाते हैं। उनके हाथों में पत्थर होते हैं। मेरठ के बसा टीकरी गांव के लाल अजय कुमार की शहादत की खबर मिलने से पूरे क्षेत्र में देशभक्ति की बयार बहने लगी थी। उसकी अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा था।
पाक पर कठोर कार्रवाई की मांग
हर किसी की जुबां पर एक ही मांग थी। आतंकियों और उनके आका पाकिस्तान पर कठोर कार्रवाई हो। तमाम वादों के बीच सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन इसी के साथ गांव में खामोशी छा गई। बुधवार को शहीद के घर को जाने वाले जिस रास्ते पर लोगों की आवाजाही लगी थी। केवल वहीं लोग घरों के बाहर बैठकर आने-जाने वाले लोगों को निहार रहे थे। वे सभी नि:शब्द थे। उनकी आंखें जैसे गांव में आने वाले लोगों से सवाल पूछ रहीं थीं। गांव की चौपाल,बाजार,बस अड्डा सभी शांत थे।
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