विज्ञान का वरदान : मौत के बाद भी पैदा कर सकेंगे संतान, तरीका जान चौंक जाएंगे आप

स्पर्म फ्रीजिंग के जरिए दंपती ‘35-40 वर्ष’ में बच्चा पैदा करने की प्लान बना रहे हैं तो वहीं पति की मौत के बाद उसके जमा स्पर्म से पत्नी भी गर्भधारण कर सकती है।

By Ashu SinghEdited By: Publish:Mon, 13 May 2019 10:59 AM (IST) Updated:Mon, 13 May 2019 10:59 AM (IST)
विज्ञान का वरदान : मौत के बाद भी पैदा कर सकेंगे संतान, तरीका जान चौंक जाएंगे आप
विज्ञान का वरदान : मौत के बाद भी पैदा कर सकेंगे संतान, तरीका जान चौंक जाएंगे आप
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। विज्ञान का वरदान..जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी। चिकित्सा विज्ञान के गर्भ से निकली इस तकनीक से अब मौत के बाद भी व्यक्ति अपनी संतान पैदा कर सकता है। स्पर्म फ्रीजिंग के जरिए दंपती जहां करियर सेटल करने के बाद ‘35-40 वर्ष’ में बच्चा पैदा करने की प्लान बना रहे हैं,वहीं पति की मौत के बाद उसके जमा स्पर्म से पत्नी भी गर्भधारण कर सकती है। लंबे समय के लिए विदेश जाने वाले लोग स्पर्म फ्रीज करवा रहे हैं। इधर, कीमोथेरपी से बच्चा पैदा करने की क्षमता गंवा चुके कैंसरग्रस्त मरीज भी इस तकनीक से पिता बने हैं।
-196 डिग्री पर मंद पड़ जाता है स्पर्म
चीन एवं यूएसए की तर्ज पर नई दिल्ली व मेरठ में भी क्रायोफ्रीजिंग तकनीक के प्रति नई पीढ़ी दिलचस्पी ले रही है। इसमें बेहद कम तापमान यानी -196 डिग्री पर स्पर्म या स्त्री के अंडाणु को फ्रीज करते हैं। स्पर्म की एक्‍टीविटी बंद पड़ जाती है,पर जीवन बना रहता है। स्पर्म या अंडों की कोशिकाओं का पानी तेजी से निकालना होता है या इतना तेजी से ठंडा करते हैं कि इस पर बर्फ का कण न जम पाए। जब संतान पैद करने की इच्छा होती है तो चिकित्सक फ्रीज किए गए स्पर्म, अंडाणु या भ्रूण को सामान्य तापमान में लाकर महिला के गर्भ में रोपित करते हैं।
कैंसर के मरीज भी अब बन रहे बाप
कैंसर मरीजों में कीमो की दवाएं कोशिकाओं को बांटने वाले फैक्टर को नष्ट कर देती हैं, जिससे शुक्राणु मर जाते हैं। मरीज के टेस्टीज से स्पर्म निकालकर उसे फ्रीज कर लेते हैं। बाद में इन्हीं शुक्राणुओं के जरिए मरीज पिता बन सकता है।

25 की उम्र में स्पर्म या अंडे फ्रीज..35 में पैदा किया बच्चा

गुरुग्राम की एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली 25 साल की महिला व आस्ट्रेलियाई युवती ने भी मेरठ में अंडाणुओं को फ्रीज कराया है। वरिष्ठ एंड्रोलाजिस्ट डा. सुनील जिंदल कहते हैं कि भागती दौड़ती जिंदगी में कई दंपत्तियों के पास अपना बच्चा पैदा करने का वक्त नहीं है। 30 वर्ष की उम्र के बाद महिला की बच्चा पैदा करने की क्षमता कमजोर पड़ने लगती है,ऐसे में 25 साल की उम्र की कई महिलाओं ने अपना अंडाणु फ्रीज कराया है। वो 35 से 40 वर्ष की उम्र में आइवीएफ तकनीक से अपनी संतान पैदा करेंगी। लंबे समय के लिए विदेश जाने वाले कई लोगों ने स्पर्म फ्रीज कराया है।
इनका कहना है
क्रायोफ्रीजिंग तकनीक से बड़ी उम्र में भी संतान पाने का अवसर है। विकसित देशों की तर्ज पर अब एनसीआर-मेरठ में भी कई दंपतियों ने स्पर्म व अंडाणु फ्रीज कराया है। -196 डिग्री पर टिस्सू, सेल, स्पर्म, स्त्री का अंडाणु व भ्रूण को भी फ्रीज कर सकते हैं। मौत के बाद भी व्यक्ति के स्पर्म उसका वंश बढ़ा रहे हैं। कई दंपती फ्रीज करवाने के दस साल बाद बच्चा पैदा कर रहे हैं।
- डा.सुनील जिंदल,एंड्रोलॉजिस्ट

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