सर्किल रेट नहीं बढ़ेंगे फिर भी आज से रजिस्ट्री महंगी, जानिए कैसे Meerut News

मंदी के दौर से गुजर रहे प्रॉपर्टी के बाजार को जिला प्रशासन ने इस बार भी राहत दी है। लगातार तीसरे वर्ष प्रॉपर्टी के सर्किल रेट में कोई इजाफा नहीं किया गया है।

By Ashu SinghEdited By: Publish:Thu, 01 Aug 2019 11:59 AM (IST) Updated:Thu, 01 Aug 2019 11:59 AM (IST)
सर्किल रेट नहीं बढ़ेंगे फिर भी आज से रजिस्ट्री महंगी, जानिए कैसे Meerut News
सर्किल रेट नहीं बढ़ेंगे फिर भी आज से रजिस्ट्री महंगी, जानिए कैसे Meerut News
मेरठ, जेएनएन। मंदी के दौर से गुजर रहे प्रॉपर्टी के बाजार को जिला प्रशासन ने इस बार भी राहत दी है। लगातार तीसरे वर्ष प्रॉपर्टी के सर्किल रेट में कोई इजाफा नहीं किया गया है। लेकिन निर्माण दरों में 20 से 30 फीसदी तक बढ़ोत्तरी की गई है। जिससे रजिस्ट्री के दौरान स्टांप शुल्क का भार बढ़ जाएगा। ये बढ़ी दरें एक अगस्त (आज) से लागू हो जाएंगी। संशोधन के इन प्रस्ताव पर पांच आपत्तियां मिली थी। जिनका बुधवार को निस्तारण करके देर शाम जिलाधिकारी ने आदेश जारी कर दिया।
लगातार तीसरे साल राहत
प्रत्येक वर्ष एक अगस्त से प्रॉपर्टी के नए सर्किल रेट जिला प्रशासन द्वारा सर्वे के बाद जारी किए जाते हैं। उन्हीं के मुताबिक रजिस्ट्री के दौरान स्टांप शुल्क की गणना की जाती है। मेरठ में एक अगस्त 2016 के बाद सर्किल रेट में परिवर्तन नहीं किया गया है। लगातार तीसरे वर्ष इस बार भी जिला प्रशासन ने सर्किल नहीं बढ़ाए हैं। लेकिन मवाना उप निबंधक कार्यालय के क्षेत्रधिकार में शामिल मवाना कसबे के कुछ मोहल्लों की संपत्तियों की दरों में त्रुटि को संशोधित किया गया है।
विसंगति को किया गया दूर
दरअसल सर्किल रेट सड़कों की चौड़ाई के साथ बढ़ते हैं। लेकिन यहां प्रीत नगर, प्रतिभा कालोनी, पैराडाइज एन्क्लेव, सुभाष चौक, ढिकौली तथा सादुल्लापुर बांगर में 9 मीटर तक चौड़ी सड़क की संपत्तियों के सर्किल रेट 18 मीटर तथा 18 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर स्थित संपत्तियों से अधिक थे। यह विसंगति थी। जिसे दूर किया गया है। इस पर भी बुधवार तक आपत्तियां मांगी गई थी।
स्टांप शुल्क की राशि फिर भी बढ़ी
सर्किल रेट भले ही न बढ़े हों लेकिन लोगों की रजिस्ट्री में स्टांप शुल्क की राशि फिर भी बढ़ जाएगी। जिला प्रशासन का कहना है कि जनपद में निर्माण दरें लंबे समय से परिवर्तित नहीं हुई हैं। आसपास के जनपदों में निर्माण दरें अधिक थी। दरों को अन्य जनपदों के बराबर किया गया है। दरों में 20 से 30 फीसदी तक बढ़ोत्तरी की गई है। इन दरों पर भी आपत्तियां मांगी गई थी। आपत्तियों का निस्तारण करके बुधवार देर रात डीएम ने नई दरों को लागू कर दिया। अब जमीन नहीं तो भवन की कीमत पर बढ़ा स्टांप शुल्क अदा करना होगा।
फिर दो साल में बदलेंगे सर्किल रेट
सर्किल रेट के निर्धारण के लिए उ.प्र. स्टांप संपत्तिकर मूल्यांकन नियमावली 1997 लागू की गई थी। जिसके तहत प्रत्येक दो वर्ष में संपत्तियों का मूल्यांकन किया जाता था। वर्ष 2013 में सरकार ने नियमावली में संशोधन करके वार्षिक मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की थी। तीन साल ही यह मूल्यांकन हो सका। इसके बाद प्रॉपर्टी का बाजार मंदी का शिकार हो गया। सहायक महानिरीक्षक निबंधन ए के तिवारी ने बताया कि विभाग फिर से द्विवार्षिक मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू कराने के पक्ष में है। इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार करके सीएम के पास भेजा चुका है। माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव को स्वीकृति जल्द मिल जाएगी। जिसके बाद प्रदेश में फिर से दो साल में सर्किल रेट बदलेंगे।
आम आदमी पर बोझ की तैयारी
विकास शुल्क के नाम पर एमडीए ने आम आदमी पर बोझ डालने की तैयारी कर ली है। जल्द ही विकास शुल्क में 12 से 16 फीसद का इजाफा होने वाला है। अहम बात यह है कि एमडीए अपने भवन और प्लाट की कीमत बढ़ाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। आगामी बोर्ड बैठक में एमडीए ने विकास शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। यह वृद्धि 12 से 16 फीसद हो सकती है। वर्तमान में विकास शुल्क एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर है। विकास शुल्क बढ़ने से बिल्डर के भवनों की कीमत में इजाफा होगा और साथ ही प्लाट में घर बनाने पर थोड़ा ज्यादा शुल्क देना होगा। विकास शुल्क किसी भी कॉलोनी या मकान का मानचित्र स्वीकृत कराने के समय देना होता है। एमडीए को दिए जाने वाले शुल्क की भरपाई बिल्डर खरीदारों से ही करता है।
पांच साल से नहीं बढ़ा विकास शुल्क
पिछले पांच साल से एमडीए ने विकास शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की है। शहर की विकास योजनाओं में एमडीए भागीदारी करना चाहता है। कॉलोनियों के बाहर भी कार्य कराए जाते हैं। इसलिए एमडीए विकास शुल्क बढ़ाएगा। बता दें कि गाजियाबाद में विकास शुल्क 2500 रुपये प्रति वर्ग मीटर व हापुड़ में 700 रुपये प्रति वर्ग मीटर है।
इनका कहना है
सर्किल रेट इस बार भी नहीं बढ़े हैं। मवाना क्षेत्र की त्रुटि के सुधार और निर्माण दरों के प्रस्तावों पर कुल पांच आपत्तियां मिली थीं। इनमें से केवल एक आपत्ति में लिपिकीय त्रुटि के संशोधन की मांग की गई थी। जिसे स्वीकार करके संशोधन कर लिया गया है। नए रेट गुरुवार (आज) से लागू होंगे।
- सुभाषचंद्र प्रजापति, एडीएम वित्त
रियल एस्टेट की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने खुद सर्किल रेट न बढ़ाने की बात कही है। एमडीए अगर विकास शुल्क में बढ़ोतरी करता है तो यह सरकार की मंशा के विपरीत होगा। रियल एस्टेट व्यवसायी इसके लिए वीसी से मिलेंगे।
- कमल ठाकुर, महामंत्री रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन
वार्षिक बढ़ोतरी के प्रावधान के अनुसार ही विकास शुल्क बढ़ाया जाएगा। मामूली बढ़ोतरी होगी।
- राजेश पांडेय, एमडीए वीसी 

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