मेरठ : सांसद राजेंद्र अग्रवाल व विधायकों ने कमिश्नर डीएम के समक्ष उठाए सवाल, अस्पतालों की होगी जांच
कोरोना को हराने और संक्रमित मरीजों के उपचार के साथ अव्यवस्थाओं को लेकर जनपद के जनप्रतिनिधियों ने कमिश्नर और डीएम से आनलाइन बैठक में शामिल होकर संवाद किया। सांसद और विधायकों ने निजी अस्पतालों की मनमानी और ऑक्सीजन के दाम को लेकर सवाल उठाए।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना को हराने और संक्रमित मरीजों के उपचार के साथ अव्यवस्थाओं को लेकर जनपद के जनप्रतिनिधियों ने कमिश्नर और डीएम से आनलाइन बैठक में शामिल होकर संवाद किया। सांसद और विधायकों ने निजी अस्पतालों की मनमानी के साथ ऑक्सीजन के सिलेंडर के अधिक दाम वसूली और ऑक्सीजन वाले बेड की संख्या बढ़ाने को लेकर सवाल किए। कमिश्नर और डीएम ने जनप्रतिनिधियों के समक्ष किए जा रहे प्रयासों की रिपोर्ट प्रस्तुत कर व्यवस्था में सुधार का आश्वासन दिया।
शनिवार की देर शाम आयोजित आनलाइन बैठक की शुभारंभ करते हुए कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने जनपद में ऑक्सीजन की उपलब्धता और उपचार की स्थिति से संबंधित रिपोर्ट सांसद और विधायकों के समक्ष रखी। जिस पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से अधिक उपचार खर्च वसूल करने के नाम पर उत्पीड़न करने को लेकर सवाल किया। कमिश्नर ने जवाब देते हुए बताया कि निजी अस्पतालों की जांच के लिए टीम गठित की गई है। दस-दस अस्पतालों की जांच की जाएगी। साथ ही अस्पतालों को अपने यहां बेड, ऑक्सीजन, उपचार खर्च आदि की सूची अस्पताल के बाहर नोटिस बोर्ड पर लगाने के लिए भी निर्देशित किया गया है। ऐसा न करने पर कार्रवाई होगी। किठौर विधायक सत्यवीर त्यागी ने गांवों में सैनिटाइजर का छिड़काव करने की मांग उठाई। डीएम के. बालाजी ने बताया कि गांवों में सर्वे का काम चल रहा है और सैनिटाइजर का छिड़काव भी कराया जा रहा है। साथ ही लक्षण वाले मरीजों को मेडिकल किट भी दी जा रही है। ऐसे ही दक्षिण विधायक सोमेंद्र तोमर ने ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की मांग उठाई। कमिश्नर ने बताया कि ऑक्सीजन की उपलब्धता के अनुसार बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा सिलेंडर घर पर जमा करने को लेकर भी सवाल किए गए।
सुभारती पर भड़के सांसद
आनलाइन बैठक के दौरान सांसद ने कहा कि सुभारती में बनाए गए कोविड अस्पताल में मरीजों को मनमाने तरीके से भर्ती किया जा रहा है। यहां सरकार द्वारा अधिगृहीत किए गए बेडों की निजी तरीके से फीस वसूल की जा रही है। इस तरह की कई शिकायतें मिल चुकी है। इस पर कमिश्नर ने कहा कि सुभारती प्रबंधन से बातचीत की गई है। अगर किसी को यहां भर्ती करने से इन्कार किया जाता है तो जिला प्रशासन से शिकायत कर सकता है। उसे हर हाल में भर्ती कराया जाएगा।