एक था रूपक : अवशेष और बालों को ही आधार बनाकर हत्यारोपितों को सजा दिलाएगी पुलिस Meerut News

मेरठ में 220 फीट गहरे बोरवेल की डेढ़ सौ फीट खोदाई कराने के बाद रूपक के शव के अवशेष नहीं मिल सके। इस दौरान बाल और कपड़े मिले थे उन्हें पुलिस ने सील कर दिया है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Sun, 23 Aug 2020 11:00 AM (IST) Updated:Sun, 23 Aug 2020 11:00 AM (IST)
एक था रूपक : अवशेष और बालों को ही आधार बनाकर हत्यारोपितों को सजा दिलाएगी पुलिस Meerut News
एक था रूपक : अवशेष और बालों को ही आधार बनाकर हत्यारोपितों को सजा दिलाएगी पुलिस Meerut News

मेरठ, जेएनएन। 220 फीट गहरे बोरवेल की डेढ़ सौ फीट खोदाई कराने के बाद रूपक के शव के अवशेष नहीं मिल सके। इस दौरान बाल और कपड़े मिले थे, उन्हें पुलिस ने सील कर दिया है। हालांकि उससे पहले मिले बाल अवशेष का डीएनए टेस्ट कराने के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा जा चुका है। एसएसपी ने भी कह दिया कि अब अवशेष निकालने का कोई चारा नहीं बचा है। अवशेष बोरवेल में दो सौ फीट से नीचे जा चुके हैं। अब अवशेष और बालों को ही मुकदमे में आधार बनाकर रूपक के हत्यारोपितों को सजा दिलाई जाएगी।

गोली मारकर की थी हत्‍या

कंकरखेड़ा थाने के अनूप नगर फाजलपुर निवासी रूपक उर्फ भूरी पुत्र जसवंत को उसके ही दोस्तों ने 27 जून की शाम को दावत के बहाने रोहटा थाना क्षेत्र के जिटोला गांव में बुलाकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। शव के अवशेष को रवि व उसके अन्य दोस्तों ने गांव जिटोला के ही जंगल में दो सौ बीस फीट गहरे बोरवेल में डाल दिया था। पुलिस आरोपितों को जेल भेज चुकी है। अवशेष निकालने के लिए 10 जुलाई से 17 जुलाई तक पोर्कलेन व जेसीबी मशीन की मदद से बोरवेल के पास 50 फीट तक खोदाई करके शव की तलाश की थी।

डीएनए टेस्ट के लिए लखनऊ फॉरेंसिक लैब भेजा

उस समय कुछ बाल और अवशेष मिले थे, जिनको डीएनए टेस्ट के लिए लखनऊ फॉरेंसिक लैब भेज दिया। उसके बाद रूपक की मां धरने पर बैठी तो पुलिस ने रैपिड रेल की मशीनों को बुलाकर 150 फीट तक बोरवेल की खोदाई कराई। उसके बाद कुछ कपड़े और बाल के टुकड़े मिले है, जिन्हें पुलिस ने सील कर दिया है। पुलिस अब डीएनए रिपोर्ट को ही मुकदमे में आधार बनाकर आरोपितों को सजा दिलाएगी। उधर, रूपक के स्वजनों को अभी भी अवशेष का इंतजार है। उसकी मां का कहना है कि बेटे के शरीर के टुकड़े ही मिल जाते ताकि उसका अंतिम संस्कार कर देती। आरोपितों ने ऐसी मौत दी है कि उसका अंतिम चेहरा भी नहीं देख सके। ऐसे में अब आरोपितों को सजा दिलाना ही परिवार का उद्देश्य है।

इनका कहना है

रूपक के अवशेष निकालने के लिए रैपिड रेल की मशीनों ने 150 फीट तक खोदाई की। उसके कपड़े और बाल मिले थे, उन्हें सील कर दिया है। उसके बाद बोरवेल को खोदाई करने का कोई यंत्र नहीं है। ऐसे में अब पुलिस डीएनए रिपोर्ट को ही आधार बनाकर आरोपितों को सजा दिलाएगी। पीडि़त परिवार के साथ मिलकर कोर्ट में भी मुकदमें की पैरवी कराई जाएगी।

- अजय साहनी, एसएसपी

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