Meerut News: दिनदहाड़े पुलिस चौकी के सामने युवकों ने ठेकेदार को पीटा, फिर जबरन फार्च्यूनर में डालकर ले गए
मेरठ निवासी ललित त्यागी ठेकेदारी करते हैं। रविवार को वह अपने दोस्त निमेष त्यागी के साथ गढ़ रोड पर कृष्णा प्लाजा तेजगढ़ी चौकी के सामने खड़े थे तभी सफेद रंग की फार्च्यूनर गाड़ी आकर रुकी और उसमें से उतरे पांच लोगों ने ललित पर हमला कर दिया।
मेरठ, जागरण संवाददाता। फार्च्यूनर सवार युवकों ने तेजगढ़ी पुलिस चौकी के सामने दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया। दोस्त के साथ खड़े ठेकेदार को पहले जमकर पीटा और फिर जबरन गाड़ी में डालकर ले गए। दोस्त ने कंट्रोल रूम को सूचना दी।
पांच लोगों ने बोला हमला
परीक्षितगढ़ निवासी ललित त्यागी जीओ में ठेकेदारी करते हैं। रविवार दोपहर वह अपने दोस्त निमेष त्यागी के साथ गढ़ रोड पर कृष्णा प्लाजा तेजगढ़ी चौकी के सामने खड़े थे। तभी सफेद रंग की फार्च्यूनर गाड़ी आकर रुकी और उसमें से उतरे पांच लोगों ने ललित पर हमला बोल दिया। निमेष ने बीच-बचाव किया तो उससे भी हाथापाई की। इसके बाद आरोपित ललित को जबरन गाड़ी में डालकर ले गए। निमेष ने स्वजन और कंट्रोल रूम को अपहरण की सूचना दी। कुछ ही देर में मेडिकल थाना प्रभारी मौके पर पहुंच गए।
सीसीटीवी में कैद हुई वारदात
आसपास लगे सीसीटीवी की फुटेज खंगाली, जिसमें वारदात कैद हो गई। इसके बाद गाड़ी नंबर के आधार पर आरोपितों के बारे में जानकारी की। तहरीर पर पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज कर लिया। एसपी सिटी पीयूष सिंह ने बताया, हापुड़ के आवास-विकास कालोनी निवासी मुनेंद्र त्यागी के घर से ललित को बरामद कर लिया। मुनेंद्र और उसके दोस्त अंकुर त्यागी को गिरफ्तार कर फार्च्यूनर भी बरामद कर ली है।
20 लाख रुपये का विवाद आ रहा सामने
पीड़ित के स्वजन ने बताया, ललित ने मुनेंद्र से काम के सिलसिले में 10 लाख रुपये उधार लिए थे। मुनेंद्र को 20 लाख रुपये के चेक भी दिए हुए हैं। इसको लेकर कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। आरोप है कि ललित को गाड़ी में भी जमकर पीटा। घर ले जाकर कपड़े उतारकर पीटा। बेसुध स्थिति में पुलिस ने उसे बरामद किया। मेडिकल कालेज में उसे भर्ती कराया गया है। एसपी सिटी ने बताया, लेनदेन का विवाद सामने आ रहा है।
पुलिस की बात भी नहीं मानी
बताया गया है कि गाड़ी नंबर और स्वजन से बातचीत के बाद पुलिस को आरोपित का नंबर मिल गया था। पुलिस ने फोन कर युवक को छोड़ने के लिए कहा लेकिन आरोपित ने मना कर दिया। इसके बाद टीम को हापुड़ भेजा था। पीड़ित पक्ष का कहना है कि पुलिस ने ललित की जिंदगी बचा ली। आरोपित कुछ भी कर सकते थे।