Meerut Accident News: हादसों के इंतजार में जिम्मेदार, कर रहे हवा-हवाई बातें, गन्‍ना पेराई सत्र भी शुरू

Meerut Accident News मेरठ में हादसों को रोकना है जिम्‍मेदारों को सामने आना ही होगा। इन दिनों गन्ने की पेराई शुरू होने के बाद भी कोई सुध लेने को तैयार नहीं। जागरण ने अभियान के तहत अफसरों से बात की तो रटा-रटाया जवाब मिला।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 01:30 PM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 01:30 PM (IST)
Meerut Accident News: हादसों के इंतजार में जिम्मेदार, कर रहे हवा-हवाई बातें, गन्‍ना पेराई सत्र भी शुरू
सुबह से लेकर रात तक मौत बनकर दौड़ रहे गन्नों से लदे वाहन।

मेरठ, जागरण संवाददाता। ठंड के साथ ही गन्ने का पेराई सत्र भी शुरू हो चुका है। सुबह से लेकर रात तक गन्ने से लदे ओवरलोड वाहन हाईवे से लेकर देहात तक दौड़ रहे हैं। इनकी ओर किसी का ध्यान नहीं है। मौत बनकर दौड़ते वाहनों में पीछे न तो रिफ्लेक्टर होता है, और न ही रेडियम टेप। वाहनों से बाहर निकले गन्ने भी कम घातक नहीं होते। इसलिए धुंध में जगह-जगह वाहन खड़े होने से हादसों का ग्राफ भी बढ़ जाता है। जागरण ने अभियान के तहत अफसरों से बात की तो रटा-रटाया जवाब मिला- वाहन चालकों को जागरूक किया जा रहा है। हालांकि सालों से ऐसा ही हो रहा है, लेकिन इसका असर आज तक दिखाई नहीं दे रहा।

पुरानी बातें, नया करने को कुछ नहीं

दौराला शुगर मिल में रोजाना बड़ी संख्या में ट्रक और ट्रैक्टर-ट्राली गन्ने लेकर पहुंचते हैं। इनमें से अधिकतर में न तो रिफ्लेक्टर होता है और न ही बैक लाइट सही होती है। धुंध में हादसों के लिए ऐसे वाहन बिल्कुल मुफीद होते हैं। रही सही कसर बुग्गियों से पूरी हो जाती है। उनके पीछे निकले हुए गन्ने जान लेने के लिए काफी होते हैं, क्योंकि बुग्गियों में न तो बैक लाइट होती है और न ही कुछ और। धुंध होते ही ऐसे वाहन हाईवे से लेकर सड़क किनारे खड़े रहते हैं। हर साल किसी न किसी की जान चली जाती है। कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं होता। जिम्मेदार व्यक्ति हार बार की तरह इस बार भी जागरूकता फैलाने की बात ही कर रहे हैं। दौराला शुगर मिल के जीएम संजीव कुमार खाटियान ने बताया कि ट्रैक्टर-ट्राली, बुग्गी मालिकों को जागरूक किया जा रहा है। उनसे जल्द से जल्द बुग्गी व ट्रैक्टर-ट्राली में रिफ्लेक्टर लगवाने के लिए कहा है। वहीं, सीओ दौराला आशीष शर्मा ने कहा कि पुलिस बुग्गी, ट्रैक्टर-ट्राली संचालकों को रिफ्लेक्टर लगवाने के लिए प्रेरित करेगी। फिर भी कोई नहीं लगाता है, तो कार्रवाई की जाएगी।

जल्द चलेगा अभियान...हर बार यही होता है

मवाना चीनी मिल में गन्ने का पेराई सत्र शुरू हो चुका है। ट्रक, ट्रैक्टर-ट्राली और बुग्गियों से रात-दिन गन्ने पहुंचने लगे हैं। सड़कों पर जाम तो लगता ही है, साथ ही हादसे भी शुरू हो गए हैं। हालाकि धुंध में होने वाले हादसे ज्यादा घातक होते हैं। अभी कोहरा पडऩे में समय है, लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने उनको रोकने के लिए कदम नहीं उठाया है। गन्ने लेकर दौडऩे वाले वाहन हर साल की तरह इस बार भी पुरानी स्थिति में ही हैं। अनफिट वाहन भी इस दौरान खूब इस्तेमाल किए जाते हैं। एसडीएम मवाना अमित गुप्ता ने बताया कि यातायात पुलिस व पीडब्ल्यूडी के साथ मिलकर लाइट विहीन वाहनों के पीछे रिफ्लेक्टर पट्टी लगाई जाएगी। वहीं, हाईवे व संपर्क मार्गों पर भी सफेद पट्टी व रिफ्लेक्टर लगाने के लिए लिखेंगे। गन्ना ढुलाई करने वाले वाहन संचालकों को जागरूक किया जाएगा।

जान बचाने से ज्यादा टालने में लगे जिम्मेदार

रोहटा में भी पेराई सत्र की शुरुआत हो चुकी है। दिन रात गन्ने लेकर वाहन पहुंच रहे हैं। यहां की स्थिति भी कमोबेश हर जगह की जैसी ही है। अनफिट वाहन ओवरलोड हैं। कई-कई बुग्गियां एक साथ चल रही हैं, जो रास्ते में कहीं भी खड़ी हो जाती हैं। धुंध के दौरान उनसे हादसे होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा लोगों को जाम से भी दो चार होना पड़ता है। सीओ सरधना आरपी शाही ने बताया कि नियमों के विपरीत चल रहे गन्ना लदे ओवरलोड वाहनों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही बुग्गी चालकों से भी सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए कहा जाएगा। फिर भी बात नहीं बनती, तो कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।

इनका कहना है

दुर्घटना से बचाव व सतर्कता के तौर पर गन्ने से भरी ट्रैक्टर-ट्राली, भैंसा-बुग्गी, ट्रक आदि के आगे-पीछे दोनों तरफ रिफ्लेक्टर लगाने के दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। चीनी मिल गेट पर प्रत्येक ट्रक या बड़े वाहनों को रिफ्लेक्टर चस्पा करके दिया जाता है। इस संबंध में चीनी मिलों व क्रय केंद्रों को जिलाधिकारी व जिला गन्ना अधिकारी की ओर से प्रत्येक वर्ष आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। हर 15 दिन के बाद इनकी निगरानी की जाएगी, जिसमें देखा जाएगा कि कितने वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगे हैं या नहीं।

- डा. दुष्यंत कुमार, जिला गन्ना अधिकारी

धुंध को देखते हुए वाहनों में रिफ्लेक्टर के साथ ही फाग लाइट के लिए पहले तो वाहन चालकों से अपील की जाएगी। साथ ही उनको जागरूक भी किया जाएगा। इस दौरान स्कूली छात्रों और विभिन्न संगठनों का भी साथ लिया जाएगा। इसके बाद भी यदि लोग वाहनों पर रिफ्लेक्टर या फिर फाग लाइट का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जिले के सभी थाना प्रभारियों को भी निर्देशित किया जाएगा।

- जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक

सितंबर से ही ट्रैक्टर-ट्रालियों और ट्रकों के पीछे रिफ्लेक्टर लगाने का अभियान चल रहा है। सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत भी इस बारे में जागरूकता अभियान चलाया गया है।

- हिमेश तिवारी, आरटीओ

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