मेरठः देर रात दिल्ली रोड पर बेकाबू ट्रक का कहर, पांच की मौत, 6 लोग घायल

तेज रफ्तार ट्रक ने कई लोगों को कुचल दिया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हो गए

By Vikas JangraEdited By: Publish:Thu, 30 Aug 2018 12:20 AM (IST) Updated:Thu, 30 Aug 2018 10:42 AM (IST)
मेरठः देर रात दिल्ली रोड पर बेकाबू ट्रक का कहर, पांच की मौत, 6 लोग घायल
मेरठः देर रात दिल्ली रोड पर बेकाबू ट्रक का कहर, पांच की मौत, 6 लोग घायल

मेरठ [जेएनएन]। बुधवार देर रात दिल्ली रोड पर बेकाबू कैंटर ने कुछ ही देर में सोलह लोगों को कुचल दिया। इनमें पांच लोगों की मौत हो गई तथा 12 घायल हैं। कुछ युवकों ने मांस से भरी पिक-अप गाड़ी में आग लगाने का प्रयास किया, लेकिन मामला टल गया। हादसे के बाद दिल्ली रोड पर घंटों भीषण जाम लगा रहा। जिला प्रशासन ने मृतकाश्रितों को पांच-पांच तथा घायलों को दो-दो लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।


रात करीब साढ़े 11 बजे दिल्ली की ओर से तेज रफ्तार कैंटर बेगमपुल की तरफ जा रहा था। टीपीनगर थाना क्षेत्र में शारदा रोड के सामने उसने पैदल जा रहे एक व्यक्ति को कुचल दिया। इसके बाद चालक ने ट्रक की गति बढ़ा दी। करीब 200 मीटर आगे जा रही मांस से लदी महेंद्रा पिकअप को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पिकअप डिवाइडर पर पलट गई और मांस सड़क पर बिखर गया। कैंटर चालक फिर भाग निकला। थोड़ी ही दूर फुटबाल चौक पर कैंटर चालक ने एक टेंपो को टक्कर मार दी।

इसमें टेंपों सवार पांच लोग जख्मी हो गए। इसके बाद टैंकर ने डिवाइडर पर सो रहे लोगों को कुचल दिया। यहां दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। उधर, पिकअप हादसे के बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद पिकअप को सीधा कर उसके चालक को निकाला। अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। घायलों अरुण कुमार पुत्र करण सिंह निवासी अंबेडकर नगर की हालत नाजुक बनी हुई है।


वहीं प्रदीप कुमार पुत्र शिव लाल निवासी शिवपुरम, विशाल त्यागी पुत्र स्व. विजयवीर सिंह त्यागी, स्पोट्र्स काम्लैक्स को केएमसी में भर्ती कराया गया है। हादसे की सूचना पर भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा समर्थकों संग मौके पर पहुंचे और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। इसको लेकर उनके समर्थकों और पुलिस के बीच हाथापाई हुई। पुलिस ने मशक्कत के बाद ट्रक को डिवाइडर से हटाया। देर रात पुलिस ने कैंटर चालक को नशे ही हालत में पकड़ लिया।

नशे में चालक, ओवरस्पीड ...हादसा तो होना ही था
30 सेकेंड में तीन टक्कर, चार लोगों की मौत और 150 मीटर का फासला। बुधवार रात जो सड़क दुर्घटना घटी, उसके कारणों को देखा जाए तो चालक से लेकर व्यवस्था तक हर कोई समान रूप से ही दोषी दिखता है। एक कैंटर ओवरस्पीड में मीलों दूर से दौड़ता चला आया, लेकिन उस पर अंकुश लगाने को सड़क पर कोई था ही नहीं। शराब के नशे में वाहन चलाना कानून अपराध है, लेकिन इसे भी रोकने के लिए खाकी ने अपने हाथ बांध रखे हैं। जब हादसा हो जाता है तो पुलिस लकीर पीटती है।


ध्यान दीजिएगा...नशे में धुत कैंटर चालक अगर शहर के बीचोबीच बेहद तेज रफ्तार से वाहन दौड़ाएगा और लगभग 20 इंच चौड़े डिवाइडर पर दर्जनों लोग सोएंगे तो इस तरह के हादसे शायद ही रूकें। सरकार के आश्रय गृह की उम्मीद में अब तक खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोगों पर हर रोज मौत मंडराती है, बुधवार को वह आ भी गई। कहने को तो कागजों में फुट पेट्रोलिंग, डायल 100 की पेट्रोलिंग, नाका लगाना, नशे की जांच खाकी खूब करती है...काश, सड़क पर भी कुछ होता तो यह हादसा न होता। परतापुर बाईपास से लगभग 10 किमी की दूरी इस मौत के कैंटर ने जिस तरह से बेरोकटोक पार की, उसने पुलिसिया इंतजाम की पोल खोलकर रख दी है।


विश्व स्वास्थ संगठन भी इस बात को पुष्ट कर चुका है कि नशे में वाहन चलाना चार गुना तक सड़क दुर्घटना की आशंका बढ़ा देता है। अगर शराब पीकर वाहन चलाने के नियम-कानून का ठीक ढंग से अनुपालन कराया जाए तो एक अनुमान के मुताबिक 24 फीसद तक हादसे रोके जा सकते हैं, लेकिन शायद इस तरह के शोध या अध्ययन से मेरठ पुलिस का कोई वास्ता नहीं है। इसलिए रोजाना सड़कें खून से लाल हो रही हैं और खाकी इसके लिए चालक-यात्री को ही पहला और अंतिम दोषी मान अपना कॉलर झाड़ लेती है।

इसी माह 30 की संख्या पार कर गई
मेरठ में सड़क हादसों के लिए अगस्त काफी भारी पड़ गया है। अकेले इस महीने में अब तक सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या 30 को पार कर गई है। यानि औसतन रोजाना एक से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। अधिकांशत: हादसों में बड़े वाहनों की चपेट में आकर छोटे वाहन चालक मारे गए हैं।

सड़क हादसों की आधी मौत का कारण ओवर स्पीड
ओवर स्पीड सड़क हादसों में मौत की बड़ी वजह है। सड़क दुर्घटना में लगभग हर दूसरी मौत ओवर स्पीड की वजह से होती है। गत वर्ष एक लाख 50 हजार 785 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई और इनमें तेज गति की वजह से मरने वालों की संख्या 73 हजार 896 थी। इतना ही नहीं, दो लाख 82 हजार 870 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मेरठ में ही इस वर्ष घायलों की संख्या लगभग 500 को पार कर गई है। मौतों की संख्या 300 के करीब है।

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