Kisan Mahapanchayat: शहीद क्रांतिकारियों की वेशभूषा में महापंचायत में पहुंचे हिसार के किसान, भीड़ से अलग आए नजर
मुजफ्फरनगर की महापंचायत में कुछ नजारें जुदा भी दिखे। हिसार से एक साथी किसान आशीष और मताब शहीद भगत सिंह की वेशभूषा में नजर आए जिन्होंने अपने हाथों में जंजीरें डालकर सभी का ध्यान अपनी और खींचा। एक किसान राजगुरु की वेशभूषा में दिखा।
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। मुजफ्फरनगर में संयुक्त किसान महापंचायत के दौरान हरियाणा के हिसार से पहुंचे कुछ किसान महापंचायत में आकर्षण का केंद्र बने रहे। क्रांतिकारियों की वेशभूषा में पहुंचे किसानों ने आंदोलन में अपनी भागीदारी अलग ढंग से दर्ज कराते हुए मंच पर अपनी जगह बनाई।
सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा
हिसार से पहुंचे किसान अमरजीत सिंह मंच के पास अपने कुछ किसान भाइयों के साथ पहुंचे। उनके साथी किसान आशीष और मताब शहीद भगत सिंह की वेशभूषा में नजर आए, जिन्होंने अपने हाथों में जंजीरें डालकर सभी का ध्यान अपनी और खींचा। वहीं, किसान दलबीर सिंह ने महात्मा गांधी, मिडढ़ा सिंह ने सुभाष चंद्र बोस की वेशभूषा और राजू व संजू ने राजगुरु की वेशभूषा पहन रखी थी। मंच के पास काफी देर तक घूमते हुए इन किसानों ने मंच पर बैठे पदाधिकारियों का ध्यान अपनी और खींच लिया, जिसके बाद उन्हें मंच पर बुलाकर बैठाया गया। अंत में उन्होंने किसान आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से चलाने का आह्वान भी किया। इन किसानों ने बताया कि वह नौ महीने से किसान आंदोलन से जुड़े हुए हैं।
भंडारा लगाकर किसानों की सेवा करते रहे लोग
रविवार को हुई किसान महापंचायत को लेकर पुलिस-प्रशासन ने दोपहर के समय खतौली के बाजार बंद करा दिए। नेशनल हाईवे-58, महावीर चौक, रालोद कार्यालय, चौधरी चरण सिंह मार्केट के सामने, जानसठ रोड फ्लाइओवर के नीचे समेत दर्जनों स्थानों पर महापंचायत में आने वाले लोगों के लिए लंगर चलाए गए। इनके अतिरिक्त विभिन्न संगठनों और जिले के नागरिकों ने पानी की बोतल, केले व अन्य खाद्य सामग्री वितरित की।
एक घंटे बार छंट गई भीड़
किसान महापंचायत के बाद भीड़ राजकीय इंटर कालेज के मैदान से रवाना हुई, जिससे शहर में मुख्य मार्गों पर जाम लगा गया। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले ही किसान नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी दी थी। यातायात संबंधित जिम्मेदारी भाकियू नेता एडवोकेट जहीर फारुकी को दी गई थी। उनके नेतृत्व में युवाओं की टीम मुख्य मार्गों से जाम खुलवाती चली गई। महापंचायत के एक घंटे बाद ही मार्गों और मैदान से भीड़ छंट गई, जिससे लोगों को राहत मिली। जहीर फारुकी ने बताया कि पूर्व में ही यातायात संबंधित तैयारी की गई थी, जिसके चलते भीड़ को मार्ग से भटकने नहीं दिया। जीआइसी मैदान से बाहर जाने के लिए अतिरिक्त द्वार बनाए गए।