पुलिस ने दोस्त के हत्यारे को आखिरकार 17 साल बाद कैसे पकड़ा,जानिए Meerut News
दोस्त का अपहरण कर उसे मौत के घाट उतारने वाले आरोपित को आखिरकार पुलिस ने 17 साल बाद मेरठ से ही गिरफ्तार कर लिया। आरोपित नाम बदलकर फरारी काट रहा था।
मेरठ, जेएनएन। 2002 में दोस्त का अपहरण कर उसे मौत के घाट उतारने वाले आरोपित को पकडऩे में पुलिस को 17 साल लग गए। ब्रह्मपुरी थाना पुलिस ने मंगलवार तड़के आरोपित को शॉपरिक्स मॉल के पास से गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी डॉ.अखिलेश नारायण सिंह ने प्रेसवार्ता कर बताया कि आरोपित पर 25 हजार रुपये का इनाम था। वह नाम बदलकर देहरादून व गुरुग्राम में फरारी काट रहा था।
2002 में दी थी तहरीर
परतापुर थाना क्षेत्र के गांव महरौली निवासी प्रेम पुत्र मंगल ने तीन अक्टूबर 2002 में तहरीर दी थी कि उसके भाई विजय कुमार का भैंसा-बुग्गी समेत अपहरण कर लिया गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विजय की तलाश शुरू कर दी थी। 13 अक्टूबर 2002 को विजय का शव मिलने के बाद मुकदमे में हत्या व साक्ष्य मिटाने की धारा बढ़ा दी गई थी। विवेचना में चार आरोपितों के नाम सामने आए थे,जिनमें दो आरोपित जेल जाकर दस-दस साल की सजा काट चुके हैं।
मुखबिर की सूचना पर पकड़ा
उक्त प्रकरण में दिनेश पुत्र विजय निवासी गांव खट्टा थाना चांदीनगर बागपत तथा अनुज निवासी मुर्गी फार्म थाना भावनपुर फरार चल रहे थे। पुलिस ने दोनों पर पहले 2500 रुपये और कुछ दिन पहले 25-25 हजार रुपये इनाम घोषित कर दिया था। मुखबिर की सूचना पर ब्रह्मपुरी पुलिस ने दिनेश को मंगलवार तड़के गिरफ्तार कर लिया।
नाम-आइडी बदलकर काटी फरारी
एसपी सिटी ने बताया कि दिनेश घटना के समय मुर्गी फार्म थाना भावनपुर में रह रहा था। दोस्त की हत्या करने के बाद उसने गुरुग्राम,नोएडा व रुद्रपुर में फरारी काटी। वर्तमान में वह रुद्रपुर में बिजली के तारों का कवर बनाने वाली कंपनी टीसीएस में जॉब कर रहा था। दिनेश ने अपना नाम बदलकर नितिन पुंडीर रख लिया था और इसी नाम से आइडी भी बनवा ली थी।
हत्या के जुर्म से पत्नी भी अनजान
दिनेश उर्फ नितिन ने फरारी के दौरान मेरठ की ही दूसरी बिरादरी की युवती से शादी कर ली थी। शादी के बाद उसने मेरठ आना-जाना बंद कर दिया। डेढ़ साल पहले मां की मौत पर भी दिनेश नहीं आया। मेरठ में रिक्शा चलाने वाले भाई को वह साल में कभी-कभार फोन कर लेता था।
2002 में दी थी तहरीर
परतापुर थाना क्षेत्र के गांव महरौली निवासी प्रेम पुत्र मंगल ने तीन अक्टूबर 2002 में तहरीर दी थी कि उसके भाई विजय कुमार का भैंसा-बुग्गी समेत अपहरण कर लिया गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विजय की तलाश शुरू कर दी थी। 13 अक्टूबर 2002 को विजय का शव मिलने के बाद मुकदमे में हत्या व साक्ष्य मिटाने की धारा बढ़ा दी गई थी। विवेचना में चार आरोपितों के नाम सामने आए थे,जिनमें दो आरोपित जेल जाकर दस-दस साल की सजा काट चुके हैं।
मुखबिर की सूचना पर पकड़ा
उक्त प्रकरण में दिनेश पुत्र विजय निवासी गांव खट्टा थाना चांदीनगर बागपत तथा अनुज निवासी मुर्गी फार्म थाना भावनपुर फरार चल रहे थे। पुलिस ने दोनों पर पहले 2500 रुपये और कुछ दिन पहले 25-25 हजार रुपये इनाम घोषित कर दिया था। मुखबिर की सूचना पर ब्रह्मपुरी पुलिस ने दिनेश को मंगलवार तड़के गिरफ्तार कर लिया।
नाम-आइडी बदलकर काटी फरारी
एसपी सिटी ने बताया कि दिनेश घटना के समय मुर्गी फार्म थाना भावनपुर में रह रहा था। दोस्त की हत्या करने के बाद उसने गुरुग्राम,नोएडा व रुद्रपुर में फरारी काटी। वर्तमान में वह रुद्रपुर में बिजली के तारों का कवर बनाने वाली कंपनी टीसीएस में जॉब कर रहा था। दिनेश ने अपना नाम बदलकर नितिन पुंडीर रख लिया था और इसी नाम से आइडी भी बनवा ली थी।
हत्या के जुर्म से पत्नी भी अनजान
दिनेश उर्फ नितिन ने फरारी के दौरान मेरठ की ही दूसरी बिरादरी की युवती से शादी कर ली थी। शादी के बाद उसने मेरठ आना-जाना बंद कर दिया। डेढ़ साल पहले मां की मौत पर भी दिनेश नहीं आया। मेरठ में रिक्शा चलाने वाले भाई को वह साल में कभी-कभार फोन कर लेता था।