Illegal NCERT Books: सूबे में 36 लाख बच्चों के लिए छापी गई 28 लाख किताबें,पकड़ में आ रहा गोलमाल Meerut News

एनसीईआरटी में एक के बाद एक परतें खुलती जा रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार को दिए गए टेंडर की जांच में सामने आया कि बच्चों की संख्या अधिक होने के बाद भी किताबों की छपाई कम की गई।

By Prem BhattEdited By: Publish:Tue, 01 Sep 2020 11:40 AM (IST) Updated:Tue, 01 Sep 2020 01:33 PM (IST)
Illegal NCERT Books: सूबे में 36 लाख बच्चों के लिए छापी गई 28 लाख किताबें,पकड़ में आ रहा गोलमाल Meerut News
Illegal NCERT Books: सूबे में 36 लाख बच्चों के लिए छापी गई 28 लाख किताबें,पकड़ में आ रहा गोलमाल Meerut News

मेरठ, [सुशील कुमार]। भाजपा नेता संजीव गुप्ता और भतीजे सचिन गुप्ता के अवैध किताब प्रकरण से एनसीईआरटी में एक के बाद एक परतें खुलती जा रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार को दिए गए टेंडर की जांच में सामने आया कि बच्चों की संख्या अधिक होने के बाद भी किताबों की छपाई कम की गई। अभी तक दो कक्षाओं के छात्रों और किताबों का तुलनात्मक आंकड़ा भी चौंकाने वाला है। साफ हो गया है कि यूपी सरकार को दिए गए टेंडर में भी संजीव और सचिन की छापी गई किताबों का प्रयोग हो रहा था।

गोपनीय जांच शुरू की गई

2018 में यूपी और उत्तराखंड बोर्ड ने भी एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को लागू किया था। एक से लेकर कक्षा 12 के सरकारी स्कूलों में भी एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू होने के बाद इन किताबों की छपाई यूपी और उत्तराखंड सरकार कई बड़ी प्रेस को टेंडर देकर कराती है। यूपी सरकार की तरफ से तीन या चार प्रिंटर्स को एनसीईआरटी की सरकारी स्कूलों में जाने वाली किताबों की छपाई का टेंडर दिया है। संजीव और सचिन गुप्ता के गोदाम में अवैध किताबें पकड़े जाने के बाद एनसीईआरटी ने भी गोपनीय जांच शुरू कर दी। यूपी सरकार को दिए गए टेंडर में भी गोलमाल पकड़ में आया है।

18 लाख किताबों की छपाई

अभी तक एनसीईआरटी ने कक्षा नौ के गणित की किताबों की पड़ताल की है, जिसमें सामने आया कि कक्षा नौ में बच्चों की संख्या 26 लाख है, जबकि किताबों की छपाई 18 लाख की गई। इसी तरह से कक्षा दस में विज्ञान की किताबों की पड़ताल में सामने आया कि बच्चों की संख्या 36 लाख है, यहां किताबों की छपाई का आंकड़ा यूपी सरकार ने 28 लाख का दिया है। इससे साफ है कि बाकी बच्चों को अवैध किताब ही मुहैया कराई गई होंगी। अन्य कक्षाओं की किताबों की छपाई की पड़ताल भी जारी है। एनसीईआरटी के सतर्कता अधिकारी आशुतोष मिश्रा ने बताया कि एनसीईआरटी भी अपनी तरफ से मामले की जांच कर रही है।

अधिकृत की आड़ में अवैध किताबों का खेल

शाहदरा के राहुल जैन ने अपने पिता के नाम से जनता प्रिंटर्स पर एनसीईआरटी की टेंडर ले रखा है, जबकि राहुल जैन मेरठ तथा अन्य शहरों में अवैध किताब छपाई करने के बाद दुकानदारों को बेच रहा था। काफी दुकानदार तो असली किताब समझकर खरीदारी कर रहे थे। इसी तरह से शाहदरा का वजीर चंद जैन भी एनसीईआरटी का अधिकृत है। उसके बाद भी अवैध किताबों की छपाई कर रहा था। सामने आया कि सचिन गुप्ता भी इन सभी को अपनी छापी गई किताबें मुहैया कराता था जो उन्हें असली रेट पर दुकानदारों को बेचते थे। बता दें कि राहुल जैन के खिलाफ लिसाड़ीगेट थाने में मुकदमा दर्ज है। पुलिस राहुल के खिलाफ साक्ष्य जुटा रही है।

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