Illegal Books Case: तीन फर्म से दो हजार दुकानदारों को बेचा गया करोड़ों का माल, बिल बुक कर रही राजफाश Meerut News

भाजपा नेता संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता ने अपनी फर्म टीएनएचके प्रिंटर्स एंड पब्लिकेशन के अलावा दिल्ली और मेरठ की दो अन्य फर्म से करोड़ों का माल बेचा था।

By Prem BhattEdited By: Publish:Sat, 29 Aug 2020 08:30 AM (IST) Updated:Sat, 29 Aug 2020 08:30 AM (IST)
Illegal Books Case: तीन फर्म से दो हजार दुकानदारों को बेचा गया करोड़ों का माल, बिल बुक कर रही राजफाश Meerut News
Illegal Books Case: तीन फर्म से दो हजार दुकानदारों को बेचा गया करोड़ों का माल, बिल बुक कर रही राजफाश Meerut News

मेरठ, [सुशील कुमार]। Illegal NCERT Books करोड़ों की अवैध किताब प्रकरण में भाजपा नेता संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता ने अपनी फर्म टीएनएचके प्रिंटर्स एंड पब्लिकेशन के अलावा दिल्ली और मेरठ की दो अन्य फर्म से करोड़ों का माल बेच दिया। माल की खरीदारी करने वाले करीब दो हजार दुकानदारों की लिस्ट भी पुलिस को मिल गई है। उक्त दुकानदारों में पड़ताल की जा रही है कि एनसीईआरटी के अधिकृत विक्रेता तो नहीं है। लिस्ट की एक प्रति एनसीईआरटी को भी भेज दी गई है।

टीएनएचके फर्म से माल की सप्लाई

परतापुर के अछरोड़ा स्थित गोदाम और मोहकमपुर स्थित प्रिंटिंग प्रेस के बाद गजरौला से पुलिस ने करोड़ों की अवैध किताब और मशीनों को कब्जे में लेकर जांच शुरू की। पुलिस की जांच में सामने आया कि संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता की फर्म टीएनएचके प्रिंटर्स एंड पब्लिकेशन से अकेले सौ करोड़ का माल नहीं बेचा गया है। मेरठ समेत प्रदेश के अन्य जनपदों में टीएनएचके फर्म से माल की सप्लाई दी जाती थी। उसके बाद एनसीआर और दिल्ली में दिल्ली की फर्म एसपीएम से अवैध किताबें बेची जा रही थी।

अवैध किताबों की छपाई

हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में नौचंदी के अग्रवाल पब्लिकेशन के बिल पर किताबों की बिक्री की जाती रही है। अग्रवाल पब्लिकेशन के मालिक गुड्डू हैं, जो पहले भी दिल्ली के राहुल जैन के लिए एनसीईआरटी की अवैध किताबों की छपाई कर चुके है। सवाल है कि अग्रवाल पब्लिकेशन के बिलों पर गुप्ता परिवार किताबों की बिक्री उनकी सहमति से कर रहे थे या फिर चोरी से उनकी बिल बुक का प्रयोग किया जा रहा था। पुलिस अभी तक मानकर चल रही है कि पब्लिकेशन की सहमति से ही किताबों की उनकी फर्म के बिल पर किताब बेची जा रही है।

बिल बुक खोल रही राज

पुलिस की एक टीम फर्म एसपीएम के बारे में भी जानकारी करने दिल्ली गई है। पुलिस को इस फर्म की भी 37 बिल बुक मिली हैं, जिनसे 3700 बिलों पर करोड़ों की किताब बिक्री हो चुकी है। साथ ही पुलिस को गोदाम के अंदर से दो हजार से ज्यादा दुकानदारों के नामों से भरे रजिस्टर मिले है, जिन्हें किताबों की सप्लाई दी जाती थी। यह दुकानदार सिर्फ मेरठ के ही नहीं है, बल्कि दूसरे राज्यों के विभिन्न शहरों के हैं। पुलिस ने सभी दुकानदारों की लिस्ट एनसीईआरटी को भी सौंप दी है। ताकि पता चल सके कि इस लिस्ट में एनसीईआरटी के अधिकृत कितने दुकानदार शामिल है।

इन पर करें गौर

- 52 बिल बुक टीएनएचके फर्म की मिली हैं, जो सचिन गुप्ता की मां अनिता गुप्ता के नाम अंकित है।

- 37 बिल बुक एसपीएम फर्म के मिली हैं, जिनकी सप्लाई दिल्ली तथा एनसीआर में दी जा रही है।

- 35 बिल बुक अग्रवाल पब्लिकेशन की हैं, इस फर्म के स्वामी नौचंदी क्षेत्र में रहने वाले गुड्डू हैं।

इनका कहना है

सचिन गुप्ता के गोदाम से तीन फर्म की सौ पेज की बिल बुक बरामद की गई है। सभी बिल दुकानदारों को काटे गए हैं। साथ ही कई रजिस्टर भी मिले हैं, जिन में एनसीईआरटी की अवैध सप्लाई उठाने वाले दुकानदारों के नाम हैं। सभी को पुलिस ने विवेचना का हिस्सा बना लिया है। साथ ही तीनों फर्म को नोटिस भेजकर जवाब भी मांगा जा रहा है।

- ब्रिजेश सिंह, सीओ एसटीएफ

chat bot
आपका साथी