कार में हीटर या एसी का इस्तेमाल कहीं नुकसान न पहुंचा दे

कार में एसी या हीटर का इस्तेमाल सावधानीपूर्व करना चाहिए। जानकारों की मानें तो इससे फायदा कम और नुकसान ज्यादा होता है। इससे दम भी घुट सकता है।

By Ashu SinghEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 11:47 AM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 11:47 AM (IST)
कार में हीटर या एसी का इस्तेमाल कहीं नुकसान न पहुंचा दे
कार में हीटर या एसी का इस्तेमाल कहीं नुकसान न पहुंचा दे
मेरठ (जेएनएन)। ठंड में हीटर और गर्मी में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल कार में आरामदेह तो है, लेकिन जानकारों की मानें तो इससे फायदा कम और नुकसान ज्यादा होता है। जरा सी चूक आपकी कार को कार्बनडाइ, सल्फर और नाइट्रोजन ऑक्साइड के गैस चैंबर में तब्दील कर सकती है, जो पलभर में दम घोंट सकती है। अभिभावकों को ध्यान देना होगा कि वह कम से कम 10 साल से छोटे बच्चों को कार में अकेला न छोड़ें। विशेषज्ञों का मानना है कि 95 फीसद लोग कार में हीटर या एसी का इस्तेमाल करते हैं।
उच्च तापमान से बड़ा खतरा
फिजिशियन डा. संदीप जैन ने बताया कि कार में हीटर के कारण शरीर का तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाता है। इससे दिमाग, दिल, किडनी व लीवर को नुकसान होने लगता है। इस स्थिति में पहुंचने केबाद भी शरीर के ताप को कम करने का उपाय न किया जाए तो व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। वह कोमा में भी जा सकता है। बच्चों के लिए यह स्थिति ज्यादा खतरनाक होती है, क्योंकि उनका शरीर वयस्कों की तुलना में अधिक कोमल होता है और उनकी तापमान सहन करने की क्षमता भी वयस्कों के मुकाबले काफी कम होती है।
हीटर से घुट सकता है दम
डा. जैन ने बताया कि कार में हीटर का इस्तेमाल दम तक घोंट सकता है। सड़क पर दौड़ रहे वाहनों के धुएं से निकलने वाली कार्बनडाइ, सल्फरडाइ, मोनो आक्साइड व नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी घातक गैस स्वास्थ्य के लिए बड़ी गंभीर हैं। यह हीटर के जरिए कार के अंदर प्रवेश कर जाती हैं और कार गैस चैंबर में तब्दील हो जाती है। यह गैस खून के हीमोग्लोबिन से ऑक्सीजन की तुलना में 267 गुना ज्यादा तेजी से चिपकती हैं। ऐसे में दम घुटना शुरू हो जाता है। इससे व्यस्क या बच्चे की मौत हो सकती है। एसी चलाते समय भी यह गैस अंदर प्रवेश कर स्वास्थ्य को क्षति पहुंचाती हैं।
कार में बच्चों को न छोड़ें अकेला
बंद कार में हीटर या एसी चलने से अंदर का तापमान बाहर के तापमान की तुलना में 20 डिग्री सेल्सियस तक बढ़-घट जाता है। बगैर वैंटिलेशन के कार की पिछली सीट भी उतनी ही गरम होती है जितना कि कार का आगे का हिस्सा। थोड़ी देर होने पर तापमान 70 डिग्री सेल्सियस तक भी जा सकता है। इसलिए बच्चों को उसमें अकेला कतई न छोड़ें। इससे उनका दम तक घुट सकता है।
दुर्घटना का भी खतरा
एसपी ट्रैफिक संजीव कुमार बाजपेयी का कहना है कि एसी व हीटर से यात्र के दौरान आराम मिलता है, जिससे नींद आने लगती है और यह दुर्घटना का कारण बनती है।
कार की जान है कूलेंट व रेडिएटर
हीटर या एसी चलाने से पहले कूलेंट को चेक कर लें। वह सही मात्र में होना चाहिए, जो कार को ठंडी रखता है। अगर कार का कूलेंट लेवल कम हो चुका है, तो इसे रीफिल करना जरूरी है। रेडिएटर भी साफ होना चाहिए। यह भी इंजन को ठंडा रखता है।
माइलेज पर भी पड़ता है प्रभाव
ऑटो एक्सपर्ट प्रमोद कुमार ने बताया कि कार को स्टार्ट करते ही हीटर ऑन नहीं करना चाहिए, क्योंकि उस समय गाड़ी का इंजन ठंडा होता है। हीटर ऑन करेंगे तो फ्यूल की बर्बादी होगी। गाड़ी स्टार्ट करने पर कार का इंजन जल्दी गर्म हो इसलिए ज्यादा फ्यूल खर्च होने लगता है। कार के माइलेज पर भी इससे प्रभाव पड़ता है।फैक्ट फाइल 95 प्रतिशत लोग करते हैं कार में हीटर या एसी का इस्तेमाल 40.5 डिग्री सेल्सियस से ऊपर हीटर पहुंचा देता है शरीर का तापमान 267 गुना तेजी से हीमोग्लोबिन से चिपकती है मोनो ऑक्साइड, घुट जाता है दम 70 डिग्री सेल्सियस तक भी जा सकता है बंद कार में हीटर के इस्तेमाल से तापमान
chat bot
आपका साथी