हृदय रोगी 50 से कम रखें एलडीएल : डा. राजीव अग्रवाल

सेना के अधिकारियों ने रविवार को दिल का हाल जाना। आरबीसी में आयोजित एक कार्यक्रम में वरिष्ठ कार्डियोलोजिस्ट डा. राजीव अग्रवाल ने हृदय को स्वस्थ रखने एवं पुराने मरीजों को बचाव के मंत्र दिए। कहा कि हृदय रोगी एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) 50 से कम पर रोकें, जबकि स्वस्थ व्यक्ति के लिए अधिकतम सीमा 100 होनी चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 08:00 AM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 08:00 AM (IST)
हृदय रोगी 50 से कम रखें एलडीएल : डा. राजीव अग्रवाल
हृदय रोगी 50 से कम रखें एलडीएल : डा. राजीव अग्रवाल

मेरठ । सेना के अधिकारियों ने रविवार को दिल का हाल जाना। आरबीसी में आयोजित एक कार्यक्रम में वरिष्ठ कार्डियोलोजिस्ट डा. राजीव अग्रवाल ने हृदय को स्वस्थ रखने एवं पुराने मरीजों को बचाव के मंत्र दिए। कहा कि हृदय रोगी एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) 50 से कम पर रोकें, जबकि स्वस्थ व्यक्ति के लिए अधिकतम सीमा 100 होनी चाहिए।

आरबीसी में सुबह 11 बजे से आयोजित कार्यक्रम में मेजर जनरल अनिल कुमार ने डा. राजीव अग्रवाल को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। इसके बाद डा. राजीव अग्रवाल ने कहा कि हृदय के मरीजों को दवाएं जीवनभर लेनी पड़ती हैं। आगाह किया कि व्यायाम और संतुलित खानपान का फायदा तभी होगा, जब दवाएं भी नियमित खाई जाएंगी। भारत में 75 फीसद हृदय रोगी एक साल में दवाएं लेना बंद कर देते हैं, जिससे वो दोबारा बीमारी की चंगुल में फंस जाते हैं। कहा कि जिन्हें हार्ट अटैक हो चुका है, वो हर दो साल में ईको एवं टीएमटी जांच कराएं। अस्थमा एवं हृदय रोगी जाड़े में मार्निग वाक न करें। इसके लिए उन्हें धूप निकलने के बाद बाहर आना चाहिए। गर्म कपड़ा पहनने के बाद भी नाक खुली होने से ठंडी हवा फेफड़ों तक पहुंचती है, जो घातक साबित हो सकती है। कहा कि छह घंटे से ज्यादा सीट पर बैठना दिनभर में कई सिगरेट पीने से ज्यादा नुकसान करेगा। इस दौरान सेना के अधिकारियों एवं उनके परिवार वालों ने भी कई प्रश्न पूछे।

कूड़े से पटा पढ़ा है शहर, कैसे ले शुद्ध हवा। मेरठ में बात स्वच्छ भारत की हो रही है, लेकिन शहर कूड़े से अटा पड़ा है। नालों में बजबजा रहे कूड़े की दुर्गध से शहर की आबोहवा प्रदूषित है। सड़कों के किनारे अवैध कूड़ा डंपिंग हो रही है। जलनिकासी तो पहले से चरमराई है। क्लीन मेरठ ग्रीन मेरठ का सपना भले सरकार ने पाल रखे हों लेकिन स्थितियां ऐसी हैं कि स्वच्छता की रैंकिंग में बेहतर परिणाम की उम्मीद करना अभी बेमानी है। नगर विकास मंत्री जी! आइए..कूड़े से पटे शहर में आपका इंतजार है। एक उम्मीद भी..कि आपकी मौजूदगी से शायद स्वच्छता मिशन की रफ्तार धरातल पर मूर्त रूप ले सके।

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