बच्चों को टीके लगवा लो...नहीं तो दाखिले में दिक्कत होगी

बच्चों को कई खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण जरूरी है। लेकिन अब यह स्कूल में दाखिले के लिए भी जरूरी हो गया है। स्कूल अभिभावकों से टीकाकरण का ब्योरा मांग रहे हैं।

By Ashu SinghEdited By: Publish:Sat, 15 Dec 2018 11:31 AM (IST) Updated:Sat, 15 Dec 2018 11:31 AM (IST)
बच्चों को टीके लगवा लो...नहीं तो दाखिले में दिक्कत होगी
बच्चों को टीके लगवा लो...नहीं तो दाखिले में दिक्कत होगी
मेरठ, [अमित तिवारी]। स्कूलों में इन दिनों बच्चों को रुबेला वायरस का टीका लगाया जा रहा है। इस ओर शासन और प्रशासन का विशेष जोर भी है, ताकि बच्चे इस वायरस की चपेट में न आएं। ऐसे में बच्चों की सेहत को लेकर विशेष सजगता बरतते हुए कुछ स्कूलों ने भी इस साल नया प्रयोग शुरू किया है। स्कूल में बच्चों के आगमन के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी पूरी जानकारी ली जा रही है। प्रवेश के लिए कागजातों के साथ बच्चों के टीकाकरण का ब्योरा भी मांगा जा रहा है।
स्वास्थ्य के प्रति बढ़ेगी जागरूकता
बच्चों की मेडिकल हिस्ट्री को सहेजकर रखना जरूरी होता है। बच्चों को निश्चित अंतराल में तरह-तरह के टीके लगाए जाते हैं। स्कूलों का तर्क है कि परिजनों से टीकाकरण का ब्योरा मांगने से वे जागरूक भी रहेंगे। यदि किसी परिजन ने टीकाकरण पूरा नहीं कराया है तो उन्हें इसे पूरा करने को प्रेरित किया जा सकता है। स्कूलों में आयोजित पैरेंट-टीचर मीटिंग में भी बच्चों की स्वास्थ्य जांच कराते रहने को कहा जाता है।
स्कूलों में बनाया जा रहा हेल्थ कार्ड
सीबीएसई ने भी कक्षा नौ से 12वीं तक के बच्चों के लिए हेल्थ कार्ड बनाने को कहा है। इसमें बच्चों की लंबाई, वजन, ब्लड ग्रुप आदि की जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही स्कूल भी बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी अन्य जानकारी कार्ड में अपडेट कर रहे हैं। कार्ड में परिजनों के स्वास्थ्य संबंधी कुछ जानकारियां भी दी जाती हैं। अब स्कूलों में यह कोशिश भी है कि छोटी कक्षाओं से ही बच्चों का हेल्थ कार्ड बनाया जाए।
केवी में भी हो रहा फिजिकल टेस्ट
केंद्रीय विद्यालयों में बच्चों का हेल्थ कार्ड बनाया जा रहा है। इसमें बच्चों के फिजिकल फिटनेस की जांच विभिन्न एक्सरसाइज के जरिए की जाती है। बच्चों में कोई शारीरिक दोष मिलने पर उपचारात्मक कार्यवाही की जाती है। इसमें बच्चों को खेलकूद में शामिल करने से लेकर शारीरिक परिश्रम तक पर जोर है। इसकी पूरी रिपोर्ट केवी संगठन के निर्धारित फार्मेट में तैयार की जा रही है।
इनका कहना है
स्कूल में सामान्य हेल्थ चेकअप कैंप में हमें जो जानकारी मिलती है उसे हम कार्ड में अपडेट कर लेते हैं। इसीलिए इस बार शुरू में ही परिजनों से टीकाकरण की जानकारी भी मांग रहे हैं। इससे बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी मिलेगी और परिजनों की जागरूकता का स्तर भी ज्ञात होगा।
-रुचि शर्मा, प्रिंसिपल, दीवान पब्लिक स्कूल इंटरनेशनल
इस तरह का डाटा संग्रह के लिए हर स्कूल में पर्याप्त मैनपावर उपलब्ध है, यह जरूरी नहीं है। यह व्यक्तिगत जानकारी होती है, इसलिए परिजन देने से इन्कार भी कर सकते हैं। पढ़ाने के साथ ही उन्हें जागरूक करना भी हमारी जिम्मेदारी है, जो सभी को करनी चाहिए।
-राहुल केसरवानी, सचिव, मेरठ स्कूल सहोदय कांप्लेक्स
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