मेरठ में मनचले की करतूत, पहले युवती की सगाई तुड़वाई, अब तेजाब डालने की दे रहा धमकी

मेरठ में एक मनचला एक युवती की सगाई तुड़वा चुका है। अब उसे तेजाब से नहलाने की धमकी दे रहा है। उसके और अपने फोटो-वीडियो को रिश्तेदारी में भेजकर बदनाम भी कर रहा है। शिकायत के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस जांच कर रही है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Fri, 21 May 2021 07:30 PM (IST) Updated:Fri, 21 May 2021 07:30 PM (IST)
मेरठ में मनचले की करतूत, पहले युवती की सगाई तुड़वाई, अब तेजाब डालने की दे रहा धमकी
मेरठ में एक मनचले के आतंक परेशान युवती ने घर से निकलना बंद दिया है।

मेरठ, जेएनएन। मेरठ में मनचले के आतंक से युवती घर में कैद हो गई है। युवक उसकी सगाई भी तुड़वा चुका है। उसे तेजाब से नहलाने की धमकी दे रहा है। उसके और अपने फोटो-वीडियो को रिश्तेदारी में भेजकर बदनाम भी कर रहा है। शिकायत के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

यह है मामला

ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र निवासी महिला ने बताया कि उसकी बेटी की दोस्ती क्षेत्र निवासी युवक से थी। कुछ दिनों बाद बेटी को पता चला कि युवक सही नहीं है, जिसके बाद उसने बोलचाल बंद कर दी थी। हाल ही में उन्होंने बेटी का रिश्ता तय कर दिया था। इसकी जानकारी जब युवक को लगी तो उसने कहीं से लड़के पक्ष का नंबर लिया और झूठ बोलकर रिश्ता तुड़वा दिया। आरोपित युवक शादी करने का दबाव बना रहा है। उसकी बात नहीं मानने पर तेजाब से नहलाने की धमकी दे रहा है।

अलग अलग नंबर से संदेश

पुलिस से शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने सारथी संस्था की अध्यक्ष कल्पना पांडेय से संपर्क किया। बताया कि एक युवक बेटी को परेशान कर रहा है। उसने घर से निकलना भी दूभर कर दिया है। अलग-अलग नंबर से मैसेज भेजकर धमकी दे रहा है। कल्पना पांडेय ने बताया कि उन्होंने महानगर अध्यक्ष मयंक वर्मा, वासू प्रजापति और अशोक शर्मा को लड़की के घर भेजा। उन्होंने स्वजन से बात की और उनको साथ लेकर ब्रह्मपुरी थाने पहुंचे। पीड़ित पक्ष ने आरोपित के बारे में जानकारी दी। पहले तो थाना प्रभारी सुभाष अत्री ने युवक से बात कर हड़काया। इसके बाद उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। थाना प्रभारी ने बताया कि जल्द ही आरोपित को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

काफी दिनों से काट रहे थे चक्कर

युवती की मां ने बताया कि वह कार्रवाई की मांग को लेकर काफी दिनों से थाने के चक्कर काट रहे थे। पुलिस वाले मामले को सुन लेते थे, लेकिन कुछ नहीं हो रहा था। इसके बाद उन्होंने संस्था के पदाधिकारियों का सहारा लिया और रिपोर्ट दर्ज हुई।

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