मेरठ में टूटे ट्रैक से गुजर गई दून एक्सप्रेस, टला बड़ा हादसा

मेरठ के दौराला के पास सकौती में आज रेलवे ट्रैक टूटा मिला। दून एक्सप्रेस के छह डिब्बे निकलने के बाद ट्रेन को रोका गया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 21 Nov 2016 11:32 AM (IST) Updated:Mon, 21 Nov 2016 05:43 PM (IST)
मेरठ में टूटे ट्रैक से गुजर गई दून एक्सप्रेस, टला बड़ा हादसा

मेरठ (जेएनएन)। रेलवे संरक्षा में गंभीर चूक का उदाहरण आज मेरठ में देखने को मिला। यहां पर रेलवे ट्रैक के रखरखाव में गंभीर अनदेखी के कारण आज एक और बड़ा रेल हादसा टल गया। दून एक्सप्रेस के छह डिब्बे निकलने के बाद ट्रेन को रोका गया।

मेरठ के दौराला के पास सकौती में आज रेलवे ट्रैक टूटा मिला। कानपुर देहात के पास कल इंदौर-पटना एक्सप्रेस की दुर्घटना के बाद भी रेलवे प्रशासन गंभीर नहीं है। दौराला के पास सुबह रेलवे के कुछ कर्मचारियों ने रेलवे ट्रैक में बड़ा फ्रेक्चर देखा। माना जा रहा है कि यहां रात भर में कई ट्रेन अपनी रफ्तार से गुजरीं। आज घटना की जानकारी से रेलवे अफसरों में खलबली मच गई है। जहां पर ट्रैक में फ्रेक्चर देखा गया है, वहां टीम मौके पर भेजी। आज भी इस टूटे ट्रैक से देहरादून के छह डिब्बे गुजर गए। उसके बाद ट्रेक को रोका गया फिर धीरे-धीरे पास कराया गया।

ट्रेन हादसे में घायलों की सूची और हेल्पलाइन नंबर की देखें तस्वीरें

इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे की दर्दनाक तस्वीरें

मेरठ-सहारनपुर रेलवे ट्रैक पर सकौती पुल के पार करते ही ट्रैक फ्रैक्चर होने से ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। सुबह ट्रैक फ्रैक्चर होने का पता तब चला जब देहरादून एक्सप्रेस के छह डिब्बे टूटे ट्रैक से गुजर गए। झटका लगने से टूटे ट्रैक का पता चला। आनन-फानन में ट्रेन रोकी गई। कुछ देर बाद चालक ने ट्रेन को धीमी गति से पार कराया और कैंट स्टेशन पर ट्रैक फ्रैक्चर होने की सूचना दी गई। सूचना से कैंट स्टेशन पर खलबली की स्थिति बन गई। ट्रैक पर आ रही गोल्डन टेंपल सहित कई गाडिय़ों को रोका गया। साथ ही मेरठ से सहारनपुर के रस्ते में आने वाली ट्रेनों को भी सूचना देकर रुकवाया गया। उधर, मौके पर पहुंची रेलवे इंजीनियर्स की टीम ने टूट ट्रैक की मरम्मत कर ट्रेनों का संचालन शुरू कराया। हालांकि रेलवे अफसर सुबह के समय ट्रैक फ्रैक्चर होने की बात कह रहे हैं, लेकिन संभावना है कि फ्रैक्चर रात में किसी समय हुआ था और इस दौरान टूटे ट्रैक से ट्रेनों का संचालन होता रहा। रेलवे की लापरवाही से बड़ा हादसा भी हो सकता था। कैंट स्टेशन अधीक्षक राजपाल सिंह ने बताया कि ट्रैक फ्रैक्चर होने का पता चलते ही इंजीनियर्स की टीम को मौके पर भेजकर ट्रैक की मरम्मत करा दी गई।

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