मेरठ में शिलापट पर विधायकों के नाम लिखवाने के नए प्रारूप पर बढ़ा गतिरोध, जानिए क्यों

नगर निगम अंतर्गत वार्डों में विकास कार्य के शिलापट की नई डिजाइन को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। दरअसल नगर निगम ने शिलापट में क्षेत्रीय विधायकों के नाम लिखना प्रस्तावित किया है। जिसका पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया है। इसका समाधान निकाला जाएगा।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Publish:Sat, 09 Jan 2021 12:36 PM (IST) Updated:Sat, 09 Jan 2021 12:36 PM (IST)
मेरठ में शिलापट पर विधायकों के नाम लिखवाने के नए प्रारूप पर बढ़ा गतिरोध, जानिए क्यों
विकास कार्य के शिलापट की नई डिजाइन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

मेरठ, जेएनएन। मेरठ नगर निगम अंतर्गत वार्डों में विकास कार्य के शिलापट की नई डिजाइन को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। दरअसल, नगर निगम ने शिलापट में क्षेत्रीय विधायकों के नाम लिखना प्रस्तावित किया है। जिसका पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया है। नगर आयुक्त को पत्र लिखकर विरोध जताया है। पार्षद और कार्यकारिणी समिति के सदस्य अब्दुल गफ्फार ने नगर आयुक्त मनीष बंसल को पत्र लिखा है।

इस पत्र में कहा है कि वार्ड 73 में निर्माण कार्य चल रहा है। इस कार्य के लिए शिलापट लगाया जाना है। निर्माण विभाग ने शिलापट का नया प्रारूप तैयार किया है। वर्तमान में इस प्रारूप के अनुसार ही शिलापट लगाया जाएगा। जिस पर क्षेत्रीय विधायक का नाम भी अंकित किया जाएगा। निर्माण विभाग के इस प्रारूप पर आपत्ति है। पूर्व में कभी भी इस प्रकार के शिलापट नहीं लगाए गए और न ही कोई शासनादेश आया है।

पार्षद अब्दुल गफ्फार ने नगर आयुक्त से मांग की कि निर्माण विभाग के शिलापट संबंधित नये प्रारूप को खारिज कर पूर्व की तरह ही शिलापट लगाए जाएं। वहीं, भाजपा पार्षद अंशुल गुप्ता ने कहा कि यह व्यवस्था उचित नहीं है। विधायक निधि से जो काम हो वहां पर क्षेत्रीय विधायक अपना नाम अंकित कराएं लेकिन नगर निगम के विकास कार्य पर तो महापौर और पार्षद का ही हक है। सर्व दलीय पार्षद दल के दल नेता रंजन शर्मा ने भी नई व्यवस्था का विरोध किया है।

सूरजकुंड पुलिया का निर्माण शुरू

नगर आयुक्त मनीष बंसल के अल्टीमेटम के बाद आठ माह से ठप पड़ा सूरजकुंड रोड पर नाले की पुलिया का निर्माण शुक्रवार को शुरू हो गया। ठेकेदार ने खोदाई का काम किया। मालूम हो कि कैंट विधायक के नेतृत्व में गुरुवार को सर्किट हाउस में हुई बैठक में पार्षद अंशुल गुप्ता ने यह मुद्दा उठाया था। नगर आयुक्त ने कहा था कि अगर ठेकेदार काम शुरू नहीं करता है तो उसका टेंडर निरस्त कर दिया जाएगा।

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