बोर्ड परीक्षार्थियों की गलतियों पर काउंसिल की नजर

यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में बच्चों द्वारा की जा रही गलतियों को परखा गया, सर्वे में सामने आया है कि कोचिंग नहीं लेने छात्रों का प्रदर्शन ज्यादा बेहतर रहा है।

By Ashu SinghEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 03:06 PM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 03:06 PM (IST)
बोर्ड परीक्षार्थियों की गलतियों पर काउंसिल की नजर
बोर्ड परीक्षार्थियों की गलतियों पर काउंसिल की नजर
मेरठ,[अमित तिवारी]। काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) की सर्वे रिपोर्ट में पिछले पांच सालों के दौरान बोर्ड परीक्षा की कापियों में बच्चों द्वारा की गई गलतियों को परखा गया है। बच्चों की गलतियों में बोर्ड परीक्षा के अनुरूप उत्तर न लिखना,उत्तर में कीवर्ड का इस्तेमाल न करना,गणित के प्रश्नों को हल करते समय यूनिट्स का सटीक इस्तेमाल न करना,कंपैटिबल डिफरेंसेस का न लिखना और उत्तर लिखना न आने के कारण नंबर कम मिलना आदि कमियां देखने को मिली हैं। यह कमियां स्कूलों में बच्चों को बोर्ड परीक्षा पैटर्न के बारे में सही तरीके से न बताया जाना माना जा रहा है।
बिना कोचिंग वाले बच्चे आगे
आइएससी और आइसीएसई स्कूलों में किए गए सर्वे में सामने आया है कि देश 63 फीसद बच्चे स्कूल के अलावा प्राइवेट कोचिंग लेकर पढ़ते हैं। लेकिन प्रदर्शन की तुलना में कोचिंग करने वाले बच्चों से बिना कोचिंग करने वाले बच्चे आगे रहे हैं। जिन बच्चों ने बिना किसी कोचिंग के वर्ष भर रेगुलर पढ़ाई की है उनके रिजल्ट बेहतरीन देखने को मिले हैं। यह सर्वे स्वयं काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) की ओर से किया गया है। काउंसिल ने यह खुलासा पिछले दिनों कोलकाता में हुए प्रिंसिपल्स-टीचर्स मीट में ‘एनलिसिस ऑफ प्यूपिल्स परफार्मेस डाक्यूमेंट’की रिपोर्ट में बताया है।
सर्वाधिक पसंदीदा विषय गणित व विज्ञान
काउंसिल की ओर से किए गए इस नेशनल सर्वे में आइसीएसई यानी कक्षा 10वीं के 3,568 छात्र-छात्राएं और 445 शिक्षकों ने हिस्सा लिया। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बच्चों में गणित और विज्ञान सबसे पसंदीदा विषय हैं। 70 फीसद बच्चे घर में टीवी, इंटरनेट और मोबाइल से जुड़े रहते हैं। रीडिंग कंप्रीहेंशन में बालिकाएं बेहतरी रही हैं तो विज्ञान व नए आइडिया में बालक आगे रहे हैं। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी देखा गया है कि जो बच्चे हर दिन स्कूलों की हर गतिविधियों को माता-पिता के साथ साझा करते हैं उनका प्रदर्शन काफी हद तक बेहतर रहा है। 
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