इंदौर की तर्ज पर Garbage disposal से निपटेगा नगर निगम, जानिए क्या है योजना Meerut News
कूड़ा निस्तारण की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम अब बड़ा कदम उठाने जा रहा है। इंदौर की तर्ज पर कंपोस्टिंग व सेग्रीगेशन प्लांट लगाए जाएंगे।
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। नगर निगम प्रशासन के सामने कूड़ा निस्तारण बड़ी चुनौती है। इससे निपटने के लिए एक ओर इंदौर की तर्ज पर कंपोस्टिंग व सेग्रीगेशन प्लांट लगाने की तैयारी है, वहीं दूसरी ओर हर वार्ड के 50 घरों में कंपोस्टिंग शुरू कराने की तैयारी में भी अफसर जुट गए हैं। मंगलवार को कैंप कार्यालय में नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने बैठक की। कंपोस्टिंग और सेग्रीगेशन प्लांट लगाने और घरों में कंपोस्टिंग शुरू कराने पर मंथन किया गया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह को पहले ही इसके लिए निर्देशित किया जा चुका है।
पायलट प्रोजेक्ट में एक हजार घर
योजना तो हर वार्ड में 50 घरों में कंपोस्टिंग शुरू करने की है। कुल 90 वार्ड हैं इस हिसाब से 4500 घरों में कंपोस्टिंग की स्कीम है, लेकिन तय किया गया है कि नगर निगम पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरुआत में एक हजार घर लेगा। मकान स्वामियों को निगम तकनीकी सलाह मुहैया कराएगा। इससे किचन से निकलने वाले गीले कूड़े को घर में ही कंपोस्ट में तब्दील किया जा सकेगा। बता दें कि पूर्व नगर आयुक्त ने भी यह स्कीम बनाई थी, लेकिन धरातल पर इसका क्रियान्वयन नहीं हो पाया।
इन घरों को करेंगे चिह्नित
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह ने बताया कि ऐसे घरों को चिह्नित करेंगे। जो बड़े भूखंड पर कोठीनुमा बने हैं। जिनके घरों में पेड़-पौधे हैं। पत्ती रोज निकलती है। परिवार बड़ा है। घर में कूड़ा काफी मात्रा में निकलता है। सफाई निरीक्षकों को ऐसे घरों की सूची बनाने के निर्देश दिए हैं।
मशीनें खरीदने की तैयारी
मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि इंदौर की तर्ज पर शहर में कंपोस्टिंग व सेग्रीगेशन प्लांट लगने हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सूरजकुंड डिपो से शुरुआत करने पर विचार हुआ है। कूड़े को कतरन बनाने वाली शे्रडर मशीन और सेग्रीगेशन की मशीन खरीदी जाएगी। इसकी तैयारी की जा रही है।