स्कूलों में दाखिले पर पड़ी कोरोना की मार

पिछले साल मार्च में जब लाकडाउन लगा तब तक अंग्रेजी माध्यम के अधिकतर स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। लेकिन अभिभावकों ने किंडरगार्टन के बच्चों को आनलाइन भी नहीं पढ़ाया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 06:50 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 06:50 AM (IST)
स्कूलों में दाखिले पर पड़ी कोरोना की मार
स्कूलों में दाखिले पर पड़ी कोरोना की मार

मेरठ, जेएनएन। पिछले साल मार्च में जब लाकडाउन लगा तब तक अंग्रेजी माध्यम के अधिकतर स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। लेकिन अभिभावकों ने किंडरगार्टन के बच्चों को आनलाइन भी नहीं पढ़ाया। कुछ स्कूलों ने आनलाइन पाठ्यक्रम भेजने की कोशिश जरूर की, लेकिन यह संख्या भी बहुत कम रही। यूपी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया तो क्या पिछले सत्र के रिजल्ट भी नहीं दिए जा सके। परिषदीय स्कूलों में तो परीक्षा भी नहीं हो सकी थी। लाकडाउन का वह असर इस साल भी देखने को मिल रहा है। मार्च तक तकरीबन सभी स्कूलों में प्रवेश के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करा ली गई है, लेकिन सभी पंजीकृत बच्चों के प्रवेश अब तक नहीं हुए हैं।

प्रवेश खुलते ही स्कूल बंद

परिषदीय व माध्यमिक स्कूलों में नए सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू ही हुई थी कि आठवीं तक के स्कूल फिर बंद हो गए। कुछ स्कूलों ने तो मार्च में ही प्रवेश पंजीकरण करा लिए। वहीं, कुछ में पहले प्रवेश हो गए, लेकिन अब भी बहुत से बच्चे हैं जो स्कूल नहीं लौटे हैं। पब्लिक स्कूलों में नए सत्र की पढ़ाई शुरू होने के बाद भी प्रवेश प्रक्रिया अभी चल रही है। विभिन्न स्कूलों से टीसी कटवाकर स्कूल बदलने वाले अभिभावक भी बड़ी संख्या में हैं। पिछले साल की फीस को लेकर अब भी स्कूल और अभिभावकों में खींचतान चल रही है। पिछले साल की आठवीं तक के बच्चों की फीस अधिकतर स्कूलों में नहीं मिली है।

कम हुए रजिस्ट्रेशन भी

शहर के कुछ स्कूलों में जहां 900 से 12 सौ तक रजिस्ट्रेशन हुआ करते थे, इस साल वह भी पांच सौ के आस-पास ही रहे। मेरठ स्कूल सहोदय काम्प्लेक्स मेरठ महान के अध्यक्ष डा. कर्मेंद्र सिंह के अनुसार स्कूलों में रजिस्ट्रेशन के साथ ही प्रवेश पर भी बहुत असर पड़ा है।

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