डिजिटल इंडिया के स्वप्न को साकार करेगा गन्ना विभाग, समिति की सदस्यता होगी आनलाइन
ईआरपी प्रणाली की पारदर्शी व्यवस्था द्वारा गन्ना किसानों को समिति की सदस्यता आनलाइन प्रदान की जाएगी। किसान का आवेदन स्वीकृत अथवा अस्वीकृत होने की स्थिति में इसकी सूचना एसएमएस द्वारा संबंधित किसान के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्रेषित कर दी जाएगी।
मेरठ, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के प्रयास में गन्ना विभाग इस दिशा में प्रयास कर रहा है। ईआरपी प्रणाली की पारदर्शी व्यवस्था द्वारा किसानों को समिति की सदस्यता आनलाइन प्रदान की जाएगी। आनलाइन सदस्यता प्राप्त करने वाले किसानों को वेबसाइट enquiry.caneup.in पर विजिट करके सदस्यता के लिए आवेदन करना होगा। आनलाइन सदस्यता प्राप्त करने के लिए किसानों को फोटो, बैंक की पासबुक, राजस्व खतौनी, फोटो पहचान पत्र, घोषणा पत्र वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे। गन्ना किसानों को आनलाइन सदस्यता उनके अभिलेखों की जांच पूरी होने के बाद पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस द्वारा प्रदान की जाएगी।
चार दिनों में दिखाएं एकनोलेजमेंट रसीद
उप गन्ना आयुक्त मेरठ राजेश मिश्र ने बताया कि किसानों को आनलाइन सदस्यता प्रदान करने के संबंध में विभागीय अधिकारियों के लिए आनलाइन सदस्यता के लिए पंजीकरण, किसानों के अभिलेखों की जांच व सदस्यता प्रदान करने संबंधी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। किसानों को वेबसाइट पर एक्शन के आप्शन में न्यू मेंबरशिप नामक विकल्प पर सदस्यता के लिए आवेदन करना होगा। सभी कागजात अपलोड करने के बाद एकनोलेजमेंट प्राप्त करना होगा, जिसका प्रिंट आउट लेकर चार दिवस के अंदर किसान को समिति में एकनोलेजमेंट रसीद दिखाकर निर्धारित सदस्यता शुल्क 221 रुपये जमाकर कंप्यूटर जनरेटेड रसीद प्राप्त कर सकेंगे।
एक सप्ताह के अंदर अंश प्रमाण-पत्र
गन्ना विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसान का आवेदन स्वीकृत अथवा अस्वीकृत होने की स्थिति में इसकी सूचना एसएमएस द्वारा संबंधित किसान के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्रेषित कर दी जाएगी। साथ ही सदस्यता प्राप्त होने पर किसान को एक सप्ताह के अंदर अंश प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा। गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में सदस्यता के लिए अभी तक मैनुएल प्रक्रिया अपनाई जा रही थी। जिससे किसान के राजस्व व गन्ना क्षेत्रफल संबंधी अभिलेखों को जमा करने से लेकर स्थलीय सत्यापन व औपचारिक सदस्यता प्रदान करने तक एक वृहद प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। इसी जटिल प्रक्रिया के कारण सामान्य गन्ना किसान बिचौलियों के चंगुल में फंस जाता है। गन्ना समितियों की सदस्यता आनलाइन होने से विभागीय कार्मिकों व बिचौलियों पर किसानों की निर्भरता समाप्त होगी। साथ ही गन्ना किसानों को घर बैठे समिति की सदस्यता मिलेगी व समय की बचत होगी।