जांच रिपोर्ट में लेटलतीफी पर कमिश्नर नाराज, अधिकारियों को फटकार

कमिश्नर अनीता सी. मेश्राम ने मंगलवार को कलक्ट्रेट का निरीक्षण किया। इस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रकरणों की जांच एक साल में भी पूरी न करने पर नाराजगी जताई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jan 2019 04:00 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jan 2019 04:00 AM (IST)
जांच रिपोर्ट में लेटलतीफी पर कमिश्नर नाराज, अधिकारियों को फटकार
जांच रिपोर्ट में लेटलतीफी पर कमिश्नर नाराज, अधिकारियों को फटकार

मेरठ । कमिश्नर अनीता सी. मेश्राम ने मंगलवार को कलक्ट्रेट का निरीक्षण किया। इस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रकरणों की जांच एक साल में भी पूरी न करने पर नाराजगी जताई।

कमिश्नर ने पत्रावलियों का रख-रखाव ठीक प्रकार से करने एवं वरिष्ठता सूची तैयार रखने के निर्देश दिए। उन्होंने एसडीएम सरधना द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के प्रकरण में आख्या न देने तथा नगर मजिस्ट्रेट द्वारा नगर-निगम के यूनिपोल की जांच आख्या एक साल में न देने पर नाराजगी जताई। साथ ही रिपोर्ट एक सप्ताह में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। वहीं, भूलेख लिपिक द्वारा राजस्व निरीक्षक व अन्य की भविष्य निधि की पुस्तिकाओं में तीन माह की एंट्री न करने पर उसके विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस दौरान डीएम अनिल ढींगरा, एडीएम सिटी मुकेश चंद्र, एडीएम प्रशासन रामचंद्र, वित्त एवं राजस्व आनंद कुमार शुक्ला, एडीएम एलए ज्ञानेंद्र कुमार सिंह व न्यायिक प्रवीणा अग्रवाल, एसडीएम मेरठ निशा अनंत, सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

1857 का रिकार्ड भी देखा

निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने 1857 के रिकार्ड का भी अवलोकन किया। राजस्व लिपिक गुलफाम ने बताया कि 1857 की क्रांति के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों आदि पर जो मुकदमें आदि चले थे और उन मामलों में जो निर्णय हुए थे, वह यहां सुरक्षित हैं।

164 मुकदमे लंबित

निरीक्षण के बाद डीएम कार्यालय में कमिश्नर ने अधिकारियों की बैठक ली। समीक्षा के दौरान सभी न्यायालयों में करीब 164 मुकदमें लंबित होने की बात सामने आई। इससे पूर्व कलक्ट्रेट आगमन पर आयुक्त को गार्ड ऑफ आर्नर दिया गया।

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