सुरक्षित नहीं यूपी के शेल्टर होम : मेरठ में बच्चे के साथ कुकर्म, जेल भेजा गया आरोपी

राजकीय बालगृह केंद्र में रहने वाले 12 वर्षीय बालक से संविदाकर्मी जावेद अंसारी जुलाई से कुकर्म कर रहा था। मजिस्ट्रेट हर माह होने वाली जांच के लिए केंद्र में पहुंचे,बच्चों से बात की।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 03 Sep 2018 02:22 PM (IST) Updated:Mon, 03 Sep 2018 02:22 PM (IST)
सुरक्षित नहीं यूपी के शेल्टर होम : मेरठ में बच्चे के साथ कुकर्म, जेल भेजा गया आरोपी
सुरक्षित नहीं यूपी के शेल्टर होम : मेरठ में बच्चे के साथ कुकर्म, जेल भेजा गया आरोपी

मेरठ (जेएनएन)। देवरिया के शेल्टर होम में बालिकाओं के शारीरिक शोषण की सीबीआई व एसआइटी जांच के बीच अब मेरठ के शेल्टर होम में मामला सामने आया है। यहां पर एक बच्चे के साथ सुरक्षाकर्मी के लंबे समय से कुकर्म करने का प्रकरण खुला है। इस मामले में गुपचुप तरीके से सुरक्षाकर्मी को जेल भेजने के बाद जांच की जा रही है।

मेरठ में सूरजकुंड के राजकीय बालगृह केंद्र में एक संविदा कर्मी की दरिंदगी पर पर्दा डालने वाले बालगृह केंद्र के प्रभारी अधीक्षक अय्यूब हसन के खिलाफ कल केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस को बयानों में बच्चे ने बताया कि बालगृह केंद्र के प्रभारी अधीक्षक अय्यूब हसन को हर रोज कुकर्म की जानकारी दी जाती थी। इसके बावजूद वह आरोपित की दरिंदगी पर पर्दा डाल देता था। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने बताया कि प्रभारी अधीक्षक भी मुख्य आरोपित की जितना ही दोषी है। आरोपित अय्यूब हसन किठौर निवासी है। एक दिन पहले किठौर में भी दबिश दी गई। नौचंदी थाना पुलिस ने इस प्रकरण में 22 बच्चों के बयान दर्ज किए हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि जावेद काम खत्म कर बच्चों के बीच जाता था। खेलने का बहाना करके वहीं पर सो जाता था।

आरोप है कि संविदा कर्मी ने जान से मारने की धमकी देकर कई बार इस घिनौनी करतूत को अंजाम दिया। डरे सहमे पीडि़त बच्चे ने इसकी शिकायत पुलिस से की। इस घटना के खुलासे के बाद बाल गृह में खलबली मच गई। आनन-फानन में पूरे मामले पर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए। फजीहत से बचने के लिए प्रशासन ने इस पूरे मामले को सात दिन तक दबाए रखा। इसके बाद गुपचुप तरीके से थाना नौचंदी में मुकदमा दर्ज कर के आरोपी को जेल भेज दिया। इतना ही नहीं इस पूरे मामले पर थाना पुलिस और बाल गृह से जुड़े अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।

डीएम ने बताया कि 21 अगस्त को किशोर न्याय बोर्ड ने उन्हें पत्र भेजकर इस प्रकरण की जानकारी दी। 22 अगस्त को मजिस्ट्रेटी जांच बैठाई। 23 अगस्त को मजिस्ट्रेट अमिताभ यादव ने जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस आधार पर उसी दिन आरोपी पर नौचंदी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। अगले दिन 24 अगस्त को आरोपी जावेद को शामली से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। डीएम ने कहा कि हमने मामला जानकारी में आने के तीन दिन के भीतर पूरी कार्रवाई की।

प्रभारी अधीक्षक गायब, डीपीओ और प्रभारी अधीक्षक पर कार्रवाई को डीएम की संस्तुति

राजकीय बालगृह केंद्र में बालक से कुकर्म के मामले में डीएम ने डीपीओ और प्रभारी अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर शासन को रिपोर्ट भेज दी है। डीपीओ की जांच में बालगृह केंद्र के प्रभारी अधीक्षक की भूमिका संदिग्ध पाई गई। प्रभारी अधीक्षक घटना के बाद से ही गायब है। डीपीओ ने अपनी रिपोर्ट में अधीक्षक के निलंबन की संस्तुति की है। प्रभारी अधीक्षक ने आरोपित की हरकत को ही नहीं छुपाया, बल्कि बालक को चुप रहने के लिए डराया भी।

राजकीय बालगृह केंद्र में रहने वाले एक 12 वर्षीय बालक से संविदाकर्मी जावेद अंसारी जुलाई से कुकर्म कर रहा था। 21 अगस्त को मजिस्ट्रेट हर माह होने वाली रुटीन जांच के लिए केंद्र में पहुंचे और बच्चों से बात की। पीडि़त बालक ने सबकुछ बता दिया। मजिस्ट्रेट ने अपनी रिपोर्ट किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान न्यायधीश को सौंप दी। रिपोर्ट डीएम और एसएसपी के पास पहुंची और 23 अगस्त को आरोपित कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। नौचंदी थाना पुलिस ने आरोपित को उसी दिन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

आरोपित संविदाकर्मी को लखनऊ की कंपनी आरके इंटरप्राइजेज ने रखा था। पुलिस और विभागीय अधिकारियों ने कई दिनों तक मामला दबाए रखा। शनिवार को डीएम अनिल ढींगरा ने जिला प्रोबेशन अधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता के निलंबन संस्तुति कर दी है। आरोपित संविदाकर्मी की सेवा भी समाप्त कर दी गई है।

सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी पुलिस

बालगृह में हुई घटना के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम ने हर बिंदु पर जांच शुरू की है। केंद्र में रहने वाले सभी 22 बच्चों से पूछताछ की गई। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही है। बालक की मेडिकल रिपोर्ट का परीक्षण भी कराया जाएगा। मामला खुलने के बाद सीसीटीवी फुटेज से भी छेड़छाड़ की गई है। जांच अधिकारी पुष्पेन्द्र कुमार ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। शिकायत दर्ज कर ली गई है। अब जांच पूरी होने के बाद हम पूरे विवरण का खुलासा करेंगे। उन्होंने बताया कि हमें 4 सितंबर तक जांच रिपोर्ट जमा करनी है।

कार्रवाई की संस्तुति

मेरठ की मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम ने कहा कि राजकीय बालगृह में हुई घटना के संबंध में जिला प्रशासन ने अब जांच रिपोर्ट शासन को भेजी है। रिपोर्ट में डीपीओ पर लापरवाही बरतने और प्रभारी अधीक्षक पर अपराध को छिपाने के आरोप में कार्रवाई की संस्तुति की गई है। जिला प्रशासन को इस संबंध में निर्देशित किया गया है।

आरोपित को जेल

जिलाधिकारी मेरठ अनिल ढींगरा ने बताया कि आरोपित जेल भेजा जा चुका है, जबकि डीपीओ और प्रभारी अधीक्षक के निलंबन की संस्तुति शासन से की गई है। पुलिस को अधीक्षक के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।

प्रभारी की भूमिका पर संदेह

एसएसपी अखिलेश कुमार ने बताया कि बालगृह केंद्र में बच्चे के साथ कुकर्म की घटना को अंजाम देने वाले आरोपित को पुलिस ने जेल भेज दिया है। जांच में प्रभारी अधीक्षक की भूमिका पर भी संदेह है। इसकी जांच जारी है।

छुट्टी पर जाकर नहीं लौटे गृह अधीक्षक

बाल सुधार गृह के नए अधीक्षक अक्षयवर सिंह यादव बनाए गए हैं। उन्हें बस्ती से मेरठ में भेजा गया है। अक्षयवर सिंह के मुताबिक, यह मामला उनसे पहले का है। जब यहां आए तो पता चला कि पूर्व अधीक्षक अय्यूब हसन एक अगस्त को दो दिन की छुट्टी पर गए थे और फिर लौटे नहीं। अय्यूब हसन के खिलाफ डीएम ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है।

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