लाभार्थी खोजे नहीं मिल रहे, भाजपा कहां जलाए कमल दीपक
विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को खोजने का काम भाजपा कार्यकर्ता ठीक से नहीं कर सके। इस कारण 26 जनवरी को कमल दीपक जलाने का कार्यक्रम आगे खिसकाया जा सकता है।
मेरठ, जेएनएन। भाजपा 26 जनवरी को कमल दीपक कहां जलाएगी, जब लाभार्थी खोजे नहीं मिल रहे हैं। प्रदेश इकाई ने कार्यकर्ताओं को लाभार्थियों के घरों पर दीपक जलाने का टास्क दिया है। 15 दिसंबर तक चली कमल संदेश पदयात्रा में भी कार्यकर्ता लाभार्थियों का पता खोजते रह गए। योजनाओं का लाभ उठाने वाले सामने नहीं आए, और भाजपा ने भी प्रशासन से सूची हासिल करने में दिलचस्पी नहीं ली। अब दीपक जलाने का कार्यक्रम 26 जनवरी से एक माह आगे किया जा सकता है।
लाभार्थियों तक नहीं पहुंचे कार्यकर्ता
भाजपा ने एक से 15 दिसंबर तक कमल संदेश पदयात्रा निकाली। इस दौरान सरकारी योजना के लाभार्थियों से मिलकर उन्हें पार्टी का पत्रक थमाना था। महानगर क्षेत्र में गर्मजोशी के साथ पदयात्रा का आगाज तो हुआ, किंतु कार्यकर्ता लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाए। प्रशासन से मिली सूची में कार्यकर्ताओं का नाम एवं मोहल्ला अंकित था, जबकि उनका फोन नंबर और मकान नंबर न मिलने से पता नहीं लगा।
मात्र औपचारिकता निभाई
उधर, लाभार्थियों ने भी अपनी पहचान जाहिर नहीं की। ऐसे में संपर्क अभियान तो सफल रहा, किंतु लाभार्थियों से संपर्क कर उन्हें अपने साथ जोड़ने में पार्टी नाकाम हुई। कई मंडलों में आपसी खींचतान से कार्यक्रम की औपचारिकता निभाई गई। कमल संदेश पदयात्रा के बाद पार्टी केंद्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के दीये लाभार्थियों के घर जलाएगी। बड़ी संख्या में लोगों ने उज्ज्वला गैस, प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लोन, स्टार्ट अप, शौचालय एवं आयुष्मान भारत का लाभ उठाया है। अनुमान के मुताबिक महानगर क्षेत्र में ही दस हजार से ज्यादा नए शौचालय बनाए गए हैं, किंतु पार्टी ने इस सूची के लिए नगर निगम पर दबाव नहीं बनाया। जिले में ढाई लाख ने आयुष्मान भारत का लाभ उठाया, जबकि पार्टी स्वास्थ्य विभाग से भी सूची हासिल नहीं कर पाई। यह हाल तकरीबन पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सभी सीटों का रहा। जबकि प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने मेरठ समेत कई अन्य जिलों का दौरा किया था। कमल दीपक कार्यक्रम के प्रभारी अजय गुप्ता का कहना है कि सरकारी महकमों ने लाभार्थियों की सटीक सूची नहीं बनाई है।
एजेंट की तैनाती को लेकर राजनीतिक दल उदासीन
लोकसभा चुनाव के लिए तैनात होने वाले बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की तैनाती को लेकर भाजपा व कांग्रेस समेत अन्य दल उदासीन बने हुए हैं। बसपा को छोड़कर किसी भी दल ने बीएलए की तैनाती के लिए ब्योरा उपलब्ध कराकर पहल नहीं की है। मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय, राज्यीय, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत आने वाले मतदेय स्थलों पर बीएलए की तैनाती की जानी है। लेकिन, अभी तक बसपा को छोड़कर किसी ने बीएलए की तैनाती संबंधी विवरण जिला निर्वाचन कार्यालय में उपलब्ध नहीं कराया है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी व एडीएम (प्रशासन) रामचंद्र ने सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया है कि वह ब्योरा उपलब्ध करा दें।
लाभार्थियों तक नहीं पहुंचे कार्यकर्ता
भाजपा ने एक से 15 दिसंबर तक कमल संदेश पदयात्रा निकाली। इस दौरान सरकारी योजना के लाभार्थियों से मिलकर उन्हें पार्टी का पत्रक थमाना था। महानगर क्षेत्र में गर्मजोशी के साथ पदयात्रा का आगाज तो हुआ, किंतु कार्यकर्ता लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाए। प्रशासन से मिली सूची में कार्यकर्ताओं का नाम एवं मोहल्ला अंकित था, जबकि उनका फोन नंबर और मकान नंबर न मिलने से पता नहीं लगा।
मात्र औपचारिकता निभाई
उधर, लाभार्थियों ने भी अपनी पहचान जाहिर नहीं की। ऐसे में संपर्क अभियान तो सफल रहा, किंतु लाभार्थियों से संपर्क कर उन्हें अपने साथ जोड़ने में पार्टी नाकाम हुई। कई मंडलों में आपसी खींचतान से कार्यक्रम की औपचारिकता निभाई गई। कमल संदेश पदयात्रा के बाद पार्टी केंद्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के दीये लाभार्थियों के घर जलाएगी। बड़ी संख्या में लोगों ने उज्ज्वला गैस, प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लोन, स्टार्ट अप, शौचालय एवं आयुष्मान भारत का लाभ उठाया है। अनुमान के मुताबिक महानगर क्षेत्र में ही दस हजार से ज्यादा नए शौचालय बनाए गए हैं, किंतु पार्टी ने इस सूची के लिए नगर निगम पर दबाव नहीं बनाया। जिले में ढाई लाख ने आयुष्मान भारत का लाभ उठाया, जबकि पार्टी स्वास्थ्य विभाग से भी सूची हासिल नहीं कर पाई। यह हाल तकरीबन पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सभी सीटों का रहा। जबकि प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने मेरठ समेत कई अन्य जिलों का दौरा किया था। कमल दीपक कार्यक्रम के प्रभारी अजय गुप्ता का कहना है कि सरकारी महकमों ने लाभार्थियों की सटीक सूची नहीं बनाई है।
एजेंट की तैनाती को लेकर राजनीतिक दल उदासीन
लोकसभा चुनाव के लिए तैनात होने वाले बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की तैनाती को लेकर भाजपा व कांग्रेस समेत अन्य दल उदासीन बने हुए हैं। बसपा को छोड़कर किसी भी दल ने बीएलए की तैनाती के लिए ब्योरा उपलब्ध कराकर पहल नहीं की है। मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय, राज्यीय, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत आने वाले मतदेय स्थलों पर बीएलए की तैनाती की जानी है। लेकिन, अभी तक बसपा को छोड़कर किसी ने बीएलए की तैनाती संबंधी विवरण जिला निर्वाचन कार्यालय में उपलब्ध नहीं कराया है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी व एडीएम (प्रशासन) रामचंद्र ने सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया है कि वह ब्योरा उपलब्ध करा दें।